प्रदेश टुडे ने हड़प लिया विज्ञापन के पैंतालीस हजार रुपये, सीईओ दिखा रहा दबंगई
: अखबार के कई लोगों को पुलिस ने नोटिस दिया
: समाचार पत्रों के नाम को कलंकित करने वाले लोगों की कमी नहीं है। समाचार
पत्रों की आड़ में खेल खेलने वाले समाचार पत्रों के प्रबंधको ने अपनी औकात
दिखा दी है। वाकया बड़ा मजेदार और धोखाधड़ी का है, ये कारनामा कर दिखाया
है प्रदेश टुडे के सीईओ सतीश पिम्पले ने, जो अपने आपको तुर्रम खां समझ रहे
हैं और विज्ञापन का पैसा वापस नहीं कर रहे हैं।
दिनांक 11 सितम्बर 2011 को भोपाल में ऑल
इण्डिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन का राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान
समारोह ‘‘संघर्ष 2011’’ था, जिसमें देश प्रदेश से आये पत्रकारों को
शुभकामनाओं दी गयी थी। प्रदेश टुडे को इस कार्यक्रम का विज्ञापन 11 सितम्बर
2011 को अखबार के अन्तिम पृष्ठ पर प्रकाशित करने के लिये पैंतालीस हजार
रुपया दिया गया था, जिसका नगद भुगतान विभूति को कर दिया गया। साथ ही प्रदेश
टुडे की 300 प्रतियों का आर्डर भी दे दिया गया। प्रदेश टुडे में उक्त
विज्ञापन का प्रकाशन नहीं किया गया और जब दूसरे दिन विज्ञापन राशि की मांग
की गई तो अखबार ने पैसे वापस करने से मना कर दिया। दिनांक 21.09.2011 को जब
नितिन दुबे, जिसने विज्ञापन बुक किया था, से बात की तो उन्होंने मुझे सीईओ
सतीश पिम्पले के कार्यालय बुलाया। जिस पर संस्थान के अध्यक्ष अवधेश भार्गव
के साथ मैं रुपये वापस लेने गया तो पिम्पले गंदी-गंदी गालियां देते हुए
धमकाया कि विज्ञापन नहीं छापा तो क्या हुआ, हम पैसे वापस नहीं करेंगे। इतना
बुरा व्यवहार किया गया जो पत्रकार होने के नाते असहनीय था। कुछ देर बातें
करने के बाद पिम्पले बोला ठीक है कल फोन पर बात करना मैं मैनेजमेन्ट से बात
कर पैसे वापस कर दूंगा।
परन्तु अगले दिन 22.09.2011 को जब अवधेश
भार्गव ने पिम्पले के मोबाइल पर बात की तो वही सुर दोहराते हुए कहा कि पैसे
वापस नहीं करूंगा, तुमको जो बने वो कर लो और धमकाने लगा। जिसकी पूर्ण
मोबाइल वार्ता रिकॉडिंग अवधेश भार्गव के पास सुरक्षित है। उक्त पैतालीस
हजार रुपये संस्थान का है, जिसको वापस प्राप्त करने और अपराधिक कृत्य,
धोखाधड़ी एवं धमकाने तथा पैसे लेकर विज्ञापन न छापने तथा अड़ीबाजी करने कर
प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के लिए ऑल इण्डिया स्माल न्यूज पेपर्स ऐशोसिएशन ने
थाना एमपी नगर में शिकायत दर्ज करवाया है। एसोसिएशन ने प्रदेश टुडे के
सीईओ सतीश पिम्पले सहित विज्ञापन संकलनकर्ता अवस्थी, नितिन दुबे एवं रुपये
लेने वाले विभूति के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने की मांग की है। जिस पर
थाना एम.पी.नगर ने 28 सितम्बर 2011 को कई पत्रकारों के बयान दर्ज किये हैं
तथा प्रदेश टुडे के उक्त षडय़ंत्रकारियों को नोटिस जारी किया है।
विनय जी.डेविड
महासचिव
आल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन
मो. 9893221036
Comments
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written by manu dev, October 01, 2011
सतीश पिंपले तो सबसे बड़ा चोर हैं। उसने एक सीधे पत्रकर के एकाउंट से 12000 रुपए फर्जी तरीके से निकाल लिया। जब इसकी बैंक में शिकायत की तो बैंक के मैनेजर ने अपनी गलती मानते हुए पूरी घटना क्र म को भूल जाने को क हा। बहुत क म लोगों को पता है कि पिंपले कं स्ल्टें सी सेवा भी संचालित क रता है । राज एक्स्प्रेस् को क रोड़ों रुपए का चूना लगाने के बाद प्रदेश टुडे को भी आर्थिक रूप से चूना लगाया जा रहा हैं। पिंपले ने अपने ही क स्ल्टेंसी से प्रदेश टुडे के क ई काम क रवा लिये हैं और इसका भुगतान क स्ल्टेंसी के नाम पर क र लिया है। इसके अलावा पिंपले के वाह न जाइ लो में भी खेल हुआ है। यह बात स्सथान के शीर्ष लोगों को पता चल गया है ।
.................................................................................................................................written by manu dev, October 01, 2011
सतीश जी के बारे मे एक ही बात जमती है कि पाव कि चप्पल को टखने के ऊपर लाई कि सर पर चढ़ जाती है............
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written by dk,
September 30, 2011
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written by ishwher singh,
September 30, 2011
pimple to chor hi hai. jis akhbar me gaya use baitha diya. pradesh
today abhi to khada bhi nahi ho paya tha lekin uski halat kharab honi
suru ho gayi. pimple jahan bhi jayega yahi hona hai. dixhit ji kya soch
rahe hain ye to wahi jane lekin jitna jaldi pimple ki gand me lat mar ke
nikal den utna hi achha hoga. nahi to raj ka hal ho jayega aour khade
hone se pahle kahin dhrasayi na ho jayen
सतीश पिंपले तो सबसे बड़ा चोर हैं। उसने एक सीधे पत्रकर के एकाउंट से 12000 रुपए फर्जी तरीके से निकाल लिया। जब इसकी बैंक में शिकायत की तो बैंक के मैनेजर ने अपनी गलती मानते हुए पूरी घटना क्र म को भूल जाने को क हा। बहुत क म लोगों को पता है कि पिंपले कं स्ल्टें सी सेवा भी संचालित क रता है । राज एक्स्प्रेस् को क रोड़ों रुपए का चूना लगाने के बाद प्रदेश टुडे को भी आर्थिक रूप से चूना लगाया जा रहा हैं। पिंपले ने अपने ही क स्ल्टेंसी से प्रदेश टुडे के क ई काम क रवा लिये हैं और इसका भुगतान क स्ल्टेंसी के नाम पर क र लिया है। इसके अलावा पिंपले के वाह न जाइ लो में भी खेल हुआ है। यह बात स्सथान के शीर्ष लोगों को पता चल गया है ।
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written by vijay thomas,
September 30, 2011
सतीश पिंपले अपने आप को बहुत ही बडा प्रबंधक समझते हैं। प्रदेश टुडे से
भी अच्छे अच्छे लोग टूटना आरंभ हो गए हैं। जल्द ही और भी लोगों के पलायन
की खबर है। अपने लोगों को ढेर सारा पैसा देते हैं पिंपले और बाकी काम के
लोगों को ठेंगा दिखा दिया करते हैं। पिंपले की भाषा बहुत ही अशोभनीय और
आपत्तिजनक है। राज एक्सप्रेस का भटटा बिठाने के बाद अब प्रदेश टुडे की
बारी है। पता नहीं प्रदेश टुडे प्रबंधन को इस बात का अहसास क्यों नहीं हो
रहा है। कहा जाता है कि किसी पेड के आसपास की मिटटी हटा दी जाए तो उसकी
जडें कमजोर हो जाती हैं। कुछ ही दिनों में वह पेड भरभरा कर गिर जाता है।
सतीश पिंपले द्वारा राज एक्सप्रेस के बाद अब प्रदेश टुडे की जमीन को खोखला
किया जा रहा है। आने वाले समय में अच्छे लोग अगर प्रदेश टुडे से नाता तोड
लें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
written by raja, September 29, 2011
सतीश पिंपिले को कौन नहीं जानता यह इससे पहले राज एक्सप्रेस में था और
अरुण सहलोत का दाया हाथ था। जब राज एक्सप्रेस आगरा चार पेज का पुलाउट डाल
रहा था जब इसने ही टांग अड़ायी थी जबकि अरुण सहलोत आगरा आने का बहुत मन बना
चुका था । वह अखबार के साथ साथ केबल नेटवर्क भी डाल रहा था। लेकिन इसने
आगरा वालो से अपनी जुगाड़ ना बनती देख आरून सहलोत की आगरा के पत्रकारों से
मिलने नहीं दिया और उसके बाद राज एक्सप्रेस का आगरा आने का सपना सपना ही रह
गया।
भड़ास4मीडिया Tuesday, 07 September 2010 prakasit samachar
written by MOHIT SHRIVASTAVA, September 09, 2010
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written by Nitin gupta , September 09, 2010
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written by ssureshkumar, September 09, 2010
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written by chandresh garg gwalior, September 08, 2010
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written by sachin, September 08, 2010
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written by tarun sharma, September 08, 2010
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written by dinu, September 08, 2010
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written by Deen Bandhu Malik, September 08, 2010
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written by rakesh pathak gwl, September 08, 2010
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written by suresh singh, September 08, 2010
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written by vinod , September 08, 2010
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written by vinay, katni, September 07, 2010
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written by adesh kharya, September 07, 2010
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written by sachin goshwami, September 07, 2010
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written by hahaha, September 07, 2010
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भड़ास4मीडिया Tuesday, 07 September 2010 prakasit samachar
गबन के आरोप में सतीश पिंपले बर्खास्त
मध्य प्रदेश के अखबार राज एक्सप्रेस के
ग्रुप यूनिट हेड सतीश पिंपले के बारे में सूचना आ रही है कि उन्हें
टर्मिनेट कर दिया गया है. प्रबंधन ने यह फैसला कुछ शिकायतों की जांच के बाद
लिया है. भड़ास4मीडिया को राज एक्सप्रेस के अति उच्च पदस्थों सूत्रों ने
बताया कि सतीश पिंपले को टर्मिनेट किए जाने की सूचना बिलकुल सही है. उधर,
सतीश पिंपले ने भड़ास4मीडिया से बातचीत में कहा कि वे अवकाश पर चल रहे हैं
और टर्मिनेशन जैसी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सतीश को राज
ग्रुप के अखबार राज एक्सप्रेस के कामकाज से हटाकर हाउसिंग प्रोजेक्ट में
भेजने की चर्चा उड़ी थी. इस बारे में भड़ास4मीडिया पर खबर प्रकाशित हुई. तब
सतीश पिंपले खबर के प्रकाशन पर काफी भड़के थे. भड़ास4मीडिया को देख लेने
की चेतावनी देते हुए खबर हटाने के लिए कहा था. उन्हें जब बताया गया कि उनका
मोबाइल नंबर या कोई अन्य संपर्क नंबर भड़ास4मीडिया के पास नहीं था और वे
अब जो कुछ अधिकृत रूप से कहेंगे, उसे सादर प्रकाशित करा दिया जाएगा, तो
सतीश पिंपले ने अपना बयान विस्तार से नोट कराया.
सतीश के दिए गए बयान के आधार पर
भड़ास4मीडिया पर उनके तबादले से संबंधित प्रकाशित खबर को अपडेट किया गया.
अपने बयान में पिंपले ने कहा था कि उनका तबादला नहीं हुआ है और वे अखबार के
काम को अब भी ग्रुप यूनिट हेड के बतौर देख रहे हैं. यह सब हुए हफ्ते भर भी
नहीं बीते थे कि सतीश पिंपले को हटाए जाने की सूचना आज मिली है. हालांकि
सतीश पिंपले के अधिकार छीन लिए जाने की सूचनाएं कुछ दिन पहले से ही मिल रही
थी लेकिन सतीश के इनकार करने से इन खबरों-सूचनाओं-चर्चाओं का प्रकाशन नहीं
किया गया.
राज प्रबंधन द्वारा बर्खास्त किए गए सतीश
पिंपले पर कई तरह के आरोप लगे हैं. इसमें आर्थिक गड़बड़ियां के आरोप भी
शामिल हैं. उन पर पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं. नवभारत, नागपुर के
कार्यकाल में सतीश पिंपले पर कई लाख रुपये गबन करने का आरोप लगा. गबन की
जानकारी आडिट के बाद नवभारत प्रबंधन को हुई. नवभारत प्रबंधन ने तब सतीश को
बर्खास्त कर दिया था.
नवभारत से हटाए जाने के बाद वे देशोन्नति,
नागपुर के हिस्से बने. देशोन्नति में उन्होंने 20 हजार रुपये महीने की
सेलरी पर ज्वाइन किया. उन्हें सरकुलेशन विभाग में सिटी सरकुलेशन का काम
देखने की जिम्मेदारी मिली. लेकिन साल भर बाद उन्हें देशोन्नति से भी हटा
दिया गया. देशोन्नति के मालिक प्रकाश पोहरे ने भड़ास4मीडिया से बातचीत में
कहा कि उनका सतीश पिंपले के साथ काम का अनुभव ठीक नहीं रहा. पिंपले का
व्यवहार ठीक नहीं रहा. आर्थिक व्यवहार भी खराब था. प्रकाश पोहरे के मुताबिक
उन्होंने सतीश पिंपले को नौकरी इसलिए दी क्योंकि वह अपने उपर लगे गबन के
आरोपों को झूठा बता रहा था. खुद के साथ साजिश किए जाने की बात कह रहा था.
साथ ही, भविष्य में अच्छा काम करने का वादा कर रहा था. पर उसके साथ एक साल
तक काम करने का अनुभव बेहद दुखद व विश्वासघाती रहा.
उधर, भड़ास4मीडिया द्वारा मोबाइल पर भेजे
गए संदेश के जवाब में राज एक्सप्रेस के मालिक अरुण शहलोत ने सतीश पिंपले को
टर्मिनेट किए जाने की पुष्टि की. सूत्रों का कहना है कि सतीश पिंपले पिछले
दिनों दिल्ली में नागपुर के अखबार लोकशाही वार्ता के मालिक के साथ देखे
गए. संभव है कि वे आने वाले दिनों में लोकशाही वार्ता ज्वाइन कर लें.
Comments (20)
.........................................................................................................................................written by MOHIT SHRIVASTAVA, September 09, 2010
Mere naam se jis kisi ne bhi ye comment likha hai vo bahut choti soch
ka udaharan diya hai par,mein ye sab soch bhi nahi sakata hoon kisi ke
bhi baarein mein,mein site ke sampadak se kahana chauhunga ki aapki site
ka sadupyog hone ki bajay durupyog ho raha hai jisake jimmedaar vo hi
hai - MOHIT SHRIVASTAVA
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written by Nitin gupta,
September 09, 2010
Papiyo Ka Ant Hona Chahia
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written by Nitin gupta , September 09, 2010
Jo Huwa Achha Huwa
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written by ssureshkumar, September 09, 2010
mr. pmple y r the realy pilpile.
tumne hamesh chhote karmchari per rob jhada hai .
kabhi unka bhala hone nahi deya .
hamesha battameji se baat ki.
iska sila aapko mil gaya .
kale karnamo ke leye avm kali baato ke liye aap hamesha yaad aate rahoge.
kale ko kala salam ..
tumne hamesh chhote karmchari per rob jhada hai .
kabhi unka bhala hone nahi deya .
hamesha battameji se baat ki.
iska sila aapko mil gaya .
kale karnamo ke leye avm kali baato ke liye aap hamesha yaad aate rahoge.
kale ko kala salam ..
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written by chandresh garg gwalior, September 08, 2010
joo huaa bhuut buraa huaa .. bad maa tarha tarha ki rumer to udati hai
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written by sachin, September 08, 2010
pipley ji namaskar aj aap soch rahe hain hoge ki mistake kaha ho
gyai aapse se mistake yah hui ki aapne sahi report arun ji chhupai aur
gadho par bharosa kiya aj unhi gadho ne aapko marwa diya aap sahi kam
walo ki pehchan kabhi thi hi hain jo kam ka tha jiska apko sath dena
chahiye uska aapne diya nahi apna kam to ap nikal wa lete the lekin jab
sath dene ki baari hote thi to ap apna daman bacha lete the,chahe wo
sahi kyu na ho,agar aapne sahi ka sath de diya hota ho aisa nahi hota
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written by tarun sharma, September 08, 2010
धन्यवाद् यशवंत भाई आपके खबर एकदम सो टंच थी कि सतीश पिम्पले के छुट्टी हो गयी है, पर तब शायद आपने पिम्पले कि बात पर भरोसा कर
लिया था, अब सब साफ़ हो गया कि पिम्पले का दावा कितना पिलपिला था. पिम्पले
तो पक्का बत्तीबाज़ निकला. भड़ास से कम से कम अखबार के प्रबंधको को इस बात
का पता तो चलने लगा कि कोंन सही है कोंन गलत. चलो 'राज' को एक नकली से
मुक्ती मिली पर अभी कुछ और डटे है जिन्हें पहचानना बाकी है .
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written by dinu, September 08, 2010
god bye pimple ji
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written by Deen Bandhu Malik, September 08, 2010
Sir ji bahut kale kaam karwaye hain aap ne mujh se bhi but main kya
karta aap ka nokar jo tha majboor tha......... chi...... sharam aati hai
mujhe aap ko apna sahab kehte huwe surat ki tarah tera dil bhi kaala ho
gaya hai paap ki kamai khate khate. phir bhi shubh kamnayen
aap ka deenu
aap ka deenu
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written by rakesh pathak gwl, September 08, 2010
pap ka ghada to bharna he tha par samay thoda jayada lag gaya.
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written by suresh singh, September 08, 2010
abhi to iss aadmi ke sekado ghotale logo ko malum nahi hai ,nahi to
iski chamdi bhi nikal li jati ,dekho der saber sabko pata chalega hi....
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written by vinod , September 08, 2010
bakre ki maa kab tak khair manayegi
gud luk pimple g
gud luk pimple g
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written by vinay, katni, September 07, 2010
chalo ab kuch sudhar hoga.
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written by adesh kharya, September 07, 2010
thats shocking news....but....
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written by sachin goshwami, September 07, 2010
ye bahut pahle ho jana chahiye tha par late hi sahi. jo hua so bahut hi achha hua hai.
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written by hahaha, September 07, 2010
ye to hona hi thaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa
written by कुमार सौवीर,
September 07, 2010
लेकिन पिंपले जी ! आप तो बहुत गरज रहे थे जब यह खबर शाया हुई कि पिंपले के दिन भी लदे। आपने तो फोन करके बात की थी। आप समझ रहे थे कि मैं यशवंत सिंह हूं। शायद इसीलिए आपने अपशब्दों का जमकर प्रयोग किया और कहा कि मैं तुम्हें बरबाद और तबाह कर दूंगा। दरअसल मैं जानना चाहता हूं कि आखिर उस गरज-बरस का आधार क्या था ? या फिर महज गीदड-भभकी दे रहे थे आप।
देखिये, पिंपले जी ! अखबार की दुनिया में किसी संस्थान में रहना, उसे छोडना, छोडने पर मजबूर कर दिया जाना अथवा निकाल बाहर किया जाना, मतलब बर्खास्त किया जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। समाचार उद्योग में यह सारा कुछ अब सामान्य हो चला है। हैरत है कि आप घोटाला भी करेंगे और धमकाएंगे भी। चलिए आपके इस हश्र के लिए मैं क्या कह सकता हूं।
लेकिन पिंपले जी ! आप तो बहुत गरज रहे थे जब यह खबर शाया हुई कि पिंपले के दिन भी लदे। आपने तो फोन करके बात की थी। आप समझ रहे थे कि मैं यशवंत सिंह हूं। शायद इसीलिए आपने अपशब्दों का जमकर प्रयोग किया और कहा कि मैं तुम्हें बरबाद और तबाह कर दूंगा। दरअसल मैं जानना चाहता हूं कि आखिर उस गरज-बरस का आधार क्या था ? या फिर महज गीदड-भभकी दे रहे थे आप।
देखिये, पिंपले जी ! अखबार की दुनिया में किसी संस्थान में रहना, उसे छोडना, छोडने पर मजबूर कर दिया जाना अथवा निकाल बाहर किया जाना, मतलब बर्खास्त किया जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। समाचार उद्योग में यह सारा कुछ अब सामान्य हो चला है। हैरत है कि आप घोटाला भी करेंगे और धमकाएंगे भी। चलिए आपके इस हश्र के लिए मैं क्या कह सकता हूं।