आखिर भाजपाईयों का दबाव आया काम
चन्द्रशेखर बोरकर बने बालाघाट कलैक्टर
बैतूल,(रामकिशोर पंवार):
राजनीति में डराना - धमकाना - चमकाना- ब्लेकमेलिंग आम बात है। राजनीति के दांव पेच के चलते आखिर आदर्श बैतूल के संस्थापक बैतूल कलैक्टर को ठीक शिवरात्री के दिन ही बैतूल जिले से हटाया जाना इस बात का संकेत है कि बैतूल जिले में अपना गिरता एवं घटता जनाधार पाने के लिए भाजपाईयों के दबाव में आए शिवराज सिंह ने आखिर एक इमानदार कलैक्टर की बैतूल जिले से छुटट्ी कर दी। अभी कुछ दिन पहले ही अपात्र बीपीएल कार्ड धारको के खिलाफ शुरू की गई मुहीम के चलते सुर्खियों में ताप्तीचंल में बसे आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के कलैक्टर चन्द्रशेखर बोरकर बैतूल से बालाघाट भेजा गया। हालांकि प्रदेश के मुखिया के चहेते बैतूल कलैक्टर चन्द्रशेर बोरकर अपने गृह जिला गोंदिया महाराष्ट्र के करीब जाना चाहते थे। बालाघाट में उनकी पदस्थाना गौरीशंकर बिसेन की डिमांड पर हुई है।
गौरीशंकर बिसेन भी अपने गृह जिले में अपने असंतुष्टो की नाक में नकेल डालने के लिए पदस्थ किए जा रहे है। जानकार सूत्रो ने बताया कि सीएम स्वंय चाहते थे कि हाइटेक बैतूल कलैक्टर भोपाल या इन्दौर के कलैक्टर बने लेकिन गृह जिला गोंदिया के करीब जाने की उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उन्हे बालाघाट पदस्थ किया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले कई दिनो बैतूल कलैक्टर एवं भाजपा के छुटभैया नेताओं से लेकर जनप्रतिनिधि के बीच जबरदस्त नूराकुश्ती चल रही थी। अपनी उपेक्षा का रोना दर्जनो बार रोने के बाद अब भाजपा के आम कार्यकत्र्ताओं की भावना के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री को सीधी - सीधी चेतावनी दे दी गई थी कि यदि विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीतना है तो बैतूल कलैक्टर को हटाओं वरणा बैतूल जिले से भाजपा को एक भी सीट मिलना दुभर हो जाएगा। इधर कांग्रेस को जैसे ही कलैक्टर और भाजपाईयों के बीच की नूरा कुश्ती का पता चला वह कलैक्टर की तरीफे के पूल बांधने में जुट गई थी। कांग्रेस ने कलैक्टर के तबादले को राजनैतिक दबाव की राजनीति बताया है।
जानकार सूत्रो ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के चहेते बैतूल जिला कलैक्टर बी. चन्द्रशेखर मूलत: गोंदिया जिला मुख्यालय के है जहां पर वे प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह की ससुराल के करीबी लोगो में शामिल है। मराठी भाषी बैतूल कलैक्टर की प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह सीधी टयूनिंग होने की वजह से वे जिले की हर छोटी - बड़ी घटनाओं एवं गतिविधियों की पल - पल की जानकारी सीएम हाऊस तक पहुंचाते रहते थे। मुख्यमंत्री के करीबी होने के चलते बैतूल जिले के भाजपाईयों के वजन को अच्छी तरह से जानने वाले श्री चन्द्रशेखर बोरकर के बैतूल से हटने के पीछे तीन भाजपाई विधायको एवं सासंद का कथित धमकी भरा रवैया बताया गया है। हालांकि आमला के विधायक चैतराम मानेकर ने इस तबादले का विरोध किया था।
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