पीयूष बबेले [Edited By: प्रियंका झा]
Present by - Toc News
अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए शुरू किया गया था आंदोलन
महात्मा गांधी के आह्वान पर 9 अगस्त 1942 को पूरे देश में 'भारत छोड़ो आंदोलन' की शुरुआत हुई. भारत को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने में यह आंदोलन एक बड़ा पड़ाव था. लेकिन आज इस आंदोलन से जुड़े कई तथ्य लोगों को नहीं पता हैं. आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य...
1. बलिया में आंदोलनकारियों पर मशीन गनों से गोलियां बरसाई गईं.
2. अंग्रेज सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक अगस्त 1942 से दिसंबर 1942 तक पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों पर 538 बार गोलियां चलाईं.
3. इन घटनाओं में 940 लोग मारे गए और 1630 घायल हुए.
4. पंडित नेहरू के मुताबिक मारे गए लोगों की संख्या 10,000 से ऊपर थी.
5. सन 1942 खत्म होते-होते 60,000 लोग गिरफ्तार किए जा चुके थे.
6. इस दौरान 250 रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ हुई.
7. 50 डाकखाने जला दिए गए और 200 तोड़े गए.
8. 3500 जगह तार और फोन लाइनें काट दी गईं.
9.ब्रिटिश सेना के 11 जवान मारे गए और 7 घायल हुए. 31 पुलिस वाले मारे गए. बड़ी संख्या में पुलिसवाले घायल हुए.
(स्रोत: फ्रेंक मॉरिस लिखित नेहरू जी की जीवनी)
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अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए शुरू किया गया था आंदोलन
महात्मा गांधी के आह्वान पर 9 अगस्त 1942 को पूरे देश में 'भारत छोड़ो आंदोलन' की शुरुआत हुई. भारत को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने में यह आंदोलन एक बड़ा पड़ाव था. लेकिन आज इस आंदोलन से जुड़े कई तथ्य लोगों को नहीं पता हैं. आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य...
1. बलिया में आंदोलनकारियों पर मशीन गनों से गोलियां बरसाई गईं.
2. अंग्रेज सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक अगस्त 1942 से दिसंबर 1942 तक पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों पर 538 बार गोलियां चलाईं.
3. इन घटनाओं में 940 लोग मारे गए और 1630 घायल हुए.
4. पंडित नेहरू के मुताबिक मारे गए लोगों की संख्या 10,000 से ऊपर थी.
5. सन 1942 खत्म होते-होते 60,000 लोग गिरफ्तार किए जा चुके थे.
6. इस दौरान 250 रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ हुई.
7. 50 डाकखाने जला दिए गए और 200 तोड़े गए.
8. 3500 जगह तार और फोन लाइनें काट दी गईं.
9.ब्रिटिश सेना के 11 जवान मारे गए और 7 घायल हुए. 31 पुलिस वाले मारे गए. बड़ी संख्या में पुलिसवाले घायल हुए.
(स्रोत: फ्रेंक मॉरिस लिखित नेहरू जी की जीवनी)
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