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भोपाल। 20 जुलाई 2016 प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह से एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने राजगढ़ के पत्रकार धर्मराज परमार पर दर्ज झूठे प्रकरण की जांच सी.आई.डी. से कराने के लिये विधानसभा भवन में मुख्यमंत्री के नाम का पत्र सचिवालय एवं गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह को उनके कक्ष में देकर सी.आई.डी. जांच के आदेश करने का कहा। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष के साथ भोपाल संभागीय अध्यक्ष आलोक सिंघई, पत्रकार श्री गुप्ता साथ थे। गृहमंत्री के कक्ष में पत्रकार दीपक तिवारी, भरत शास्त्री सहित अन्य पत्रकार उपस्थित थे।
अपने पत्र में प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री एवं पुलिस महानिदेशक को संबोधित करते हुये लिखा कि पत्रकार धर्मराज परमार राज्य शासन द्वारा अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार है। वर्तमान में धर्मराज परमार भोपाल से प्रकाशित दैनिक प्रदेश टाईम्स राजगढ़ के जिला संवाददाता है।
उपरोक्त समाचार हीरालाल लववंशी जो कि एम.पी.ई.वी. राजगढ़ में कार्यरत है के द्वारा दिनांक-27/6/2016 को एक शिकायत पुलिस अधीक्षक राजगढ़ को की। जिसमें उसके द्वारा स्पष्ट आरोप लगाया कि उपनिरीक्षक ओ.पी.रावत द्वारा डराने, धमकाने एवं पैसे मांगे जा रहे है। हीरालाल लववंशी के आवेदन पर पुलिस अधीक्षक राजगढ़ ने एस.ओ. को टीप लिखी कि चर्चानुसार कार्यवाही करें। होना यह था कि उपनिरीक्षक ओ.पी.रावत पर धारा 154 के तहत प्रकरण दर्ज होना था और जांच होना था, परन्तु उपनिरीक्षक के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया और न ही जांच में लिया तो फिर सुरेन्द्र सिंह सिसोदिया की शिकायत पर धर्मराज सिंह के विरुद्ध प्रकरण कैसे पंजीबद्ध किया गया।
दोनों शिकायतों को देखते हुये पुलिस की कार्यवाही संदेह के घेरे में आती है। अत: निष्पक्ष जांच आवश्यक है। उक्त पत्र की छायाप्रति राजगढ़ के पत्रकारों को दी गई। उक्त पत्र के आधार पर पुलिस अधीक्षक राजगढ़ से पत्रकारों ने चर्चा की, चर्चा में पुलिस अधीक्षक राजगढ़ ने स्वीकारा कि शिकायत मिली जांच करने का आश्वासन दिया। उसके बाद समाचार बनाकर भेजें जो कि विभिन्न समाचार पत्रों में विभिन्न दिनांकों में 1. दैनिक राज एक्सप्रेस, 2. दैनिक देशबंधु, 3. टाईम्स ऑफ क्राईम, 4. दैनिक दबंग दुनिया, 5. दैनिक प्रदेश टाईम्स सहित अन्य समाचार पत्रों में प्रकाशित हुये।
जानकारी के अनुसार घटना 27/6/2016 (शिकायत हीरालाल लववंशी) 28/6/2016 को समाचार भेजे। 29/6/2016 को समाचार प्रकाशित हुये, फिर राज एक्सप्रेस के संवाददाता (गैर अधिमान्य प्राप्त) सुरेन्द्र सिंह राजगढ़ के द्वारा दिनांक 30/6/2016 को सायंकाल 5.45 बजे शिकायत की कि धर्मराज परमार ने स्वयं की मेल आईडी से समाचार भेजकर छल पूर्वक राज एक्सप्रेस में फर्जी समाचार छपवाया।
यहां मेरा निवेदन है कि समाचार पत्र में उसके संवाददाता द्वारा भेजे गये समाचार ही प्रकाशित किये जाते है अन्य के द्वारा भेजे समाचार प्रकाशित नहीं किये जाते हैं। यदि अन्य के द्वारा भेजे समाचार प्रकाशित होते है तो सारी जवाबदारी समाचार पत्र के संवाददाता एवं संपादक की होती है। जहां प्रकरण संवाददाता एवं संपादक पर बनना था के स्थान पर अन्य पर हो गया।
अत: मेरा आपसे आग्रह है कि समस्त प्रकरण की सी.आई.डी. जांच भोपाल से किसी वरिष्ठ अधिकारी को भेजकर कराया जाये क्योंकि धर्मराज सिंह परमार राज्य शासन से अधिमान्यता प्राप्त है। अत: गृह विभाग (पुलिस) के 6 जनवरी 2010 के आदेश के अनुसार कार्यवाही हो जो कि नहीं हुई। इसी तरह पूरे प्रकरण में षडय़ंत्र या किसी को बचाने का प्रयास नजर आ रहा है।
भोपाल। 20 जुलाई 2016 प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह से एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने राजगढ़ के पत्रकार धर्मराज परमार पर दर्ज झूठे प्रकरण की जांच सी.आई.डी. से कराने के लिये विधानसभा भवन में मुख्यमंत्री के नाम का पत्र सचिवालय एवं गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह को उनके कक्ष में देकर सी.आई.डी. जांच के आदेश करने का कहा। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष के साथ भोपाल संभागीय अध्यक्ष आलोक सिंघई, पत्रकार श्री गुप्ता साथ थे। गृहमंत्री के कक्ष में पत्रकार दीपक तिवारी, भरत शास्त्री सहित अन्य पत्रकार उपस्थित थे।
अपने पत्र में प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री एवं पुलिस महानिदेशक को संबोधित करते हुये लिखा कि पत्रकार धर्मराज परमार राज्य शासन द्वारा अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार है। वर्तमान में धर्मराज परमार भोपाल से प्रकाशित दैनिक प्रदेश टाईम्स राजगढ़ के जिला संवाददाता है।
उपरोक्त समाचार हीरालाल लववंशी जो कि एम.पी.ई.वी. राजगढ़ में कार्यरत है के द्वारा दिनांक-27/6/2016 को एक शिकायत पुलिस अधीक्षक राजगढ़ को की। जिसमें उसके द्वारा स्पष्ट आरोप लगाया कि उपनिरीक्षक ओ.पी.रावत द्वारा डराने, धमकाने एवं पैसे मांगे जा रहे है। हीरालाल लववंशी के आवेदन पर पुलिस अधीक्षक राजगढ़ ने एस.ओ. को टीप लिखी कि चर्चानुसार कार्यवाही करें। होना यह था कि उपनिरीक्षक ओ.पी.रावत पर धारा 154 के तहत प्रकरण दर्ज होना था और जांच होना था, परन्तु उपनिरीक्षक के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया और न ही जांच में लिया तो फिर सुरेन्द्र सिंह सिसोदिया की शिकायत पर धर्मराज सिंह के विरुद्ध प्रकरण कैसे पंजीबद्ध किया गया।
दोनों शिकायतों को देखते हुये पुलिस की कार्यवाही संदेह के घेरे में आती है। अत: निष्पक्ष जांच आवश्यक है। उक्त पत्र की छायाप्रति राजगढ़ के पत्रकारों को दी गई। उक्त पत्र के आधार पर पुलिस अधीक्षक राजगढ़ से पत्रकारों ने चर्चा की, चर्चा में पुलिस अधीक्षक राजगढ़ ने स्वीकारा कि शिकायत मिली जांच करने का आश्वासन दिया। उसके बाद समाचार बनाकर भेजें जो कि विभिन्न समाचार पत्रों में विभिन्न दिनांकों में 1. दैनिक राज एक्सप्रेस, 2. दैनिक देशबंधु, 3. टाईम्स ऑफ क्राईम, 4. दैनिक दबंग दुनिया, 5. दैनिक प्रदेश टाईम्स सहित अन्य समाचार पत्रों में प्रकाशित हुये।
जानकारी के अनुसार घटना 27/6/2016 (शिकायत हीरालाल लववंशी) 28/6/2016 को समाचार भेजे। 29/6/2016 को समाचार प्रकाशित हुये, फिर राज एक्सप्रेस के संवाददाता (गैर अधिमान्य प्राप्त) सुरेन्द्र सिंह राजगढ़ के द्वारा दिनांक 30/6/2016 को सायंकाल 5.45 बजे शिकायत की कि धर्मराज परमार ने स्वयं की मेल आईडी से समाचार भेजकर छल पूर्वक राज एक्सप्रेस में फर्जी समाचार छपवाया।
यहां मेरा निवेदन है कि समाचार पत्र में उसके संवाददाता द्वारा भेजे गये समाचार ही प्रकाशित किये जाते है अन्य के द्वारा भेजे समाचार प्रकाशित नहीं किये जाते हैं। यदि अन्य के द्वारा भेजे समाचार प्रकाशित होते है तो सारी जवाबदारी समाचार पत्र के संवाददाता एवं संपादक की होती है। जहां प्रकरण संवाददाता एवं संपादक पर बनना था के स्थान पर अन्य पर हो गया।
अत: मेरा आपसे आग्रह है कि समस्त प्रकरण की सी.आई.डी. जांच भोपाल से किसी वरिष्ठ अधिकारी को भेजकर कराया जाये क्योंकि धर्मराज सिंह परमार राज्य शासन से अधिमान्यता प्राप्त है। अत: गृह विभाग (पुलिस) के 6 जनवरी 2010 के आदेश के अनुसार कार्यवाही हो जो कि नहीं हुई। इसी तरह पूरे प्रकरण में षडय़ंत्र या किसी को बचाने का प्रयास नजर आ रहा है।
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