ब्यूरो प्रमुख // संतोष प्रजापति (बैतूल// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल. बैतूल शहर के एक निजी अस्पताल संजीवनी के संचालक डा.योगेश पंडाग्रे की लापरवाही के कारण छात्रा की मौत होना बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पाटाखेड़ा निवासी नरेश आर्य की 20 वर्षीय बेटी कु.प्रियंका आर्य बैतूल में अपनी बुआ के यहां रहकर जे एच कॉलेज में बी काम फाईनल की पढाई कर रही थी। एक दिन प्रियंका को सिर एवं सीने में दर्द होने की शिकायत होने पर मंगलवार सुबह परिजनों द्वारा लिंक रोड स्थित संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के संचालक योगेश पंडाग्रे ने प्रियंका का चैकअप एवं एक्सरे करने के बाद परिजनों को बताया की परेशानी की कोई बात नहीं है। टेंशन के कारण सिर एवं सीने में दर्द है। बताया जाता है कि प्रियंका की हालत बिगडऩे पर परिजनों ने डॉक्टर से उसे नागपुर-भोपाल रेफर करने की बात कही तब भी डॉक्टर ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, ठीक हो जायेगी। डा योगेश पंडाग्रे ऐसा झूठा आश्वासन छात्रा के परिजनों को देकर गुमराह करते रहे और वक्त बीतता गया। मृतिका के परिजनों के अनुसार गुरूवार दोपहर को प्रियंका का एक्सरे लिया गया रिपोर्ट आने के बाद डा पंडाग्रे ने परिजनों को बताया की प्रियंका के फेफड़ों में पानी जमा हो रहा है।
चुंकि योगेश द्वारा छात्रा प्रियंका का चैकअप एवं एक्सरे करने पर पहले प्रियंका के परिजनों को यह बताया गया था की टेंशन के कारण सीने और सिर में दर्द है और अब डा योगेश के आश्वासन में विरोधाभास दिख रहा था। पत्पश्चात जब प्रियंका की हालात बिगडऩे लगी तो छात्रा के परिवार वालों ने पुन: नागपुर-भोपाल रिफर करने को कहा। तब भी डा योगेश पंडाग्रे मना करते रहे। बाद में योगेश द्वारा दूबार चैकअप करने पर प्रियंका के फेफड़े में पानी जमा होना बताया। इसके बाद डा योगेश पंडाग्रे द्वारा छात्रा हालात गंभीर होने पर डा पंडाग्रे द्वारा छात्रा को किसी बड़े अस्पताल ले जाओ।
छात्रा के परिजन घबराते हुए उसे तत्काल पाढऱ अस्पताल ले गये, जहां छात्रा की हालत और बिगडऩे पर पाढऱ अस्पताल के डाक्टरों ने भोपाल ले जाने को कहा तब छात्रा के परिजनों द्वारा उसे भोपाल ले जाया गया। शुक्रवार सुबह भोपाल के एक अस्पताल में ईलाज के दौरान प्रियंका की मौत हो गई। मौत के बाद शुक्रवार सुबह भोपाल के अस्पताल से दोपहर को परिजन शव को लकर सीधे संजीवनी अस्पताल पहुंचे। मृतिका के परिजनों ने डाक्टर की लापरवाही से प्रियंका की मौत होने का आरोप लगाकर शव को अस्पताल के सामने रख कर धरना प्रदर्शन किया। आक्रोशित परिजनों द्वारा डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की जा रही थी। इसी दौरान डॉ योगेश पंडाग्रे मृतिका के परिजनों से बात करने आये तभी मृतिका के परिजनों ने आक्रोशित होकर डा. के साथ बहस शुरू हो गई। तब डॉ योगेश ने घटना की सूचना क्लीनिक के कर्मचारियों को दी जिसके बाद दर्जन भर क्लीनिक के कर्मचारियों एवं मेडिकल रिप्रजेटेटिव ने मौके पर पहुंचकर फिल्मी स्टाइल में बेल्ट और लाठियों से मृतिका के परिजनों के साथ जमकर मारपीट एवं गाली गलौच की।
दोनो पक्षों के आमने सामने आ जाने से वहां अफरा तफरी मच गई। घटना की सूचना मिलते ही बैतूल एसडीएम संजीव श्रीवास्तव सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा जिससे मामला शांत हुआ। एसडीएम ने दोनेा पक्षों को समझाईश देकर मृतिका के परिजनों को रवाना किया। संभवत: यह पहला मौका है जब मृतक के परिजनों द्वारा डॉक्टर की पिटाई के बाद डाक्टर के संगी साथियों ने परिजनों की जमकर पिटाई की हो। उसके बाद डा. योगेश द्वारा मृतिका के परिजनों द्वारा मारपीट करने की शिकायत को लेकर दर्जन भर से अधिक निजी एवं शासकीय डाक्टरों के साथ डा. योगेश ने अजाक थाना पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई, अजाक पुलिस ने डा. पंडाग्रे की रिपोर्ट पर सुभाष आर्य, जगदीश आर्य, राजु आर्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 294, 506, 34 तथा 3 (1) (10) एससीएसटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच श्ुारू कर दी है। संजीवनी अस्पताल के सामने शुक्रवार को एक कालेज छात्रा की लाश लेकर आये परिजनों को अस्पताल के कर्मचारियों एवं सहयोगियों द्वारा पीटने का मामला शनिवार को जहां डाक्टरों ने विभिन्न संगठनों के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा की मांग की वहीं मृतक छात्रा के परिजनों ने एसडीएम एवं प्रभारी एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर डाक्टर के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।
छात्रा के पक्ष में आये शासकीय जे एच कालेज में अध्यनरत् छात्रा की मौत के बाद परिजनों के साथ मारपीट का मामला दर्ज करने की मांग की है। मृतक प्रियंका की चाची ने एसडीएम को सौंपी शिकायत में बताया है कि संजीवनी अस्पताल के डॉक्टर योगेश पंडग्रे की लापरवाही से उनकी भतीजी की मौत हुई। इस मामले में जब वे डॉक्टर से बात करने पंहुचे तो डॉ योगेश ने उनकी पत्नी, सचिन मिश्रा, अनुराग तिवारी, सहित अन्य एमआर एवं अस्पताल के कर्मचारियों ने अनकी बेल्ट, लकड़ी, हाथ मुक्के से पिटाई की इसके साथ ही महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें की वहीं गंदी गालियां भी दी। अनिता आर्य ने बताया की डॉ की शिकायत पर तीन लोगों पर ऐट्रोसिटी का मामला दर्ज किया गया है। जबकि उसमें से सुभाष आर्य तो आया ही नहीं था। वहीं बाकी लोगों ने भी किसी को जातिगत अपशब्द नहीं कहे थे। परिजनों ने डा. योगेश पर हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। परिजनों के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष कृष्णकांत प्रजापति, सन्नी राठौर, विकास प्रधान, कांग्रेस सेवादल, अध्यक्ष मनोज आर्य, सहित सैकड़ों कार्यकर्ता एवं परिजन उपस्थित थे।
मनोज आर्य ने कहा कि यदि पुलिस प्रशासन तीन दिनों के अंदर आरोपी डाक्टरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया गया तो चिचोली बंद किया जाएगा। उधर परिजनों ने डॉक्टरों की शिकायत करने कलेक्ट्रेट पहुंचे, परिजनों ने एसडीएम संजीव श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि वे छात्रा की मौत के मामले की जांच सीएमएचओ से करवाएंगे। इसका जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जावेगी। वहीं एसपी कार्यालय में ज्ञापन लेने पहुचें प्रभारी एसडीओपी सतीश मिश्रा ने भी अश्वासन दिया है कि वे तीन दिनों में पूरे मामले की जांच कर आरोपीयों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी।
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