झा द्वारा राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार ने 100 दिन में महंगाई कम करने का भरोसा दिलाया था मगर सत्ता हासिल करने के सात साल बाद भी इस पर काबू नहीं पाया जा सका है, बल्कि महंगाई मौत का पर्याय बन चुकी है।
पत्र में आगे कहा गया है कि देश के 115 करोड़ लोग महंगाई की मार से जूझ रहे हैं। इतना ही नहीं उनके लिए यह महंगाई समस्या बन चुकी है, लिहाजा वह इससे छुटकारा पाने के लिए इच्छामृत्यु चाहते हैं।
झा ने कहा है कि राष्ट्रपति देश की 115 करोड़ आबादी की मां है, इसलिए उनसे अपेक्षा करते हैं कि वह देश की जनता की खातिर आवश्यक पहल करेंगी।
झा ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अलावा अपनी पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी, नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज को भी इच्छामृत्यु के खत की प्रति भेजी है।
*****************************************************************पत्र में आगे कहा गया है कि देश के 115 करोड़ लोग महंगाई की मार से जूझ रहे हैं। इतना ही नहीं उनके लिए यह महंगाई समस्या बन चुकी है, लिहाजा वह इससे छुटकारा पाने के लिए इच्छामृत्यु चाहते हैं।
झा ने कहा है कि राष्ट्रपति देश की 115 करोड़ आबादी की मां है, इसलिए उनसे अपेक्षा करते हैं कि वह देश की जनता की खातिर आवश्यक पहल करेंगी।
झा ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अलावा अपनी पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी, नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज को भी इच्छामृत्यु के खत की प्रति भेजी है।
प्रतिष्ठा में
श्रद्धेय प्रभात झा
राज्य सभा सदस्य
अध्यक्ष मध्यप्रदेश भाजपा
दीन दयाल भवन भोपाल
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को राष्टपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगने की क्या जरूरत है। साइकिल छाप व्यक्ति आज करोडपति , राज्यसभा सदस्य , प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष है। ग्वालियर का बच्चा - बच्चा जानता है कि कुछ ज्यादा साल पहले तक टंडिरा स्कूटर और टूटी - फूटी साइकल पर स्वदेश की नौकरी करने वाले एक नौकर के पास इतना रूपैया - पैसा कहां से आ गया। जहां तक मंहगाई से तंग आकर मरने की बात है तो प्रभात झा जैसे व्यक्ति को तो चुल्लु भर पानी में डूब मरना चाहिए लेकिन जिस चम्बल को वे प्रदेश गान में शामिल करवाए है वह भी बिना खून खराबा के चुल्लु भर पानी भी मरने के लिए नहीं देगी। झा जी मैं भी लगभग 28 साल से पत्रकारिता कर रहा हंू। मेरे पिताजी तो वन विभाग में थे लेकिन मैं चाहता तो घर में बडा होने के नाते जिद करके नई स्कूटर तो खरीद सकता था लेकिन क्या करू बाबू जी के रिटासर होने तक स्वंय की मोटर साइकिल तक नहीं मिली। उधार की मोटर साइकिल तथा स्वंय की साइकिल से काम चलाया यकीन न हो तो वीरेन्द्र झा मेरा मित्र है मेरे साथ ही पत्रकारिता किया है उससे फोन करके पुछ लेना। न तो बेचारा राज्य सभा सदस्य बना और न मैं बन सका जबकि हम दोनो कांग्रेस परिवार से जुडे थे। रही बात मरने के की तो मैं आपको पूरा भरोसा दिलाता हूं कि जब भी आपको मरने की इच्छा हो तो सीधे बिना किसी से पुछे ताप्ती मां के पास चले आना वह आपको चुल्लु भर नहीं इतना पानी देगी कि आप पानी - पानी होकर शर्म के मारे ही बिना कुछ किए मर जाएगें। ऐसे व्यक्ति को जिसकी पार्टी की सरकर में नदी और नारी के साथ भेदभाव किया जाता है। जहां पर रक्त रंजित चम्बल का नाम प्रदेश गान में आता है और सूर्यपुत्री मां ताप्ती का नाम नहीं आता है ऐसे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को तो बिना अनुमति के ही वास्तव में मर जाना ही चाहिए अधिक से अधिक आपके मर जाने से होगा क्या अरे भैया प्रदेश की आपकी सरकार की पुलिस मर्ग कायम करेगी और पीएम करके लाश को यदि आपके परिवार वाले नहीं स्वीकार करेगें तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप स्वेच्छा से बिना किसी की अनुमति के मरते है तो आपके कपफन - दफन और ताप्ती पर विधि पूर्वक क्रिया कर्म करके आपकी आत्मा को पूर्ण शांती दिलवाने के लिए अपनी जीवन दयानी पुण्य सलिला मां ताप्ती से अपने अभी तक के सभी स्नान और ध्यान का प्रतिफल मांग कर आपकी आत्मा को पूर्ण शांती एवं मोक्ष दिलवाने का वादा करता हंू। झा जी आप बेकार के पचडे में पड रहे है, शायद आपको पता नहीं कि राष्टपति भवन में सैकडो नही बल्कि हजारो इच्छा मृत्यु के आवेदन पडे है वे भी ऐसे लाचार - बेबस - जीवन - मृत्यु के बीच जुझ रहे लोगो के है । ऐसे में तो आप भले चंगे है अभी अच्छा मौका मां ताप्ती का जन्मोउत्सव है आपको ऐसे समय में मरने पर सीधे स्वर्ग मिलेगा और लाखो लोगो की सहानुभूति की देखो चम्बल किनारे और गंगा किनारे वाले पंडित को मां ताप्ती में अंतिम संस्कार का मौका मिला।
वैसे भी बैतूल आपका तो मायका है फिर घर में आकर स्वेच्छा से मरने में क्या दिक्कत है आपके मायके वाले पुलिस के झझंट में नहीं फसेगें क्योकि उनकी पुलिस के आला अफसरो के बीच अच्छी घुसपैठ है। झा जी महामहिम राष्टपति महोदय की अनुमति का चक्कर छोडो और सीधे बैतूी की ओर कुच करो मां ताप्ती से बोलो मां मैं मंहगाई से तंग आकर मरना चाहता हू और जब स्वंय को बिना किसी दबाव के मरना ही है तो ताप्ती के किसी भी कोने में छलांग लगा दो जिंदा बच के निकलने की कोई ग्यारंटी नही है। जब मर ही जाओगें तो तो फिर आत्महत्या के प्रयास का कोई मामला बनता ही नहीं और न मेरे विरूद्ध कोई मामला बनेगा क्योकि आप तो स्वेच्छा से मरना चाहते है तो मेरे उकसाने का सवाल ही नहीं उठता। झा जी मरना ही है तो फिर देरी किस बात की कहीं ऐसा न हो कि राम तेरी गंगा मैली की तरह आप भी गाना गाऐगें कि कहीं न हो जाए कहीं देर न हो जाए...........
झा जी आपको भगवान सुबुद्धि दे मां ताप्ती आपका कल्याण करे और आप अपने फैसले में देर न करके सीधे उस पर अमल करे इन्ही शुभकामनाओं के साथ आपका शुभचिंतक एवं अनजाना मित्र वैसे नाम पढ कर आपको मेरी तस्वीर और अपनी बैतूल की पत्रकारवार्ता की बाते याद ताजा हो जाएगी।
वैसे भी बैतूल आपका तो मायका है फिर घर में आकर स्वेच्छा से मरने में क्या दिक्कत है आपके मायके वाले पुलिस के झझंट में नहीं फसेगें क्योकि उनकी पुलिस के आला अफसरो के बीच अच्छी घुसपैठ है। झा जी महामहिम राष्टपति महोदय की अनुमति का चक्कर छोडो और सीधे बैतूी की ओर कुच करो मां ताप्ती से बोलो मां मैं मंहगाई से तंग आकर मरना चाहता हू और जब स्वंय को बिना किसी दबाव के मरना ही है तो ताप्ती के किसी भी कोने में छलांग लगा दो जिंदा बच के निकलने की कोई ग्यारंटी नही है। जब मर ही जाओगें तो तो फिर आत्महत्या के प्रयास का कोई मामला बनता ही नहीं और न मेरे विरूद्ध कोई मामला बनेगा क्योकि आप तो स्वेच्छा से मरना चाहते है तो मेरे उकसाने का सवाल ही नहीं उठता। झा जी मरना ही है तो फिर देरी किस बात की कहीं ऐसा न हो कि राम तेरी गंगा मैली की तरह आप भी गाना गाऐगें कि कहीं न हो जाए कहीं देर न हो जाए...........
झा जी आपको भगवान सुबुद्धि दे मां ताप्ती आपका कल्याण करे और आप अपने फैसले में देर न करके सीधे उस पर अमल करे इन्ही शुभकामनाओं के साथ आपका शुभचिंतक एवं अनजाना मित्र वैसे नाम पढ कर आपको मेरी तस्वीर और अपनी बैतूल की पत्रकारवार्ता की बाते याद ताजा हो जाएगी।
रामकिशोर पंवार
पत्रकार एवं
संस्थापक
मां ताप्ती जागृति मंच
बैतूल
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बैतूल
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