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सूरत में अमित शाह के कार्यक्रम में पाटीदारों
ने फेकी कुर्सियां, 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगे..
सूरत: पाटीदार समुदाय के नेताओं के साथ अमित शाह की मीटिंग में गुरुवार को उस वक्त अव्यंवस्था उत्पनन्न हो गई जब हार्दिक पटेल के समर्थकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया. हार्दिक, हार्दिक के नारे लगाए जाने लगे और कुर्सियों के साथ तोड़-फोड़ की गई.
मुख्यिमंत्री विजय रुपाणी के नेतृत्व में नवगठित मंत्रिमंडल में पटेल मंत्रियों को सम्मा नित करने के लिए बीजेपी ने इस बड़ी रैली का आयोजन किया था, जिसमें अमित शाह हिस्सां लेने पहुंचे थे. अगले साल राज्यन में चुनावों के मद्देनजर बीजेपी इस रैली के जरिये अपनी ताकत दिखाने के साथ-साथ पाटीदार समुदाय को फिर से जोड़ने की मुहिम भी कर रही थी.
दरअसल पाटीदार समुदाय बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है लेकिन हालिया दौर में नौकरियों और आरक्षण की मांग के कारण राज्यव सरकार के साथ टकराव की स्थिति में है.
हंगामा खड़ा होने के बाद पुलिस को बुलाया गया और उन्हों ने अव्यीवस्था फैलाने वालों को वहां से हटाया. उसके बाद अमित शाह केवल छह मिनट ही बोले. उस दौरान करीब 20 प्रतिशत लोग ही वहां बचे थे. करीब 40 पाटीदार नेताओं को पकड़ा गया है. घटना से शर्मसार पार्टी ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेिदार ठहराया है. राज्यन के वरिष्ठम बीजेपी नेता केसी पटेल ने कहा, ''कार्यक्रम आराम से चल रहा था तभी कांग्रेस के उकसावे पर मुठ्ठी भर असामाजिक तत्वों ने रैली में बाधा डालने की कोशिश की.''
जब भीड़ 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगा रही थी, लगभग उसी दौरान हार्दिक पटेल (23) बीजेपी को चुनौती देते हुए कह रहे थे, ''यदि आप इस समुदाय को पीड़ा पहुंचाएंगे तो यह सरकार गिर जाएगी.''
एक फेसबुक पोस्ट में उन्हों ने अमित शाह को चुनौती पेश करते हुए कहा, ''मैं आरक्षण के मसले पर पटेल समुदाय के आंदोलन से अमित शाह को दूर रहने का आग्रह कर रहा हूं. चूंकि आप इसे रोकना चाहते हैं तो इस वजह से हम आंदोलन को खत्म् नहीं करेंगे. जब तक मैं जिन्दार हूं तब तक यह आंदोलन बंद नहीं होगा. और अगर आप इसे जबरन बंद करना चाहेंगे तो आपको उससे पहले मुझे मारना होगा.''
उल्लेचखनीय है कि कई नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण ही आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को राज्यस का मुख्य मंत्री बनाया गया है.
सूरत में अमित शाह के कार्यक्रम में पाटीदारों
ने फेकी कुर्सियां, 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगे..
सूरत: पाटीदार समुदाय के नेताओं के साथ अमित शाह की मीटिंग में गुरुवार को उस वक्त अव्यंवस्था उत्पनन्न हो गई जब हार्दिक पटेल के समर्थकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया. हार्दिक, हार्दिक के नारे लगाए जाने लगे और कुर्सियों के साथ तोड़-फोड़ की गई.
मुख्यिमंत्री विजय रुपाणी के नेतृत्व में नवगठित मंत्रिमंडल में पटेल मंत्रियों को सम्मा नित करने के लिए बीजेपी ने इस बड़ी रैली का आयोजन किया था, जिसमें अमित शाह हिस्सां लेने पहुंचे थे. अगले साल राज्यन में चुनावों के मद्देनजर बीजेपी इस रैली के जरिये अपनी ताकत दिखाने के साथ-साथ पाटीदार समुदाय को फिर से जोड़ने की मुहिम भी कर रही थी.
दरअसल पाटीदार समुदाय बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है लेकिन हालिया दौर में नौकरियों और आरक्षण की मांग के कारण राज्यव सरकार के साथ टकराव की स्थिति में है.
हंगामा खड़ा होने के बाद पुलिस को बुलाया गया और उन्हों ने अव्यीवस्था फैलाने वालों को वहां से हटाया. उसके बाद अमित शाह केवल छह मिनट ही बोले. उस दौरान करीब 20 प्रतिशत लोग ही वहां बचे थे. करीब 40 पाटीदार नेताओं को पकड़ा गया है. घटना से शर्मसार पार्टी ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेिदार ठहराया है. राज्यन के वरिष्ठम बीजेपी नेता केसी पटेल ने कहा, ''कार्यक्रम आराम से चल रहा था तभी कांग्रेस के उकसावे पर मुठ्ठी भर असामाजिक तत्वों ने रैली में बाधा डालने की कोशिश की.''
जब भीड़ 'हार्दिक', 'हार्दिक' के नारे लगा रही थी, लगभग उसी दौरान हार्दिक पटेल (23) बीजेपी को चुनौती देते हुए कह रहे थे, ''यदि आप इस समुदाय को पीड़ा पहुंचाएंगे तो यह सरकार गिर जाएगी.''
एक फेसबुक पोस्ट में उन्हों ने अमित शाह को चुनौती पेश करते हुए कहा, ''मैं आरक्षण के मसले पर पटेल समुदाय के आंदोलन से अमित शाह को दूर रहने का आग्रह कर रहा हूं. चूंकि आप इसे रोकना चाहते हैं तो इस वजह से हम आंदोलन को खत्म् नहीं करेंगे. जब तक मैं जिन्दार हूं तब तक यह आंदोलन बंद नहीं होगा. और अगर आप इसे जबरन बंद करना चाहेंगे तो आपको उससे पहले मुझे मारना होगा.''
उल्लेचखनीय है कि कई नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे से ठीक ढंग से नहीं निपटने के कारण ही आनंदीबेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को राज्यस का मुख्य मंत्री बनाया गया है.
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