रिहाई मंच ने मुलायम सिंह के इस बयान कि उनकी सरकार ने आतंकवाद के नाम पर बंद चार सौ निर्दोष मुस्लिम युवकों को छोड़ दिया है को सफेद झूठ करार दिया है। संगठन ने सपा मुखिया पर मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुये कहा कि मुलायम सिंह मुस्लिम वोटों के लिये केंद्र सरकार पर सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू न करने का आरोप लगा रहे हैं जबकि उनकी प्रदेश सरकार ने खुद उन सिफारिशों में से किसी को लागू नहीं किया है और न ही कभी इस मसले पर संसद में ही सवाल उठाया है।
रिहाई मंच की तरफ से जारी बयान में मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मो शुऐब और इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो सुलेमान ने कहा कि अल्पसंख्यक सम्मेलन के नाम पर मुलायम ने एक बार फिर प्रदेश के मुसलमानों को गुमराह करने की नाकाम कोशिश की है क्योंकि उन्होंने सपा सरकार में राज्य मशीनरी के देख-रेख में हुये बारह मुस्लिम विरोधी दंगों के दोषियों को सजा देने की बात नहीं की और उल्टे आतंकवाद के नाम पर कैद चार सौ मुस्लिम निर्दोषों को छोड़ने का दावा कर के पीडि़त परिवारों के जज्बात से खिलवाड़ भी किया है क्योंकि अभी तक एक भी निर्दोष को नहीं छोड़ा गया है।
इसी तरह मंच ने मुलायम सिंह के इस दावे को भी झूठा करार दिया कि उनकी सरकार में किसी निर्दोष मुस्लिम को आतंकवाद के आरोप में नहीं पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में ही सीतापुर के शकील अहमद और आजमगढ़ के मदरसे में पढ़ने वाले दो कश्मीरी छात्रों वसीम बट्ट और सज्जाद बट्ट को पकड़ा गया है। मंच के नेताओं ने कहा कि मुलायम सिंह आतंकवाद के नाम पर कैद जिन चार सौ निर्दोषों को छोड़ने का दावा कर रहे हैं उन्हें उनकी लिस्ट भी जारी करनी चाहिये और बताना चाहिये कि ये लोग अपने घर आज तक क्यों नहीं पहुंचे।
एक दिन पहले ही श्री यादव ने झूलेलाल पार्क, लखनऊ में आयोजित समाजवादी अल्पसंख्यक जागरूकता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए मुसमानों की हिमायत की थी और सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग की थी। मुलायम सिंह ने कांग्रेस को मुसलमानों का असली दुश्मन बाताया था जबकि रिहाई मंच का कहना है कि मुलायम सिंह यादव मुसलमानों के असली दुश्मन हैं क्योंकि वे मुसलमानों को वोटों के लिए गुमराह करते रहे हैं।
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