प्रतिनिधि // संतोष कुमार गुप्ता (शहडोल //टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 94243 30959
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 94243 30959
शहडोल. कलेक्टर श्री नीरज दुबे ने कहा कि बेटियों की उपस्थिति के बगैर हम सभ्य मानव समाज की कल्पना नहीं कर सकते, फिर भी समाज में बेटियों की संख्या भयावह तरीके से कम हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर हम समय पर बेटियों को बचाने में सफल नहीं हुए तो स्थिति काफी गंभीर होगी।
कलेक्टर ने जिले के नागरिकों से कहा कि वह मध्य प्रदेश शासन द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओं अभियान को सफल बनाने के लिए सक्रिय योगदान देकर इस समय इस को अभियान को जन आदोंलन बनाएं तथा बेटियों को बचाने के लिए जिले का हर नागरिक पहल करें कलेक्टर, श्री नीरज दुबे आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बेटी बचाओं अभियांनके प्रचार प्रसार हेतु आयोजित कार्यशाला में जिले के गणमान्य नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अमरपालसिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती रसना ठाकुर ,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 उमेश नामदेव ,जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री एम.एल.मेहरा ,उपसंचालक सामाजिक न्याया श्री संतोष कुमार शुक्ला ,जिला समन्वयक जन अभियान परिषद श्री विवेक पाण्डेय, सामाजिक कार्यकर्ता डा.राजेन्द्र श्रीवास्तव, श्री राजेश्वर नाथ उदानिया, श्रीमती उर्मिला कटारे, अध्यक्ष जिला महिला समिति श्रीमती रश्मि दुबे, श्रीमती सुषमा उदानिया सचिव जिला महिला समिति एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में बेटी बचाओं अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों तक यह संदेश पहुचाया जाए कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है । उन्होंने कहा कि जिले में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए पी.एन.डी.टी. एक्ट का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा । कलेक्टर ने कहा कि बेटी बचाने के लिए शहडोल जिले में क्या नीती अपनाई जाए इस संबंध इस में गणमान्य नागरिक सुझाव दें। कार्यशाला में डा0 सिद्धांत त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लिगांपुनात में भयावह तरीके से कमी आई है, उन्होंने कहा कि अब तक 06 लाख बेटियों को जन्म लेने ही नहीं दिया गया है । डा. त्रिपाठी ने बताया कि अगर स्थिति अगर स्थिति यही रही तो वर्ष 2050 तक लगभग 02 करोड़ 80 लाख बेटियों को हम पैदा ही नहीं होने देगे।
डा.त्रिपाठी ने कहा कि जिसके कारण कई प्रकार की सामाजिक विकृतियॉं समाज में पैदा होगी। उन्होंने बेटियों की रक्षा के लिए पी.एन.डी.टी. एक्ट का पालन कड़ाई से कराने की आवश्यकता बताई। कार्यशाला में अध्यक्ष आदर्श महिला मंडल श्रीमती उर्मिला कटारे ने कहा कि बेटी बचाओं अभियान को सफल बनाने के लिए उनकी संस्था लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है । उन्होंने बताया कि उनकी संस्था द्वारा बुढ़ार विकासखण्ड के लगभग 10 गांवों में बेटी बचाओं अभियान के अंतर्गत जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कार्यशाला में समाज सेवी श्री राजेश्वर उदानिया ने कहा कि बेटी बचाओं अभियान के व्यापक प्रचार प्रसार एवं उसके पुनीत उद्देश्यों को जन-जन तक पहुॅंचानें के लिए दीपावली पर्व के बाद नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से उनकी संस्था लोगों को जागरूक करने का प्रयास करेगी। कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती रसना ठाकुर ने कहा कि महिलाओं के प्रति लोगों के नजरियें में बदलाव लाना आवश्यक है, वही बेटियों को भी यह समझना चाहिए की वह पुरूषों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है।
उनका सुझावथा कि सामाजिक संस्कारों में भी बेटियों की समुुचित भागी दारी सुनिश्चित कराई जाए, जिससे समाज में बेटियों के प्रति एक सकारात्मक संदेश जाए। कार्यशाला को संबोधितकरते हुए समन्वयक जनअभियान परिषद श्री पाण्डेय ने कहा कि बेटी बचाओं अभियान की अवधारणा को जन-जन तक पहुचांने के लिए विशेष प्रचार अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जन अभियान परिषद बेटी बचाव अभियान को जन-जन तक पहुचांने के लिए विशेष प्रयास करेगी। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.उमेश नामदेव ने भी कई सुझाव दिए।
No comments:
Post a Comment