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भोपाल। किन्नर समाज की मुख्यधारा से मिल सके इसीलिए किन्नर अखाड़े की स्थापना की गई। किन्नरों का हर लेवल पर इन्वॉल्मेंट होना चाहिए। यह बात महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भोपाल में पत्रकारों से मुलाकात के दौरान आज शुक्रवार को कही। महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने आगे अपनी जीवन यात्रा के अनुभव साझा करते हुए कहा कि करीब 317 सालों से किन्नर समाज की मुख्यधारा से टूटे है। उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि किन्नरों को उनका अधिकार मिले, किन्नर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके। वहीं उन्होंने कहा कि किन्नरों का राजनैतिक, समाजिक हर लेवल पर किन्नरों का इन्वॉल्मेंट होना चाहिए। महामण्डलेश्वर त्रिपाठी ने वल्फेयर बोर्ड के गठन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भी मुलाकात की है। त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें वल्फेयर बोर्ड के गठन का आश्वासन दिया है। महामण्डेलेश्वर ने बताया कि किन्नर अखाड़ा एचआईवी पीड़ितों के लिए काम करना चाहता है। गौरतलब है कि उज्जैन में कुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े की स्थापना की गई। देश भर से आए किन्नरों ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अपना महामण्डलेश्वर चुन और यह पहला मौका है जब किन्नर अखाड़ा बनने के बाद महामण्डेलेश्वर ने भोपाल में मीडिया से चर्चा की है।
भोपाल। किन्नर समाज की मुख्यधारा से मिल सके इसीलिए किन्नर अखाड़े की स्थापना की गई। किन्नरों का हर लेवल पर इन्वॉल्मेंट होना चाहिए। यह बात महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भोपाल में पत्रकारों से मुलाकात के दौरान आज शुक्रवार को कही। महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने आगे अपनी जीवन यात्रा के अनुभव साझा करते हुए कहा कि करीब 317 सालों से किन्नर समाज की मुख्यधारा से टूटे है। उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि किन्नरों को उनका अधिकार मिले, किन्नर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके। वहीं उन्होंने कहा कि किन्नरों का राजनैतिक, समाजिक हर लेवल पर किन्नरों का इन्वॉल्मेंट होना चाहिए। महामण्डलेश्वर त्रिपाठी ने वल्फेयर बोर्ड के गठन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भी मुलाकात की है। त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें वल्फेयर बोर्ड के गठन का आश्वासन दिया है। महामण्डेलेश्वर ने बताया कि किन्नर अखाड़ा एचआईवी पीड़ितों के लिए काम करना चाहता है। गौरतलब है कि उज्जैन में कुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े की स्थापना की गई। देश भर से आए किन्नरों ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अपना महामण्डलेश्वर चुन और यह पहला मौका है जब किन्नर अखाड़ा बनने के बाद महामण्डेलेश्वर ने भोपाल में मीडिया से चर्चा की है।
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