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भारतीय राजनीति के दिग्गज भी उस वक्त हैरान रह गए, जब मंगलवार दोपहर को बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से अलग होने का फैसला लिया। इस बात का अंदाजा पहले से किसी को नहीं था कि बीजेपी महबूबा मुफ्ती से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लेगी।
लेकिन जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने इसका ऐलान कर सबको चौंका दिया। इस फैसले के लिए अमित शाह ने सीक्रेट प्लान बनाया था, जिसकी भनक केंद्र में मोदी सरकार के मंत्रियों को भी नहीं थी।
दरअसल, सोमवार की रात बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अचानक से जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना और सरकार में शामिल मंत्रियों को वहां के हालातों पर चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया था। उनलोगों से मिलने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी वहां के हालातों पर चर्चा किया।
फिर जम्मू-कश्मीर से आए नेताओं और दिल्ली में बैठे भाजपा के आला नेताओं को एहसास नहीं था कि शाह आज इतना बड़ा फैसला लेंगे। हालांकि अजीत डोभाल से मुलाकात के बात इस बात का थोड़ा अंदाजा था कि सरकार वहां को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। क्योंकि हाल के दिनों में वहां हालात काफी बिगड़ गए थे।
क्योंकि शाह से मुलाकात के बाद जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा था कि सरकार पर कोई खतरा नहीं है। 2019 के चुनाव की तैयारियों को लेकर यह बैठक बुलाया गया था। इसके अलावा वहां पार्टी की मजबूती को लेकर चर्चा हुई थी। लेकिन कुछ घंटे बाद ही राम माधव ने ऐलान कर दिया कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी, उन सभी बातों पर चर्चा हुई। पिछले कुछ दिनों से कश्मीर की स्थिति काफी बिगड़ी है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ा है।
खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री महबूबा चाहती थीं कि केंद्र सरकार अलगाववादी नेताओं से बात करे, लेकिन चुनावी साल में बीजेपी अलगाववादी नेताओं से बात कर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती थी। ऐसे में शाह ने मोदी से मंथन कर इस निर्णय पर पहुंचे। अमित शाह इतना कठोर फैसला लेंगे इस बात की भनक महबूबा को भी नहीं था। साथ ही बीजेपी नेताओं को भी भनक नहीं लगी थी।
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