Aug 21, 2016. Toc News
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कथित ‘जनविरोधी’ मद्यनीति को लेकर ताजा करारा प्रहार करते हुए पूर्व आप नेता प्रशांत भूषण ने आज सवाल किया कि क्या एक साल बाद वह शराब की दुकानें फिर से खोलेंगे जब नगर निगम और पंजाब चुनाव खत्म हो गये होंगे।
इस बात पर प्रश्न खड़ा करते हुए कि शराब की दुकानों के खुलने पर सालभर की रोक ही क्यों लगायी गयी, उन्होंने ऐसी दुकानों को बंद करने की मंाग की जो स्थानीय बाशिंदों की मंजूरी के बगैर ही खुलीं।
स्वराज अभियान के संस्थापक ने कहा कि शराब की दुकानें बंद करने के लिए मोहल्ला सभाओं को कोई कानूनी मंजूरी नहीं दी गयी है और उन्होंने केजरीवाल पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोई भी शराब की नयी दुकान नहीं खोलने की मुुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घोषणा एक साल के लिए ही क्यों की गयी। क्या केजरीवाल दिल्ली के नगर निगम और पंजाब के विधानसभा चुनावों के बाद अपनी इस जनविरोधी मद्य नीति को बहाल करना चाहते हैं?’’
पहले स्वराज अभियान ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में आप सरकार के आने के बाद शराब की 58 दुकानें खुली और उसने उन दुकानों को बंद करने की मांग की जहां लोग उनका विरोध कर रहे हैं।
नयी आबकारी नीति की घोषणा करते हुए सरकार ने कहा था कि इस वित्त वर्ष मेंं मॉलों को छोड़कर कहीं भी कोई शराब की नयी दुकान नहीं खुलेगी और यदि कहीं उपद्रवत की शिकायत होगी तो मोहल्ला सभा वहां शराब दुकान बंद करने के लिए अधिकार संपन्न होगी।
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कथित ‘जनविरोधी’ मद्यनीति को लेकर ताजा करारा प्रहार करते हुए पूर्व आप नेता प्रशांत भूषण ने आज सवाल किया कि क्या एक साल बाद वह शराब की दुकानें फिर से खोलेंगे जब नगर निगम और पंजाब चुनाव खत्म हो गये होंगे।
इस बात पर प्रश्न खड़ा करते हुए कि शराब की दुकानों के खुलने पर सालभर की रोक ही क्यों लगायी गयी, उन्होंने ऐसी दुकानों को बंद करने की मंाग की जो स्थानीय बाशिंदों की मंजूरी के बगैर ही खुलीं।
स्वराज अभियान के संस्थापक ने कहा कि शराब की दुकानें बंद करने के लिए मोहल्ला सभाओं को कोई कानूनी मंजूरी नहीं दी गयी है और उन्होंने केजरीवाल पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोई भी शराब की नयी दुकान नहीं खोलने की मुुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घोषणा एक साल के लिए ही क्यों की गयी। क्या केजरीवाल दिल्ली के नगर निगम और पंजाब के विधानसभा चुनावों के बाद अपनी इस जनविरोधी मद्य नीति को बहाल करना चाहते हैं?’’
पहले स्वराज अभियान ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में आप सरकार के आने के बाद शराब की 58 दुकानें खुली और उसने उन दुकानों को बंद करने की मांग की जहां लोग उनका विरोध कर रहे हैं।
नयी आबकारी नीति की घोषणा करते हुए सरकार ने कहा था कि इस वित्त वर्ष मेंं मॉलों को छोड़कर कहीं भी कोई शराब की नयी दुकान नहीं खुलेगी और यदि कहीं उपद्रवत की शिकायत होगी तो मोहल्ला सभा वहां शराब दुकान बंद करने के लिए अधिकार संपन्न होगी।
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