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नई दिल्ली:-राज्यसभा में आज काफी जद्दोजहद के बाद वस्तु और सेवाकर संशोधन विधेयक पास हो गया। यह विधेयक 6 संशोधनों के साथ राज्यसभा में पेश किया गया था। राज्यसभा में शाम तक जीएसटी बिल पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद वोटिंग की गई, जिसमें जीएसटी के पक्ष में 197 वोट पड़े। कांग्रेस इस बिल को मनी बिल के रूप में लाने की मांग कर रही थी। इस पर जेटली ने कहा कि इस पर कोई भी फैसला सभी पार्टियों से बात करने के बाद ही किया जाएगा।
GST की दर 17-20% के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है। राज्यसभा में जेटली ने कहा कि जीएसटी से टैक्स चोरी पकड़ी जा सकेगी। GST काउंसिल केंद्र और राज्य दोनों को टैक्स, सेस, सरचार्ज पर सुझाव देगी। करीब हर राजनैतिक पार्टी का इसमें प्रतिनिधित्व होगा। इस मौके पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को देश के आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि इससे बड़ा बदलाव आएगा। यह अब तक सबसे कड़ा आर्थिक सुधार है, क्योंकि इससे पूरे देश में एक समान कर लगेगा। जीएसटी पर ज्यादातर दलों में आम सहमति के बाद ही इसे राज्यसभा में पेश किया है। हमने विवाद निपटारे के लिए राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए हैं।
देश के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के जरिये करीब 14.6 लाख करोड़ रुपए कर जमा होता है। इसमें से करीब 34 फीसद अप्रत्यक्ष करों के जरिये मिलता है, जिसमें एक्साइज के जरिये 2.8 लाख करोड़ रुपए और सर्विस टैक्स के जरिये 2.1 लाख करोड़ रुपए मिलते हैं।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आगे कहा कि जीएसटी बिल का सबसे बड़ा भाग यह होगा कि यह भारत को एक समान बाजार में बदल देगा। यह राज्यों को और सशक्त बनाएगा। इससे राज्यों के राजस्व के साथ-साथ केंद्र के राजस्व में भी वृद्धि होगी। साथ ही इससे यहसुनिश्चित होगा कि ‘कर पर कोई कर नहीं’ लगेगा। सरकार ने अतिरिक्त एक फीसद टैक्स लगाए जाने का अपने पहले का प्रस्ताव वापस ले लिया है।
वहीं इससे पहले कांग्रेस और सरकार के बीच जीएसटी बिल पर सहमति बनी। कांग्रेस की रणनीतिकारों की बैठक में जीएसटी को समर्थन देने का फैसला लिया गया है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने अरुण जेटली को समर्थन की जानकारी दे दी है। जीएसटी बिल पर गैर कांग्रेसी विपक्ष के साथ भी काफी हद तक सहमति बन गई है। लेफ्ट ने भी जीएसटी बिल का समर्थन करने का फैसला लिया है। राज्यसभा में पास होने के बाद इस बिल को दोबारा लोकसभा में भेजा जाएगा।
सहमति बनाने के लिए जीएसटी बिल में 5 बड़े बदलाव किए गए हैं| जिसके तहत 1 फीसदी इंटरस्टेट ट्रांजेक्शन टैक्स हटाया गया है। बदलाव के बाद अब राज्यों को 5 साल तक 100 फीसदी नुकसान की भरपाई की जाएगी पहले 3 साल तक 100 फीसदी, चौथे साल में 75 फीसदी और पांचवे साल में 50 फीसदी भरपाई का प्रावधान था।
जीएसटी बिल में संशोधनों पर राज्यसभा में देर शाम तक वोटिंग जारी होकर पास हो गया| जीएसटी बिल के विरोध में कोई वोट नहीं पडा|.
नई दिल्ली:-राज्यसभा में आज काफी जद्दोजहद के बाद वस्तु और सेवाकर संशोधन विधेयक पास हो गया। यह विधेयक 6 संशोधनों के साथ राज्यसभा में पेश किया गया था। राज्यसभा में शाम तक जीएसटी बिल पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद वोटिंग की गई, जिसमें जीएसटी के पक्ष में 197 वोट पड़े। कांग्रेस इस बिल को मनी बिल के रूप में लाने की मांग कर रही थी। इस पर जेटली ने कहा कि इस पर कोई भी फैसला सभी पार्टियों से बात करने के बाद ही किया जाएगा।
GST की दर 17-20% के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है। राज्यसभा में जेटली ने कहा कि जीएसटी से टैक्स चोरी पकड़ी जा सकेगी। GST काउंसिल केंद्र और राज्य दोनों को टैक्स, सेस, सरचार्ज पर सुझाव देगी। करीब हर राजनैतिक पार्टी का इसमें प्रतिनिधित्व होगा। इस मौके पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को देश के आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि इससे बड़ा बदलाव आएगा। यह अब तक सबसे कड़ा आर्थिक सुधार है, क्योंकि इससे पूरे देश में एक समान कर लगेगा। जीएसटी पर ज्यादातर दलों में आम सहमति के बाद ही इसे राज्यसभा में पेश किया है। हमने विवाद निपटारे के लिए राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए हैं।
देश के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के जरिये करीब 14.6 लाख करोड़ रुपए कर जमा होता है। इसमें से करीब 34 फीसद अप्रत्यक्ष करों के जरिये मिलता है, जिसमें एक्साइज के जरिये 2.8 लाख करोड़ रुपए और सर्विस टैक्स के जरिये 2.1 लाख करोड़ रुपए मिलते हैं।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आगे कहा कि जीएसटी बिल का सबसे बड़ा भाग यह होगा कि यह भारत को एक समान बाजार में बदल देगा। यह राज्यों को और सशक्त बनाएगा। इससे राज्यों के राजस्व के साथ-साथ केंद्र के राजस्व में भी वृद्धि होगी। साथ ही इससे यहसुनिश्चित होगा कि ‘कर पर कोई कर नहीं’ लगेगा। सरकार ने अतिरिक्त एक फीसद टैक्स लगाए जाने का अपने पहले का प्रस्ताव वापस ले लिया है।
वहीं इससे पहले कांग्रेस और सरकार के बीच जीएसटी बिल पर सहमति बनी। कांग्रेस की रणनीतिकारों की बैठक में जीएसटी को समर्थन देने का फैसला लिया गया है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने अरुण जेटली को समर्थन की जानकारी दे दी है। जीएसटी बिल पर गैर कांग्रेसी विपक्ष के साथ भी काफी हद तक सहमति बन गई है। लेफ्ट ने भी जीएसटी बिल का समर्थन करने का फैसला लिया है। राज्यसभा में पास होने के बाद इस बिल को दोबारा लोकसभा में भेजा जाएगा।
सहमति बनाने के लिए जीएसटी बिल में 5 बड़े बदलाव किए गए हैं| जिसके तहत 1 फीसदी इंटरस्टेट ट्रांजेक्शन टैक्स हटाया गया है। बदलाव के बाद अब राज्यों को 5 साल तक 100 फीसदी नुकसान की भरपाई की जाएगी पहले 3 साल तक 100 फीसदी, चौथे साल में 75 फीसदी और पांचवे साल में 50 फीसदी भरपाई का प्रावधान था।
जीएसटी बिल में संशोधनों पर राज्यसभा में देर शाम तक वोटिंग जारी होकर पास हो गया| जीएसटी बिल के विरोध में कोई वोट नहीं पडा|.
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