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नई दिल्ली : बिहार के बाहुबली आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन शनिवार को जेल से रिहा हो गए हैं। सीवान के चर्चित तेजाब कांड में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सुबह वह भागलपुर जेल से रिहा हुए हैं।
हत्या के आरोपी बिहार के सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को पिछले हफ्ते जमानत मिल गई क्योंकि 2014 में हुए राजीव रंजन हत्या मामले में पुलिस अभी तक मुकदमे की कार्रवाई शुरू कराने में विफल रही है।
भागलपुर जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन अपने पुराने तेवर के अंदाज मे दिखे। उन्होंने कहा कि लालू यादव ही मेरे नेता है। नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं. सब जानते हैं कि मुझे फंसाया गया है। नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि वे मेरे नेता नहीं हैं और वे बस परिस्थितियों के कारण मुख्यमंत्री हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहाबुद्दीन की रिहाई पर बोलते हुए कहा कि उनका जेल में रहना और जमानत पर रिहा होना कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा हैं। शहाबुद्दीन केवल जमानत न मिलने के कारण ही जेल में बंद थे। राजीव रंजन हत्या के एक मामले में चश्मदीद गवाह थे।
हत्या के उस मामले में शहाबुद्दीन को दिसंबर 2015 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की। इस साल 3 फरवरी को पटना हाई कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत की याचिका खारिज करते हुए सीवान की स्थानीय अदालत से कहा था कि काबिल मजिस्ट्रेट को मामले में पूर्ण समर्पण से तेजी लाने का आदेश दिया जाता है और इस प्रकार ट्रायल कोर्ट के जज को मामले के यथाशीघ्र निपटारे के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए। वहीं, 20 मई 2016 को शहाबुद्दीन को भागलपुर जेल में स्थानंतरित कर दिया गया था।
7 सितंबर को पटना हाई कोर्ट ने राजीव रोशन मामले में कोई प्रगति न होने के कारण उन्हें जमानते देते हुए कहा, “मुकदमे में कोई प्रगति न होते देखकर और जेल में रखे जाने की अवधि को देखते हुए याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है। अबम बात ये है कि शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के बाद भी अगर बिहार पुलिस या बिहार सरकार चाहती तो उनकी रिहाई रुक सकती थी।
जबकि सीवान के जिला प्रशासन ने तब अदालत में तर्क दिया था कि उन्हें आम अदालत में ले जाने से आम शांति भंग हो सकती है और आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंच सकता है।
नई दिल्ली : बिहार के बाहुबली आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन शनिवार को जेल से रिहा हो गए हैं। सीवान के चर्चित तेजाब कांड में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सुबह वह भागलपुर जेल से रिहा हुए हैं।
हत्या के आरोपी बिहार के सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को पिछले हफ्ते जमानत मिल गई क्योंकि 2014 में हुए राजीव रंजन हत्या मामले में पुलिस अभी तक मुकदमे की कार्रवाई शुरू कराने में विफल रही है।
भागलपुर जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन अपने पुराने तेवर के अंदाज मे दिखे। उन्होंने कहा कि लालू यादव ही मेरे नेता है। नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं. सब जानते हैं कि मुझे फंसाया गया है। नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि वे मेरे नेता नहीं हैं और वे बस परिस्थितियों के कारण मुख्यमंत्री हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहाबुद्दीन की रिहाई पर बोलते हुए कहा कि उनका जेल में रहना और जमानत पर रिहा होना कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा हैं। शहाबुद्दीन केवल जमानत न मिलने के कारण ही जेल में बंद थे। राजीव रंजन हत्या के एक मामले में चश्मदीद गवाह थे।
हत्या के उस मामले में शहाबुद्दीन को दिसंबर 2015 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की। इस साल 3 फरवरी को पटना हाई कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत की याचिका खारिज करते हुए सीवान की स्थानीय अदालत से कहा था कि काबिल मजिस्ट्रेट को मामले में पूर्ण समर्पण से तेजी लाने का आदेश दिया जाता है और इस प्रकार ट्रायल कोर्ट के जज को मामले के यथाशीघ्र निपटारे के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए। वहीं, 20 मई 2016 को शहाबुद्दीन को भागलपुर जेल में स्थानंतरित कर दिया गया था।
7 सितंबर को पटना हाई कोर्ट ने राजीव रोशन मामले में कोई प्रगति न होने के कारण उन्हें जमानते देते हुए कहा, “मुकदमे में कोई प्रगति न होते देखकर और जेल में रखे जाने की अवधि को देखते हुए याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है। अबम बात ये है कि शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के बाद भी अगर बिहार पुलिस या बिहार सरकार चाहती तो उनकी रिहाई रुक सकती थी।
जबकि सीवान के जिला प्रशासन ने तब अदालत में तर्क दिया था कि उन्हें आम अदालत में ले जाने से आम शांति भंग हो सकती है और आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंच सकता है।
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