Aug 21, 2016, Toc News
नई दिल्ली : रिज़र्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल की नियुक्ति के अभी 24 घंटे भी नही हुए हैं कि उनको लेकर देश के कॉर्पोरेट में विवाद खड़ा हो रहा है। ऐसा कहा जा रहा है पटेल रिलायंस इंडस्ट्रीज के ख़ास आदमी हैं और उन्हें देश के सबसे आमिर व्यक्ति मुकेश अम्बानी की सिफारिश पर रिसर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण का आरोप है कि उर्जित पटेल देश की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट कम्पनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट रहे हैं और उन्हें शिष्टाचारवश देश के रिज़र्व बैंक का गवर्नर नही बनाना चाहिए था। भूषण ने उर्जित को मुकेश अम्बानी का दूत बताया है जिनके हाथ में अब देश की समूची बैंकिंग व्यवस्था दी जा रही है।
उधर मुंबई के उद्योगपति और स्पॉट एक्सचेंज घोटाले के वादी केतन शाह ने फोन पर 'इंडिया संवाद' को बताया कि उर्जित पटेल देश के कई बड़े स्कैम के आरोपी जिग्नेश शाह के नजदीकी हैं। केतन शाह ने खुलासा किया की उन्होंने अरबों रूपए के घोटाले को लेकर इस सिलसिले में मुंबई की अदालत में मामला दर्ज भी किया है। केतन शाह ने 'इंडिया संवाद' को दस्तावेज़ उपलब्ध कराते हुए बताया कि MCX India Ltd. कम्पनी ने निवेशकों की गाढ़ी कमाई लूट ली थी। जिग्नेश शाह की इस कम्पनी में तब उर्जित पटेल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के सदस्य थे। इस मामले की जांच चल रही है ऐसे में पटेल को रिज़र्व बैंक का गवर्नर बनाना गलत है।
रिज़र्व बैंक के अब तक डिप्टी गवर्नर रहे उर्जित पटेल इससे पहले गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम GSPC के भी निदेशक थे। ऐसा आरोप है की तब उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुँचाया था। इस कारण उन्हें मुकेश अम्बानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रेसिडेंट नियुक्त किया था। दूसरी ओर वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारी के अनुसार उर्जित पटेल को गवर्नर नियुक्त किये जाने से पहले सरकार ने छानबीन कराई थी और किसी भी मामले में उनके खिलाफ कोई आरोप नही हैं। सूत्रों के मुताबिक जब देश के उप राष्ट्रपति रिलायंस की एक संस्था से जुड़े हो सकते हैं तो रिज़र्व बैंक के गवर्नर अर्थशास्त्री होने के नाते अगर एक निजी कम्पनी के अध्यक्ष रहे तो उसमे कोई गड़बड़ी नही है।
नई दिल्ली : रिज़र्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल की नियुक्ति के अभी 24 घंटे भी नही हुए हैं कि उनको लेकर देश के कॉर्पोरेट में विवाद खड़ा हो रहा है। ऐसा कहा जा रहा है पटेल रिलायंस इंडस्ट्रीज के ख़ास आदमी हैं और उन्हें देश के सबसे आमिर व्यक्ति मुकेश अम्बानी की सिफारिश पर रिसर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण का आरोप है कि उर्जित पटेल देश की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट कम्पनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट रहे हैं और उन्हें शिष्टाचारवश देश के रिज़र्व बैंक का गवर्नर नही बनाना चाहिए था। भूषण ने उर्जित को मुकेश अम्बानी का दूत बताया है जिनके हाथ में अब देश की समूची बैंकिंग व्यवस्था दी जा रही है।
उधर मुंबई के उद्योगपति और स्पॉट एक्सचेंज घोटाले के वादी केतन शाह ने फोन पर 'इंडिया संवाद' को बताया कि उर्जित पटेल देश के कई बड़े स्कैम के आरोपी जिग्नेश शाह के नजदीकी हैं। केतन शाह ने खुलासा किया की उन्होंने अरबों रूपए के घोटाले को लेकर इस सिलसिले में मुंबई की अदालत में मामला दर्ज भी किया है। केतन शाह ने 'इंडिया संवाद' को दस्तावेज़ उपलब्ध कराते हुए बताया कि MCX India Ltd. कम्पनी ने निवेशकों की गाढ़ी कमाई लूट ली थी। जिग्नेश शाह की इस कम्पनी में तब उर्जित पटेल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के सदस्य थे। इस मामले की जांच चल रही है ऐसे में पटेल को रिज़र्व बैंक का गवर्नर बनाना गलत है।
रिज़र्व बैंक के अब तक डिप्टी गवर्नर रहे उर्जित पटेल इससे पहले गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम GSPC के भी निदेशक थे। ऐसा आरोप है की तब उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुँचाया था। इस कारण उन्हें मुकेश अम्बानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रेसिडेंट नियुक्त किया था। दूसरी ओर वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारी के अनुसार उर्जित पटेल को गवर्नर नियुक्त किये जाने से पहले सरकार ने छानबीन कराई थी और किसी भी मामले में उनके खिलाफ कोई आरोप नही हैं। सूत्रों के मुताबिक जब देश के उप राष्ट्रपति रिलायंस की एक संस्था से जुड़े हो सकते हैं तो रिज़र्व बैंक के गवर्नर अर्थशास्त्री होने के नाते अगर एक निजी कम्पनी के अध्यक्ष रहे तो उसमे कोई गड़बड़ी नही है।
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