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सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिले में पिछले 10 वर्षो से सक्रिय चिटफंट कंपनियों ने अपने एजेंटों के माध्यम से जमाकर्ताओं को झूठा प्रलोभन देकर उन्हें अपने जाल में फंसाया और करोडों रूपये समेट कर जिले से फरार हो गये है। जिला प्रशासन ने उनके दफतर सील कर दिये है लेकिन जमाकर्ता संशय में है की उनकी जमा की गई रकम उन्हें वापस मिलेगी की नही।
इस तरह चिटफंट कंपनीयों की जालसाजी के साथ साथ जिले में साख सहकारी समितियां भी जमाकर्ताओं को झूठे प्रलोभन देकर एजेंटों के मार्फत डेली डिपाजिट स्कीम के माध्यम से रोजना रकम जमा कर रही है। आयुक्त सहकारी संस्थाओं के मुताबिक रिजर्व बैंक की आवश्यक अनुमति के बिना सहकारी साख समिति बैंकिंग कार्य प्रणाली के माध्यम से जनता से राशि जमा नही करवा सकती। इसके बावजूद 100 से ज्यादा साख सहकारी समितियां बालाघाट जिले में सक्रिय है जो धडल्ले से अपना करोबार चला रही है।
जनसेवा साख समिति भौरगढ़, धनवत्तरी साख समिति मिरगपूर, जनता साख समिति सिवनघाट सहित जिले के अनेक स्थानों में छत्तीसगढ और महाराष्ट साख समितियां भी इस कारोबार के माध्यम से जनता से पैसा वसूल करने में लगी है। जनसेवा, धनवत्तरी तथा जनता साख सहकारी समिति में जिन लोगों ने जमा राशि कराई थी वे रकम वापसी लेने के लिये समितियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे है।
इस तरह जनता की गाडी कमाई झूठे प्रलोभन देकर इन साख सहकारी समितियों द्वारा जमा कराई जा रही है। ये समितियां अपने निर्धारित कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर कार्यालय खोलकर धन संग्रह कर रही है। रिजर्व बैंक की आवश्यक अनुमति के बिना कोई भी साख सहकारी समिति धन संग्रह नही कर सकती तो बालाघाट जिले में इनका कारोबार कैसे चल रहा है।
जिला कलेक्टर श्री भरत यादव ने जनसेवा सहकारी समिति भौरगढ के जमाकर्ताओं की शिकायत पर धन संग्रह और समिति की गतिविधि पर रोक लगा दी है तथा जांच के आदेश दिये है। जिला प्रशासन इन साख सहकारी समितियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाये अन्यथा जनता से संग्रह की गई रकम हड़प कर फरार हो जायेगें.
सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिले में पिछले 10 वर्षो से सक्रिय चिटफंट कंपनियों ने अपने एजेंटों के माध्यम से जमाकर्ताओं को झूठा प्रलोभन देकर उन्हें अपने जाल में फंसाया और करोडों रूपये समेट कर जिले से फरार हो गये है। जिला प्रशासन ने उनके दफतर सील कर दिये है लेकिन जमाकर्ता संशय में है की उनकी जमा की गई रकम उन्हें वापस मिलेगी की नही।
इस तरह चिटफंट कंपनीयों की जालसाजी के साथ साथ जिले में साख सहकारी समितियां भी जमाकर्ताओं को झूठे प्रलोभन देकर एजेंटों के मार्फत डेली डिपाजिट स्कीम के माध्यम से रोजना रकम जमा कर रही है। आयुक्त सहकारी संस्थाओं के मुताबिक रिजर्व बैंक की आवश्यक अनुमति के बिना सहकारी साख समिति बैंकिंग कार्य प्रणाली के माध्यम से जनता से राशि जमा नही करवा सकती। इसके बावजूद 100 से ज्यादा साख सहकारी समितियां बालाघाट जिले में सक्रिय है जो धडल्ले से अपना करोबार चला रही है।
जनसेवा साख समिति भौरगढ़, धनवत्तरी साख समिति मिरगपूर, जनता साख समिति सिवनघाट सहित जिले के अनेक स्थानों में छत्तीसगढ और महाराष्ट साख समितियां भी इस कारोबार के माध्यम से जनता से पैसा वसूल करने में लगी है। जनसेवा, धनवत्तरी तथा जनता साख सहकारी समिति में जिन लोगों ने जमा राशि कराई थी वे रकम वापसी लेने के लिये समितियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे है।
इस तरह जनता की गाडी कमाई झूठे प्रलोभन देकर इन साख सहकारी समितियों द्वारा जमा कराई जा रही है। ये समितियां अपने निर्धारित कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर कार्यालय खोलकर धन संग्रह कर रही है। रिजर्व बैंक की आवश्यक अनुमति के बिना कोई भी साख सहकारी समिति धन संग्रह नही कर सकती तो बालाघाट जिले में इनका कारोबार कैसे चल रहा है।
जिला कलेक्टर श्री भरत यादव ने जनसेवा सहकारी समिति भौरगढ के जमाकर्ताओं की शिकायत पर धन संग्रह और समिति की गतिविधि पर रोक लगा दी है तथा जांच के आदेश दिये है। जिला प्रशासन इन साख सहकारी समितियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाये अन्यथा जनता से संग्रह की गई रकम हड़प कर फरार हो जायेगें.
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