ब्यूरो प्रमुख // पी.वेंकट रत्नाकर (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी। शहर में भले ही सडक़ सुरक्षा सप्ताह मनाया गया हो। लेकिन यातायात व्यवस्था पटरी से पूरी तरह उतर चुकी हैं। पूर्व यातायात प्रभारी एसपीएस बघेल के कार्यकाल में तो घोर भ्रष्टाचार व्याप्त था। बड़वारा थाना से पधारे संजय सिंह को इन दिनों यातायात थाने का प्रभार सौंपा गया हैं। सबसे बड़ी और समझने वाली बात तो यह हैं कि नवागत यातायात थाना प्रभारी संजय सिंह को प्रभार में आये चंद दिनों ही हुए हैं मगर ऐसा लगता हैं कि इन्हें कटनी शहर की पूरी जानकारी हैं और इनके आते ही यातायात कर्मचारी पूर्व सूबेदार के कार्यकाल से भी ज्यादा नये सूबेदार के आने पर अवैध वसूली में ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं।
इतना ही नहीं लालच और लचर व्यवस्था एवं प्वाइंट पर तैनात यातायात सिपाही द्वारा चंद रूपयों की अवैध वसूली की वजह से सडक़ सुरक्षा सप्ताह मनाने का उद्धेश्य धरा का धरा रह गया। यातायात कर्मचारी अपनी जेब गरम करने की फिराक में नो एंट्री के वक्त भी ट्रक और डम्फर को घुसने से नहीं रोकते और दस से लेकर पचास रूपये तक ड्राइवर से लेकर शहर के अंदर भारी वाहनों को घुसने की अनुमति देने में जरा भी नहीं सोचते कि कही कोई बड़ा हादसा न हो जाये लेकिन उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं होता इन्हें तो मतलब रहता हैं सिर्फ अपनी जेब गरम करने से और सडक़ दुर्घटना का खामयाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ता हैं। इसी तरह कटनी नदी पुल जर्जर होने के कारण हाई कोर्ट ने उस पर से भारी वाहनो का प्रवेश पूरी तरह वर्जित कर रखा हैं।
बावजूद यातायात कर्मचारी अवैध वसूली के चलते भारी वाहन पुल पर से हर समय गुजर कर शहर की यातायात व्यवस्था को बिगाडऩे में कोई कोरी कसर नहीं छोड़ते। प्वाइंट पर तैनात यातयात कर्मचारी नो एंट्री में भारी वाहनों को रोकते तो हैं पर इसलिए नहीं की यातायात व्यवस्था दुरूस्त हो सके बल्कि इसलिए कि नो एंट्री में घुसे वाहनों से वसूली कैसे की जा सके, और यह सब यातायात प्रभारी की मौन सहमति से हो रहा हैं। इसी तरह का नजारा जुहला बायपास मोड में हर रोज देखने को मिलता हैं। लमतरा फाटक में भी कुछ इसी तरह का कारनामा रात दिन बरकरार हैं। इस रोड से हर रोज करीब दो सौ से तीन सौ ट्रको का आना जाना होता हैं और सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि यहां से गुजरने वाले अधिकतर ट्रक बाहरी होते हैं और उनको यहां के नियमों के बारे में कुछ भी पता नहीं होता।
इसी बात फायदा उठाते हुये एंट्री के नाम पर यातायात कर्मचारी ट्रकों में एक स्टीकर चस्पा करता हैं जिसमें तलवार, भाला, या फिर किसी जोकर का फोटो अंकित होता हैं और स्टीकर चस्पा करके एक ट्रक से शहर में प्रवेश करने के नाम पर पांच सौ रूपये तक वसूला जाता हैं। इतना ही नहीं इस काम के लिए यातायात विभाग यातायात के एक सिपाही तरूरेंन्द्र द्विवेदी को लमतरा फाटक का जैसे ठेका ही दे दिया हो लमतरा फाटक में सिपाही द्विवेदी का एक तरफा राज कायम हैं। द्विवेदी के द्वारा सूबेदार से संाठ गंाठ करके दो निजी युवक को भी इस काम में लगा रखा हैं और इस काम के बदले में उन्हें प्रति दिन चार, चार सौ दिया जाता हैं। अगर हिसाब लगाया जाये तो प्रति दिन के हिसाब से इस काम में यातायात की अवैध कमाई लगभग डेढ़ लाख रूपया होती हैं जिसका हिस्सा छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक को बांटा जाता हैं, यही वजह हैं कि यातायात पुलिस के द्वारा अवैध काम को रोकने में कोई भी संबंधित अधिकारी कार्यवाही करने से परहेज कर रहे हैं।
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