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सिराली / शेख अफरोज : 76101 80313
वन विभाग की बंदरो को पकड़ने वाली टीम के धीमी और लाचार कार्यप्रणाली से ग्रामीणों में आक्रोश
सिराली. सिराली नगर में चल रहा है बंदरों का आतंक आए दिन महिला पुरूष एवं बच्चों को कर रहे है बंदर घायल फोर व्हीलर वाहन टू व्हीलर वाहन मैं कर रहा है तोड़फोड़ सिराली के नागरिक बंदरों के आतंक से परेशान है आए दिन कोई ना कोई घायल होकर अस्पताल जा रहे है.
बंदरों द्वारा जानलेवा हमला कर कई महिला पुरूष को जख्मी कर दिया गया जो घायल अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिराली पहुंचते है जहां डॉक्टर द्वारा उनका इलाज कर ट्रीटमेंट दिया जाता है जिसकी शिकायत कई बार नागरिक बंधूओं द्वारा वन मंडल परिक्षेत्र अधिकारी पीएल धुर्वे सिराली को की गई है जिस पर कार्यवाही करते हुए श्रीधुर्वे द्वारा उच्च अधिकारी हरदा एवं भोपाल को बंदरों को पकड़ने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त टीम की लेटर लिखकर मांग की गई लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण लगभग दो माह से बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान है
बंदर महिला पुरुष एवं बच्चों को घायल कर परेशान कर रहा हैं लेकिन बंदरों को पकड़ने का वन विभाग उच्चअधिकारियों द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया गया जबकि बंदरों का ठिकाना स्कूल ही है और स्कूल अब चालू हो चुकी हैं जिसमें हजारों बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं बंदरों को अगर समय रहते नहीं पकड़ा गया तो बच्चे की जान से खिलवाड़ साबित होगा जबकि बंदर के काटने पर या घायल करने पर भी दूसरे जानवरों की तरह रवीश का इंजेक्शन डॉक्टरों द्वारा पांच सात बार लगाया जाता है जिसकी कीमत लगभग 4 या 5सौ रूपये है
जो कभी-कभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी प्राप्त नहीं होता एक गरीब व्यक्ति को बंदर द्वारा काटना घायल करने पर पांच से 7हजार रूपये इलाज में खर्च होता है तो वह कहां से लाएगा जिसके पास खाने को दाने नहीं है इस संबंध में जब वन विभाग अधिकारी पी एल धुर्वे से चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि कुछ ही जानवर है जिनके लिए शासन द्वारा सहायता निधि स्वीकृत की जाती है बंदर के काटने या घायल करने पर किसी प्रकार की सहायता निधि शासन द्वारा नहीं दी जाती ऐसे में शासन द्वारा अगर बंदरों को पकड़ने का इंतजाम नहीं किया गया तो लोगों की जान से खिलवाड़ करना साबित होगा
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