Sep 07, 2016, Toc News
अलगाववादियों पर सख्त फैसले के पहले गृहमंत्री ने सेनाध्यक्ष से की मुलाकात उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह और जनरल दलबीर सुहाग के बीच बातचीत में कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली, . ब्यूरो। कश्मीर में अलगावादियों और आतंकियों के खिलाफ सख्त कदमों के संकेत के बाद सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सुहाग ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। हिंसक घटनाओं को रोकने में राजनीतिक कवायद की उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिलने को देखते हुए इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद सेनाध्यक्ष के घाटी के दौरे पर जाने की चर्चा भी शुरू हो गई, लेकिन सेना ने इसका खंडन कर दिया।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह और जनरल दलबीर सुहाग के बीच बातचीत में कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई। दोनों के बीच घाटी में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और सीमा पार से उनकी घुसपैठ को कारगर तरीके से रोकने के उपायों पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि पाकिस्तान पोषित अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के बाद आइएसआइ घाटी में आतंकी हमलों को तेज करने की कोशिश कर सकता है और उन्हें रोकने में सेना की अहम भूमिका होगी। वैसे पिछले दिनों नियंत्रण रेखा के पार से आने वाले आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराने में सेना को अहम सफलता मिली है। लेकिन फिर भी घुसपैठ को पूरी तरह नहीं रोका जा सका है।
अलगाववादियों पर सख्त फैसले के पहले गृहमंत्री ने सेनाध्यक्ष से की मुलाकात उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह और जनरल दलबीर सुहाग के बीच बातचीत में कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली, . ब्यूरो। कश्मीर में अलगावादियों और आतंकियों के खिलाफ सख्त कदमों के संकेत के बाद सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सुहाग ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। हिंसक घटनाओं को रोकने में राजनीतिक कवायद की उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिलने को देखते हुए इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद सेनाध्यक्ष के घाटी के दौरे पर जाने की चर्चा भी शुरू हो गई, लेकिन सेना ने इसका खंडन कर दिया।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह और जनरल दलबीर सुहाग के बीच बातचीत में कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई। दोनों के बीच घाटी में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और सीमा पार से उनकी घुसपैठ को कारगर तरीके से रोकने के उपायों पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि पाकिस्तान पोषित अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के बाद आइएसआइ घाटी में आतंकी हमलों को तेज करने की कोशिश कर सकता है और उन्हें रोकने में सेना की अहम भूमिका होगी। वैसे पिछले दिनों नियंत्रण रेखा के पार से आने वाले आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराने में सेना को अहम सफलता मिली है। लेकिन फिर भी घुसपैठ को पूरी तरह नहीं रोका जा सका है।
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