फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने नियुक्त आदेश निरस्त करते हुए कोतवाली अनूपपुर में एफआईआर के निर्देश दिए |
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अनूपपुर : राम मनोहर सिंह : 9584933114
- नव नियुक्त आरक्षक की नियुक्त समाप्त मामले में अब जांच के बाद एफआईआर के निर्देश
- विद्यालयीन समय से अब तक के दस्तावेजो में जाति भील, शपथ पत्र में कबूला एससी
अनूपपुर:- अनूपपुर में हुए नव नियुक्त आरक्षक के फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में जहां पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने ५ जून को नियुक्त आदेश निरस्त करते हुए कोतवाली अनूपपुर में एफआईआर के निर्देश दिए गए। जहां इस पूरे मामले में सेवा से पृथक हुए आरक्षक राहुल जाट राहुल जाट पिता भागचंद्र जाट संजय नगर कॉलोनी निवासी सनावद जिला खरगौन से संपर्क उसके जाति के संबंध में पूछा गया।
जिस पर उसने अपनी प्राथमिक शिक्षा से ही विद्यालय के हर दस्तावेजो में अपनी जाति भील होने तथा विद्यालय के माध्यम से छात्रवृत्ति के समय बनाए जाने वाले अस्थाई जाति प्रमाण पत्र पर भी अनुसूचित जनजाति दर्ज होना बताया। इतना ही नही उसके अस्थाई जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर उसका स्थाई जाति प्रमाण पत्र वर्ष २०११ में बना था, जहां तब वह नाबालिग था तथा जाति तथा उससे मिलने वाले लाभ के बारे में जानकारी का ज्ञान नही था।
एससी के नही थे कोई प्रमाण
जब राहुल जाट से अपने परिवार के किसी भी व्यक्ति से इस संबंध में राय लेने की बात पूछी गई तो उसने बताया कि मेरे पूरे परिवार में मै पहला सदस्य हॅू जो अपने परिवार में सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा हॅू। ऐसी स्थिति में मुझे इस संबंध में किसी ने राय नही दी। वहीं जब वर्ष २०१७ में आरक्षक (चालक) पद पर नियुक्त निकली जिसमें एसटी व एससी दोनो ही पदो की भर्ती थी, लेकिन मेरे पास जाति के आधार पर सभी दस्तावेज़ों में जाति भील (अनुसूचिज जनजाति) के थे तथा मेरे पास एससी होने का कोई भी प्रमाण व दस्तावेज ही नही थे। जहां अपने आवेदन के समय एसटी से आवेदन किया गया।
एसपी के पास स्वयं पहुंच बताई थी जाति
राहुल जाट ने बताया कि चूंकि मेरे पास मेरी प्राथमिक पढाई से जहां सभी दस्तावेजो में मेरी जाति भील लिखी हुई है। जिसके बाद से सभी दस्तावेज अनुसूचित जनजाति के बनते चलाए आए। वहीं मेरे नाबालिग होने तथा मेरे माता पिता व परिवार के लोगो की अज्ञानता के कारण मेरे किसी भी दस्तावेज में एससी दर्ज नही हुआ। वहीं जब मुझे एसटी व एससी दोनो कोटे से भर्ती निकली तो मेरे पास अपने दस्तावेजो के हिसाब से मुझे मजबूरन एसटी में आवेदन करना पड़ा। और मेरी नियुक्त के बाद मैने पुलिस अधीक्षक को स्वयं आकर अपनी जाति बताई तथा शपथ पत्र दिया।
एसपी ने जांच के बाद ही कार्यवाही के दिए निर्देश
जहां ५ जून को पुलिस अधीक्षक ने एसटी कोटे से हुई भर्ती तथा नियुक्त हुए आरक्षक ने अपनी नियुक्ति के दूसरे दिन शपथ पत्र देकर जहां अपनी जाति एससी बताई जिस आधार पर पुलिस अधीक्षक ने नव नियुक्त आरक्षक की नियुक्त समाप्त कर कोतवाली में एफआईआर के निर्देश दिए गए। वहीं पूरे मामले में जब प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के लोगो ने पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन के पास पहुंच आरक्षक के सभी दस्तावेज में उसकी जाति भील होना तथा स्वयं को सिर्फ एससी होने के शपथ पत्र पर बिना जांच किए जाने पर चर्चा की गई, जिस पर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने तत्काल ही राहुल जाटव के खिलाफ होने वाले एफआईआर को रोक पहले पूरे मामले में जांच किए जाने की बात कही गई।
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