बैतूल // राम किशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल।
देश में आतंकवाद के मंडराते खतरे एवं सिमी जैसे उग्रवादी संगठन की घुसपैठ के बाद पता नहीं क्यों बैतूल जिला प्रशासन खासकर जिला पंचायत कपीलधारा कूप निमार्ण कार्यो में लगे विस्फोटक के मामले में संवेदनहीन है। बैतूल जिले की दस जनपदो की 558 ग्राम पंचायतो में वर्ष 2006 के बाद से जनवरी 2011 तक बिना टेण्डर बुलवाए उपयोग में लाई गई विस्फोटक सामग्री की जानकारी एवं बिल तथा उससे जुड़े दस्तावेजो को उपलब्ध नहीं करवा रही है। एक आरटीआई कार्यकत्र्ता द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 27 अक्टुबर 2010 को एक आवेदन जिला पंचायत के लोकसूचना अधिकारी को प्रस्तुत किया गया था जिसमें बैतूल जिले की ग्राम पंचायतो में कपीलधारा योजना के तहत कूप निमार्ण कार्यो में उपयोग में लाई गई विस्फोटक सामग्री की बिल बाऊचर तथा भुगताप पत्रको की जानकारी चाही गई थी। | |
जिला पंचायत ने समय पर जानकारी उपलब्ध न करवाने पर आवेदक की प्रथम अपील पर एक तरफा आदेश जारी करते हुए दिनांक 26 02 2011 को पारीत आदेश की छायाप्रति के साथ दिनांक 09 - 03 - 2011 को सभी जनपदो को आदेश पत्र प्रेषित किया गया था। दो माह बाद आवेदक ने जिला पंचायत बैतूल को दिनांक 02 -05 - 2011 को पुन: स्मरण पत्र लिखा एवं उनके आदेश पत्र के अनुसार जानकारी न मिलने की जानकारी दी। जिस पर पुन: जिला पंचायत बैतूल की ओर से चेतावनी पत्र दिनांक 11 - 05 - 2011 को जारी किया गया जिसमें स्पष्ट लिखा गया कि यदि उनके द्वारा तीन दिवस के भीतर जानकारी नहीं दी गई तो वे स्वंय किसी भी प्रकार की कार्रवाई के जवाबदेह होगें। जिला पंचायतो के पत्रो पर कुछ जनपदो ने चेतावनी पत्र ग्राम पंचायतो के सचिवो को भी जारी किया लेकिन पूरे सात माह बाद भी केवल पत्राचार होते रहा। इस बीच भीमपुर जनपद की पांच पंचायतो ने तथा आमला जनपद की 15 ग्राम पंचायतो ने आवदेक को जानकारी उपलब्ध करवाई जिनके अवलोकन के बाद पता चला हैं कि ग्राम पंचायत इसलिए जानकारी उपलब्ध नहीं करवा रही है क्योकि अधिकांश ग्राम पंचायतो ने सरपंच एवं सचिवो के नाते - रिश्तेदारो के नाम पर फर्जी फर्म बना कर भुगतान पा लिया है। ऐसे लोगो ने भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री की सप्लाई की है जिनके पास फटाखे का भी लायसेंस नहीं है। जिले में मात्र चार फर्म ही विस्फोटक लायसेंस एवं भण्डारगृह की अनुमति प्राप्त है लेकिन जिले की ग्राम पंचायतो में 229 फर्जी फर्मो के नाम पर प्रति पंचायत एक से डेढ़ लाख का भुगतान एक वित्तीय वर्ष में हुआ है। कपील धारा कूप योजना के प्रारंभ से लेकर आज तक जिले में 19 हजार से अधिक कूपो का निमार्ण कार्य हो चुका है जिसमें आठ से दस करोड़ रूपए की विस्फोटक एवं ब्लास्टींग के बिलो का भुगतान हो चुका है। सरपंच संघ एवं करीब सचिव संघ के बढ़ते दबाव एवं सत्तापक्ष के नेताओं के संरक्षण के चलते देश की सुरक्षा को ताक में रख कर पड़ौसी राज्यो से भारी मात्रा में विस्फोटक , जिलेटीन , डिटोनेटर्स मंगवा कर उनका सग्रहण कर उपयोग बिना जिला प्रशासन की अनुमति के होने के बाद जब पूरा मामला एक आरटीआई कार्यकत्र्ता द्वारा उजागर करने के बाद अब कपीलधारा कूप योजना में उपयोगी विस्फोटक सामग्री के टेण्डर मंगवाये जा रहे है लेकिन ग्राम पंचायते , जनपदे तथा जिला पंचायत अभी तक जिले की ग्राम पंचायतो द्वारा उपयोग में लाई गई विस्फोटक सामग्री का कच्चा - चिट्ठा बताने को तैयार नही है। ऐसे में प्रदेश के बैतूल जैसे छोटे जिले में बेधड़क पड़ौसी राज्यो से लाकर संग्रहित की गई विस्फोटक सामग्री का उपयोग देश के अहित में होता है तो प्रदेश की भाजपा सरकार जवाबदेह होगी क्योकि उसके मंत्रियों एवं पार्टी पदाधिकारियों के संरक्षण में यह गोरखधंधा बिना किसी रोक - टोक के चला आ रहा है। बैतूल जिले की आठनेर पुलिस ने एक ट्रक विस्फोटक सामग्री का पकड़ा था लेकिन बाद में पूरे ट्रक का बारूद एवं डिटोनेटर्स गायब होकर एक मोटर साइकिल पर ही जप्ती बता कर पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बैतूल जिले में सारनी थर्मल पावर स्टेशन , पाथाखेड़ा की कोयला खदाने , आमला एयर फोर्स स्टेशन जैसे संवदेनशील क्षेत्र है जिनकी सुरक्षा की जिले में मौजूद बिना प्रशसान की जानकारी के रखी गई विस्फोटक सामग्री से किसी प्रकार का खतरा हो सकता है। जिला प्रशासन को ही नहीं बल्कि प्रदेश सरकार को भी इस मामले में गंभीरता पूर्वक सोचना चाहिए। |
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