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नई दिल्ली, 10 जुलाई! हत्या के मामले में यूपी के जौनपुर जिला जेल में आठ महीने से बंद एक युवती के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। मेडिकल जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है और वह मामले को दबाने में जुट गया है। बता दें कि जेल में आने के दौरान युवती का जो मेडिकल चेकअप हुआ था, उसमें ऐसा कोई विवरण दर्ज नहीं है, जिससे उसके पहले से ही गर्भवती होने की बात साबित हो सके। जिला जेल में करीब 80 महिलाएं बंद हैं। हत्या के मामले में एक युवती नवंबर, 2015 में जेल में लाई गई थी। बंदी महिलाओं को हर सप्ताह मेडिकल चेकअप किया जाता है। पिछले कुछ महीने से हत्या के मामले में बंद युवती अपना चेकअप कराने से लगातार बच रही थी।
इस पर महिला डॉक्टर को उसके गर्भवती होने का शक हुआ। उसने यह बात सीनियर डॉक्टर को बताई, जिस पर सीनियर डॉक्टर ने उससे पूछताछ की और युवती को मेडिकल जांच के लिए जिला महिला अस्पताल रेफर करने के लिए कहा।
मामले को दबाने में जुटा जेल प्रशासन
युवती ने इसके लिए मना कर दिया। कुछ लोगों ने एतराज भी जताया। इसके चलते मेडिकल जांच का मामला टल गया। जून के प्रथम सप्ताह में जिला न्यायाधीश, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जब जेल में मुआयना करने पहुंचे, तो जेल प्रशासन ने उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
इसके बाद नियम-शर्तें देखी गईं और अंतत: युवती को मेडिकल जांच के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा गया। यहां उसके गर्भवती होने का खुलासा होने के बाद महिला बैरक में इसकी चर्चा हुई और धीरे-धीरे पूरी जेल में यह बात फैल गई।
सीनियर डॉक्टर ने शक के आधार पर युवती को मेडिकल जांच के लिए रेफर किया था। जांच में युवती के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है। गर्भ कितने माह का है, इसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी!-शैलेंदर मैत्रेय, जेल अधीक्षक!
नई दिल्ली, 10 जुलाई! हत्या के मामले में यूपी के जौनपुर जिला जेल में आठ महीने से बंद एक युवती के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। मेडिकल जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है और वह मामले को दबाने में जुट गया है। बता दें कि जेल में आने के दौरान युवती का जो मेडिकल चेकअप हुआ था, उसमें ऐसा कोई विवरण दर्ज नहीं है, जिससे उसके पहले से ही गर्भवती होने की बात साबित हो सके। जिला जेल में करीब 80 महिलाएं बंद हैं। हत्या के मामले में एक युवती नवंबर, 2015 में जेल में लाई गई थी। बंदी महिलाओं को हर सप्ताह मेडिकल चेकअप किया जाता है। पिछले कुछ महीने से हत्या के मामले में बंद युवती अपना चेकअप कराने से लगातार बच रही थी।
इस पर महिला डॉक्टर को उसके गर्भवती होने का शक हुआ। उसने यह बात सीनियर डॉक्टर को बताई, जिस पर सीनियर डॉक्टर ने उससे पूछताछ की और युवती को मेडिकल जांच के लिए जिला महिला अस्पताल रेफर करने के लिए कहा।
मामले को दबाने में जुटा जेल प्रशासन
युवती ने इसके लिए मना कर दिया। कुछ लोगों ने एतराज भी जताया। इसके चलते मेडिकल जांच का मामला टल गया। जून के प्रथम सप्ताह में जिला न्यायाधीश, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जब जेल में मुआयना करने पहुंचे, तो जेल प्रशासन ने उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
इसके बाद नियम-शर्तें देखी गईं और अंतत: युवती को मेडिकल जांच के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा गया। यहां उसके गर्भवती होने का खुलासा होने के बाद महिला बैरक में इसकी चर्चा हुई और धीरे-धीरे पूरी जेल में यह बात फैल गई।
सीनियर डॉक्टर ने शक के आधार पर युवती को मेडिकल जांच के लिए रेफर किया था। जांच में युवती के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है। गर्भ कितने माह का है, इसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी!-शैलेंदर मैत्रेय, जेल अधीक्षक!
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