प्रतिनिधि // संतोष कुमार गुप्ता (शहडोल // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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शहडोल । शहडोल जिले में विकास के नाम पर तो बहुत काम हुए है परंतु चिकित्सा के क्षेत्र में यदि होम्योपैथी चिकित्सा की बात करे तो शहडोल क्षेत्र आज भी होम्योपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत पीछे है। आज भी शहडोल जिले में मात्र चार होम्योपैथी चिकित्सालय है। जिसमें बुढ़ार, जैसिंहनगर और धनपुरी नगर शामिल है। परंतु इनकी भी हालत दयनीय स्थिति में है। उल्ललेखनीय है कि पहले भी शहडोल जिले में होम्योपैथी चिकित्सालय की सुविधाओं को लेकर कई अखबारों में समाचार प्रकाशित होते रहे है। इस संबंध में पहले भी कई बार सांसद श्रीमती राजेश नंदिनी द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं स्वास्थ्य मंत्री को पत्र द्वारा शहडोल जिले में होम्योपैथी चिकित्सा की सुविधाओं को लेकर एवं इस दिशा में कोई सार्थक पहल करने की मांग की गई थी, पंरतु आज तक इस दिशा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई। आज जहां चिकित्सा के क्षेत्र में होम्योपैथी चिकित्सा के परिणामों को सराहा गया है। परंतु विडम्बना यह है कि शहडोल में सुविधायुक्त होम्योपैथी औषाधालय भी नहीं है जहां मरीज होम्योपैथी चिकित्सा का लाभ ले सके। तत्संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कई बार शासन से इस संबंध में सार्थक पहल उठाने की मांग की गई परंतु नतीजा यह है कि आज तक शहडोल जिले में होम्योपैथी चिकित्सा की सुविधा जस की तस बनी हुई है बल्कि दिन व दिन इसकी स्थिति दयनीय होती जा रही है। उपेक्षा का शिकार है होम्योपैथी चिकित्सा मध्यप्रदेश शासन होम्योपैथी चिकित्सा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है आश्चर्य की बात है कि होम्योपैथी एक महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्धति होने के बावजूद भी शासन द्वारा इसके महत्व नहीं दिया जा रहा है। जिले में होम्योपैथी चिकित्सालय को देखकर इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। होम्योपैथी चिकित्सा सर्वसुलभ होने के बावजूद भी शासन द्वारा लगातार इसकी उपेक्षा की जा रही है। होम्योपैथी चिकित्सा से हर वर्ग लाभ ले सकता है। चाहे वह गरीब वर्ग का हो या उच्च वर्ग का। - सामुदायिक भवन में है होम्योपैथी चिकित्सालय - शहडोल जिले में एक मात्र होम्योपैथी चिकित्सालय है जो शहर से लगभग पांच किलोमीटर दूर सामुदायिक भवन में है। इस होम्योपैथी चिकित्सालय को देखकर समझ में आता है कि होम्योपैथी चिकित्सालय की हालत कितनी दयनीय है। सामुदायिक भवन में स्थित होम्योपैथी चिकित्सालय की स्थिति यह है कि न तो वहां पर्याप्त जगह है और न ही बिजली की व्यवस्था। चिकित्सालय के आसपास गंदगी का ढेर पड़ा रहता है। जिससे मरीजों को आने जाने में परेशानी होती है। - समुचित रास्ते की व्यवस्था नहीं
जिस जगह पर होम्योपैथी चिकित्सालय स्थिति है वहां मरीजों के जाने के लिए रास्ता भी नहीं है। मरीजों को पीछे की गली से होकर जाना पड़ता है। - लोगों को नहीं है जानकारी - होम्योपैथी चिकित्सालय ऐसी जगह में स्थित है जिसकी वजह से शहडोल के अधिकतम निवासियों को यह मालूम ही नहीं है कि होम्योपैथी चिकित्सालय कहां है। जिसकी वजह से अधिकाशंत: मरीज शासकीय होम्यापैथी चिकित्सा का लाभ लेने से वंचित है। दूर होने की वजह से नहीं जा पाते मरीज होम्योपैथी चिकित्सालय शहर से इतना दूर है कि मरीज चिकित्सालय नहीं जा पाते है। जिसकी वजह से औषधालय में पड़ी होम्योपैथी दवाओं का लोगों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है एवं ये औषधियां मात्र शो-पीस बनकर रह गई है। शहडोल के कई नागरिकों से जब यह पूछा गया कि क्या आपकों होम्योपैथी चिकित्सालय की जानकारी है तो कई लोगों ने बताया कि हमें जानकारी ही नहीं कि होम्योपैथी चिकित्सालय कहां है और यदि कुछ लोगों को मालूम भी है तो वे दूर की वजह से होम्योपैथी चिकित्सालय का लाभ नहीं ले पा रहे है। कुछ समय पहले भोपाल पत्र लिखकर चिकित्सालय भवन की मांग की गई है। होम्योपैथी चिकित्सालय के लिए जमीन संबंधी प्रस्ताव रखा गया है एक वर्ष के अंदर निश्चित ही कुछ न कुछ नतीजा निकलेगा।
जिस जगह पर होम्योपैथी चिकित्सालय स्थिति है वहां मरीजों के जाने के लिए रास्ता भी नहीं है। मरीजों को पीछे की गली से होकर जाना पड़ता है। - लोगों को नहीं है जानकारी - होम्योपैथी चिकित्सालय ऐसी जगह में स्थित है जिसकी वजह से शहडोल के अधिकतम निवासियों को यह मालूम ही नहीं है कि होम्योपैथी चिकित्सालय कहां है। जिसकी वजह से अधिकाशंत: मरीज शासकीय होम्यापैथी चिकित्सा का लाभ लेने से वंचित है। दूर होने की वजह से नहीं जा पाते मरीज होम्योपैथी चिकित्सालय शहर से इतना दूर है कि मरीज चिकित्सालय नहीं जा पाते है। जिसकी वजह से औषधालय में पड़ी होम्योपैथी दवाओं का लोगों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है एवं ये औषधियां मात्र शो-पीस बनकर रह गई है। शहडोल के कई नागरिकों से जब यह पूछा गया कि क्या आपकों होम्योपैथी चिकित्सालय की जानकारी है तो कई लोगों ने बताया कि हमें जानकारी ही नहीं कि होम्योपैथी चिकित्सालय कहां है और यदि कुछ लोगों को मालूम भी है तो वे दूर की वजह से होम्योपैथी चिकित्सालय का लाभ नहीं ले पा रहे है। कुछ समय पहले भोपाल पत्र लिखकर चिकित्सालय भवन की मांग की गई है। होम्योपैथी चिकित्सालय के लिए जमीन संबंधी प्रस्ताव रखा गया है एक वर्ष के अंदर निश्चित ही कुछ न कुछ नतीजा निकलेगा।
डा. आरएस गुप्ता होम्योपैथी चिकित्सालय, शहडोल
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