भाई के चुंगल में थी 32 लड़कियां... नशे की गोली खिला करते थे ज़िंदगी बर्बाद !
Jul 19, 2016, toc news
रायपुर। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोपी शेरू उर्फ सुरेंद्र सोनकर ने छत्तीसगढ़ पुलिस के दबाव में इलाहाबाद (यूपी) के करचना थाने में सरेंडर कर दिया है। उसके चंगुल से छुड़ाई गई 18 लड़कियों को लेकर शेरू का भाई दीपक रायपुर पहुंचा तो उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। लड़कियों ने आकर जो कुछ बताया उसे सुनकर पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए।
शेरू के चंगुल से छत्तीसगढ़ की 32 लड़कियां छुड़ाई जा चुकी हैं। लौटाई गई एक लड़की ने कहा- साहब, हमें एक दवाई खिलाई जाती थी और उसके बाद नाचने के लिए कहा जाता। हमारे डांस के दौरान ही वे हमारा सौदा पक्का कर लेते और प्रोग्राम खत्म होते ही हमें कस्टमर को खुश करने भेज दिया जाता। एक और लड़की ने बताया- शेरू किसी की तकलीफ नहीं समझता। उसे किसी की बेटी-बहन से मतलब नहीं।
पुलिस ने दीपक से विजिटिंग कार्ड के साथ-साथ हर लड़की से होने वाली कमाई की लिस्ट भी बरामद की है। ऑर्केस्ट्रा ग्रुप के नाम पर बने विजिटिंग कार्ड से नंबर शेयर किया जाता था और लड़कियों की सर्विस दी जाती थी।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने शेरू पर ऐसा दबाव बनाया कि उसने सरेंडर करने के बाद भाई को लड़कियों के साथ छत्तीसगढ़ भेज दिया। उसे प्रोडक्शन वारंट पर छत्तीसगढ़ लाया जा रहा है। शेरू के भाई दीपक की पत्नी राजनांदगांव की रहने वाली है। उसी के जरिए वहां की लड़कियां भी फंसाई गई थीं।
क्या है पूरा मामला
बालोद में कुछ लड़कियों के गायब होने की बातें सामने आ रही थीं। पुुलिस ने जब गहराई से जांच की इसके पीछे एक रैकेट सामने आया जिसमें डांस कराने के नाम पर लड़कियों को गलत धंधे में फंसाया जा रहा था। यह बात भी सामने आई कि इसमें लोग पैसे के लालच में स्वेच्छा से लड़कियां भेज रहे थे और बाद में असली कहानी पता चलते पर पुलिस के पास पहुंच रहे थे। लंबे समय से छत्तीसगढ़ पुलिस इलाहाबाद में डेरा डाले हुए थी। शेरू ने कई बार डील करने की कोशिश की। उसी डील के तहत शुरू में कुछ लड़कियां वापस भेज दी थीं। लेकिन पुलिस डंटी रही और आखिरकार उसे सरेंडर पर मजबूर कर दिया।
Jul 19, 2016, toc news
रायपुर। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोपी शेरू उर्फ सुरेंद्र सोनकर ने छत्तीसगढ़ पुलिस के दबाव में इलाहाबाद (यूपी) के करचना थाने में सरेंडर कर दिया है। उसके चंगुल से छुड़ाई गई 18 लड़कियों को लेकर शेरू का भाई दीपक रायपुर पहुंचा तो उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। लड़कियों ने आकर जो कुछ बताया उसे सुनकर पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए।
शेरू के चंगुल से छत्तीसगढ़ की 32 लड़कियां छुड़ाई जा चुकी हैं। लौटाई गई एक लड़की ने कहा- साहब, हमें एक दवाई खिलाई जाती थी और उसके बाद नाचने के लिए कहा जाता। हमारे डांस के दौरान ही वे हमारा सौदा पक्का कर लेते और प्रोग्राम खत्म होते ही हमें कस्टमर को खुश करने भेज दिया जाता। एक और लड़की ने बताया- शेरू किसी की तकलीफ नहीं समझता। उसे किसी की बेटी-बहन से मतलब नहीं।
पुलिस ने दीपक से विजिटिंग कार्ड के साथ-साथ हर लड़की से होने वाली कमाई की लिस्ट भी बरामद की है। ऑर्केस्ट्रा ग्रुप के नाम पर बने विजिटिंग कार्ड से नंबर शेयर किया जाता था और लड़कियों की सर्विस दी जाती थी।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने शेरू पर ऐसा दबाव बनाया कि उसने सरेंडर करने के बाद भाई को लड़कियों के साथ छत्तीसगढ़ भेज दिया। उसे प्रोडक्शन वारंट पर छत्तीसगढ़ लाया जा रहा है। शेरू के भाई दीपक की पत्नी राजनांदगांव की रहने वाली है। उसी के जरिए वहां की लड़कियां भी फंसाई गई थीं।
क्या है पूरा मामला
बालोद में कुछ लड़कियों के गायब होने की बातें सामने आ रही थीं। पुुलिस ने जब गहराई से जांच की इसके पीछे एक रैकेट सामने आया जिसमें डांस कराने के नाम पर लड़कियों को गलत धंधे में फंसाया जा रहा था। यह बात भी सामने आई कि इसमें लोग पैसे के लालच में स्वेच्छा से लड़कियां भेज रहे थे और बाद में असली कहानी पता चलते पर पुलिस के पास पहुंच रहे थे। लंबे समय से छत्तीसगढ़ पुलिस इलाहाबाद में डेरा डाले हुए थी। शेरू ने कई बार डील करने की कोशिश की। उसी डील के तहत शुरू में कुछ लड़कियां वापस भेज दी थीं। लेकिन पुलिस डंटी रही और आखिरकार उसे सरेंडर पर मजबूर कर दिया।
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