क्राइम रिपोर्टर// लखनलाल (कटनी//टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी शहर की यातायात व्यवस्था न तो सुधर रही है और न सुधरने का नाम ले रही है, ये बात भी समझ से परे नजर आ रही है। यातायात व्यवस्था के बारे में पूछने पर कटनी के सूबेदार आपे से बाहर हो गए, और अपने पद की गरिमा को पत्रकारो से अनाप-शनाप बकने के साथ साथ पत्रकारों से उनकी औकात तक पूछने लगते है खीझ और झल्लाहट के साथ उनकी बातों से प्रतीत होता है जैसे, कोई चिल्ला रहा हों। सूबेदार ये भी भूल जाते है कि रास्ते में ऐसी बाते करना उनके प्रतिष्ठा के खिलाफ है । शहर में इन दिनों यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है कहीं भी देखों आये दिन जाम की स्थिति निर्मित नजर आती है यह सब यातायात की अवैध कमाई के चलते ही हो रहा है चूंकि एक और व्यवस्था के नाम पर यातायात के अधिकांश सिपाही शहर के तीनो बायपास पर अवैध वसूली में जुटे रहते है यहां दूसरी और शहर के बीच स्थापित ट्रांसपोर्टरों को नो- एन्ट्री में छूट से दिन भर लोडेड ट्रक सरे आम षहर के गली कूंचो में दौड़ते है। जाहिर है इस छूट का मुआवजा अथवा नजरंदाजी शुल्क बकायदा हप्ते महीने के रूप में पूरी ईमानदारी से ट्रांसपोर्ट व्यवसाईयों द्वारा नजराना स्वरूप साहब के दरबार में पेश कर दी जाती है यही कारण है कि यह विभाग अपने उच्चाधिकारियों के निर्देशो के ताक में रख कर विधि सम्मत नियमों की धज्जियां उड़ाता नजर आता है। अमूमन यह सिलसिला निर्बाध गति से जारी है यदि यहां यह कहा जाये कि इस विभाग के सिपाहियों तक को किसी भी उच्चाधिकारियों का कोई डर ही नहीं रहता है तो कोई अतिश्योक्ति न होगी। इस तरह से लमतरा फाटक एवं पीरबाबा बाई पास में यही स्थिति निर्मित होती है लमतरा फाटक में खुले आम यातायात सिपाही एवं दो सिविलियन्स व्यक्ति जिनका रिश्ता यातायात विभाग से दूर का भी रिश्ता नही उन आम नागरिकों को भी शामिल करके कार्यवाही जाती है अवैध वसूली तथा जो कि एक सुबह 6 बजे से 11 बजे से तक एवं शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक अवैध वसूली का काम चालू हो जाता है इस अवैध वसूली के चक्कर में ट्रक ड्राईवर खुले फाटक से इतना तेज भागते है कि कभी भी कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है जिसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा। ऐसे घटना घटती है यातायात विभाग अपना पड़ला झाड़ लेगी। यातायात सिपाही की जरूरत सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्र को होती है परन्तु इस अवैध कमाई के चक्कर में लमतरा फाटक पास भी खड़ा किया जाता है। जबकि दो सिपाही की जरूरत कटनी ओवर ब्रिज के पास है क्योंकि जब वहां जाम लगता है तो घन्टों आदमी वो इस जाम मे खड़ा रहता है।
यातायात सूबेदार भडक़े
सूबेदार से जब पत्रकारों यह सब पूछने की कोशित की तो सूबेदार एस.पी. बघेल आपे से बाहर हो गये एवं शेड में खड़े होकर कुछ भी अनाप शनाप बकने और पद की गरिमा को भूलकर उन्होने जिन शब्दों और धमकियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जो उनके पद की गरिमा की तार-तार कर गए । समय रहते यदि जिला पुलिस के उच्चाधिकारी इस दिशा में कोई सार्थक पहल करते हुए अंकुश नही लगा सकें। तो यातायात विभाग की यह निरकुंश फौज कटनी जैसे संवेदनशील नगर में किस तरह की घटनाओं को जन्म दे जाए कहना मुश्किल है।
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