तमिलनाडु में प्रेसवार्ता के दौरान राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा महिला पत्रकार के सवाल पूंछने पर गाल सहलाने से विवाद की स्थिति बन गई है। महिला पत्रकार ने राज्यपाल के इस हरकत का विरोध जताया है। महिला ने राज्यपाल की इस हरकत से आहत होकर 360 शब्दों का आर्टिकिल भी लिखा है।
दरअसल राज्यपाल ने 'डिग्री के लिए सेक्स' केस में आरोपी महिला के बयान को लेकर प्रेस कांफ्रेस बुलाई थी। अस बीच राज्यपाल ने इस कृत्य को अंजाम दे डाला। राज्यपाल की यह हरकत महिला को नागवार गुजरी। महिला पत्रकार पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम का कहना है कि घटना के बाद कई बार अपना मुंह धोया। महिला ने सोशल मीडिया पर हरकत कर विरोध करते हुए कहा वह इसे भुला नहीं पा रही हैं। घटना अत्यंत ही दुखद और गलत है।
गुस्से में पत्रकार
महिला पत्रकार ने ट्वीट कर कहा है कि वह राज्यपाल से काफी गुस्से में हैं। कई बार गाल को धोया, लेकिन इस भाव से छुटकारा नहीं पा रही हैं। ये हो सकता है आपके लिए प्रोत्साहन का तरीका और दादाजी जैसा रवैया हो, लेकिन मेरे लिए आप गलत हैं। जो भी हो यह उनके साथ अव्यवहारिक रवैया है। किसी अंजान को उसकी सहमति के बिना छूना, खास तौर से महिला को, गलत है।
अशोभनीय कृत्य
तमिलनाडु विपक्षी दल द्रमुक ने घटना को अशोभनीय कृत्य करार दिया है। पिवक्षी ने जवाब में कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति के लिए यह कृत्य शोभा नहीं देता। द्रमुक की राज्यसभा सदस्य कनिमोझी ने ट्वीट किया कि, 'अगर संदेह नहीं भी किया जाए तब भी संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति को महिलाओं की मर्यादा समझनी चाहिए।
ये है मामला
तमिलनाडु के अरुप्पूकोट्टई के देवांग आर्ट कॉलेज की महिला लेक्चरर पर आरोप लगाा था कि अधिकारियों के साथ मिलीभगती की थी। छात्रों को ज्यादा नंबर दिए और रुपए के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर तालमेल बनाने की सलाह दी। जब उनपर यह आरोप लगे तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद एक आॅडियो वायरल हुआ, जिसमें लेक्चरर महिला राज्यपाल से आपसी संबंधों की बात करते सुनाई दे रही हैं। इसी बात को लेकर राज्यपाल ने प्रेसवार्ता बुलाई थी।
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