जिला प्रतिनिधि // डी. जी. चौरे (बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बालाघाट ।वारासिवनी -ज्ञात हो कि पिछले दिनों ग्राम के कुछ दबंगों ने एक बालिका के रूमने और झुमने का कारण जाने बिना उसकी अस्वस्थ चित्त अवस्था में बोल गये नाम पर विश्वास कर भरतलाल चौधरी को जादूखोर कहकर प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। चौधरी परिवार के दाना पानी सभी कुछ बन्द कर दिया उसके साथ सभी सामाजिक सरोकार से जुड़े संबंधों का समाप्त करने का खुला उसके साथ सभी सामाजिक सरोकार से जुड़े संबंधो कों समाप्त करने का खुला ऐलान कर दिया। एक स्टाप पर जान से मारने की धमकी देते हुए दबाव डालकर यह लिखवा लिया गया कि वह जादूखोर है ओर ग्राम में किसी प्रकार की घटना या दुर्घटना घटित होती है। तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगें उसके बाद यह फर्मान भी जारी कर दिया गया है चौधरी भरतलाल के घर पर कोई भी नही जायेगा और उससे कोई संबंध रखता है तो उस पर पॉंच हजार रूपये का जुर्माना वसूला जायेगा। उस जुर्माना की खबर के बाद लोगों ने चौधरी भरतलाल के घर पर आना जाना बन्द कर दिया है वही इस मामले में जब चौधरी भरतलाल ने कंटगी थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई तो पुलिस ने दोनो पक्षो के उपर प्रति बन्धात्मक कार्यवाही कर दी। इसके बाद दबंगो का आतंक समाप्त नही हुआ जिस पर मानव अधिकार आयोग मित्र डॉ.नीरज अरोरा ने कंटगी थाना प्रभारी से विशेष चर्चा की जिस पर थाना प्रभारी ने आश्वस्त करवाया कि दबंगो के खिलाफ आई.पी.सी.की धारा के तहत अपराध पंजीबद्ध कर चालान पेश करेंगें ताकि जिले में बढ़ रही इस तरह की वारदात पर अंकुश लग सके। मगर इस आश्वासन के बाद आज भी चौधरी परिवार के सभी 11 पदस्थ मौत के साये में जी रहे है। दबंगो ने फिर उन्हें सताना शुरू कर दिया। इस मामले में वह पुन: मानव अधिकार आयोग मित्र से मिले और उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया। मानव अधिकार आयोग मित्र डॉ. नीरज अरोरा ने बताया कि दबंगो पर किसी प्रकार का अंकुश नही है। इस मामले में पुलिस पूरी तरह से पीडि़त को मदद करने में असफल साबित हो रही है। उन्होने भोपाल अपने उच्चाधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने इसे काफी गंभीरता से लिया है मानव अधिकार आयोग इस मामले के आरोपियो को किसी भी हालत में नही बंक्शुगा डॉ. अरोरा ने बताया कि पूरे जिले में और आस पास के दर्जनों जिलो में इस तरह की वारदात आये दिन हो रही है। इस बात की खबर प्रशासन को है। मगर प्रशासन इस मामले में कार्यवाही के लिए आगे पीछे सोचता है। पुलिस को जिस शब्द अनुक्रम से रिपोर्ट दर्ज की आती है उस शब्द अनुक्रम में आई.पी.सी.की धारा का इस्तेमाल करना चाहिए। जादू टोने के आरोप धमकी को साधारण धमकी न समझकर इस मामले को अति संवेदनशील मानते हुए जान से मारने की धमकी जैसी गैर जमानतीय धाराओ को इस्तेमाल करते हुए बब्बा सहित अन्या धाराओं का उपयोग करना चाहिए।
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