यह रही विश्वसनीयता के दैनिक भास्कर के दावे की हकीकत...!
Toc News
खुद को देश का सबसे विश्वसनीय अख़बार घोषित करना अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनने की कहावत को ही चरितार्थ करता है. दैनिक भास्कर में पहले पेज पर मत्थे के साथ यह दावा लिखा रहता है की आप पढ़ रहे हैं देश का सबसे विश्वसनीय और नंबर १ अख़बार..! नंबर-१ का दावा तो फिर भी ठीक है पर विश्वसनीयता का फैसला तो कम से कम पाठकों पर छोड़ देना चाहिए. यह तब और जरूरी हो जाता है जब विश्वसनीयता की आपकी डींग की अक्सर पोल खुलती रहती है.
अब आइसक्रीम में राजधानी के जानेमाने ब्रांड टॉप-एन-टाउन के मालिको रमानी बंधुओं भोपाल सहित १८ ठिकानों पर ३० अगस्त को पड़े आयकर छापों को ही ले लीजिए. इस ब्रांड ने ना सिर्फ भोपाल और मध्यप्रदेश बल्कि कुछ अन्य प्रदेशों में भी कामयाबी के साथ पाँव पसार रखे हैं. उन पर पड़े छापे की अख़बारों में प्रकाशित खबर पर नजर डालते हैं. दैनिक भास्कर ने खबर अन्दर के पेज पर छापी है जिसमें ना तो टॉप-एन-टाउन के नाम का उल्लेख है और ना ही मालिको रमानी बंधुओं का जिक्र. इससे सामान्य पाठक को यह पता ही नहीं चल रहा है छापा आखिर किस आइसक्रीम ब्रांड पर पड़ा है. इसके बरक्स पत्रिका और नवदुनिया [नईदुनिया] ने पहले पेज पर खबर छापी है और हेडिंग में ही टॉप-एन-टाउन का नाम है.
दैनिक भास्कर के नंबर-१ के दावे पर कोई विवाद नहीं है और तभी उसमे गले-गले तक ठसाठस विज्ञापन भरे रहते हैं. इससे अक्सर ख़बरों और विज्ञापनों का अनुपात गड़बड़ा जाता है जिसका खामियाजा पाठकों को भुगतना पड़ता है और वह कई प्रमुख खबरों से महरूम रह जाता है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है की क्यों खबर में टॉप-एन-टाउन और रमानी बंधुओं का जिक्र करने से परहेज किया गया..? इसके बाद तो अख़बार को विश्वसनीयता की डींग हांकना बंद कर देना चाहिए. [दैनिक भास्कर, पत्रिका और नवदुनिया की कतरनें]
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खुद को देश का सबसे विश्वसनीय अख़बार घोषित करना अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनने की कहावत को ही चरितार्थ करता है. दैनिक भास्कर में पहले पेज पर मत्थे के साथ यह दावा लिखा रहता है की आप पढ़ रहे हैं देश का सबसे विश्वसनीय और नंबर १ अख़बार..! नंबर-१ का दावा तो फिर भी ठीक है पर विश्वसनीयता का फैसला तो कम से कम पाठकों पर छोड़ देना चाहिए. यह तब और जरूरी हो जाता है जब विश्वसनीयता की आपकी डींग की अक्सर पोल खुलती रहती है.
अब आइसक्रीम में राजधानी के जानेमाने ब्रांड टॉप-एन-टाउन के मालिको रमानी बंधुओं भोपाल सहित १८ ठिकानों पर ३० अगस्त को पड़े आयकर छापों को ही ले लीजिए. इस ब्रांड ने ना सिर्फ भोपाल और मध्यप्रदेश बल्कि कुछ अन्य प्रदेशों में भी कामयाबी के साथ पाँव पसार रखे हैं. उन पर पड़े छापे की अख़बारों में प्रकाशित खबर पर नजर डालते हैं. दैनिक भास्कर ने खबर अन्दर के पेज पर छापी है जिसमें ना तो टॉप-एन-टाउन के नाम का उल्लेख है और ना ही मालिको रमानी बंधुओं का जिक्र. इससे सामान्य पाठक को यह पता ही नहीं चल रहा है छापा आखिर किस आइसक्रीम ब्रांड पर पड़ा है. इसके बरक्स पत्रिका और नवदुनिया [नईदुनिया] ने पहले पेज पर खबर छापी है और हेडिंग में ही टॉप-एन-टाउन का नाम है.
दैनिक भास्कर के नंबर-१ के दावे पर कोई विवाद नहीं है और तभी उसमे गले-गले तक ठसाठस विज्ञापन भरे रहते हैं. इससे अक्सर ख़बरों और विज्ञापनों का अनुपात गड़बड़ा जाता है जिसका खामियाजा पाठकों को भुगतना पड़ता है और वह कई प्रमुख खबरों से महरूम रह जाता है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है की क्यों खबर में टॉप-एन-टाउन और रमानी बंधुओं का जिक्र करने से परहेज किया गया..? इसके बाद तो अख़बार को विश्वसनीयता की डींग हांकना बंद कर देना चाहिए. [दैनिक भास्कर, पत्रिका और नवदुनिया की कतरनें]
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