सिटी चीफ // आनंद कुमार नेमा (अन्नू भैया)
(नरसिंहपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से संपर्क:- 94246 44958
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नरसिंहपुर । गर्मी के दौरान मौसम ने जब-जब मिलाजुला असर दिखाया तब-तब अस्पतालों में बीमारियों से पीडि़त लोगों की तादाद बढ़ी। सर्वाधिक उल्टी-दस्त से पीडि़त मरीज चिकित्सालयों का रूख कर रहे है। इस रोग से पीडि़त मरीजों की तादाद का आलम यह है कि जिला चिकित्सालय के डीवीडी वार्ड में बैड कम पड़ गये है। एक बैड में दो-दो मरीज अपना इलाज कराने विवश है वहीं जिन्हें बिस्तर में जगह नहीं मिली वे अस्पताल के फर्श पर पड़े हुए है। ििजला चिकित्सालय प्रबंधन के अनुसार अप्रैल माह से प्रतिदिन उल्टी दस्त के औसत २०-२१ मरीज अस्पताल पहुंच रहे है। जब गर्मी के साथ बारिश भी होती है तो मरीजों की तादाद बढऩे लगती है। जिला चिकित्सालय में फैले भ्रष्टाचार और कर्मचारियों की संवेदनहीनता से सभी अच्छी तरह वाकिफ है इसलिए सांभ्रांत परिवार के मरीज तो निजी चिकित्सालयों में चले जाते है लेकिन गरीब तबके के लोगों की मजबूरी है कि उन्हें सस्ते इलाज के लिए जिला अस्पताल आना ही पड़ेगा, जिसका यहां के कुछ कर्मचारी नाजायज फायदा उठाने से नहीं चूकते। भर्ती होने से लेकर स्वस्थ्य होने तक मरीजों के परिजनों को कई बार चढ़ोत्तरी चढ़ानी पड़ती है यदि वे ऐसा नहीं करते तो उन्हें हर पल नर्सों और चिकित्सकों का कोपभाजन बनना पड़ता है। रात्रि को चढ़ाई गयी वॉटल को बदलवाने के लिए मरीजों के परिजन वार्ड वाय और नर्सों के चक्कर लगाते दिखाई दे जाते है। जिला चिकित्सालय से मिली जानकारी के अनुसार २५ अप्रैल से २४ मई तक करीब १५० उल्टी-दस्त के मरीज जिला चिकित्सालय पहुंच चुके है। करवट बदल रहे मौसम की वजह से अब तक यह तादाद २०० के ऊपर पहुंच चुकी है। अस्पताल प्रबंधन दावा कर रहा है कि वे मरीजों को समुचित उपचार देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, लेकिन वार्डों में फैली अव्यवस्था उनके दावों की पोल खोल रही है। शहर के सभी निजी चिकित्सालय भी उल्टी-दस्त के मरीजों से खचाखच भर चुके है जहां पीडि़त परिवार इस रोग से निराश है वहीं चिकित्सकों की बांछे खिल चुकी है।
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