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लोकायुक्त पुलिस कार्यवाही करते हुए आरोपी रमेश चन्द्र चौहान देवास। SDM रीडर रमेश चन्द्र चौहान को आज उज्जैन लोकायुत पुलिस ने एक किसान से 20 हज़ार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रीडर एक बीघा जमीन के डायवर्सन के आदेश पारित करवाने के के एवज में 28 हज़ार रूपये की रिश्वत मांग रहा था। सिरोलिया के रहने वाले किसान फरियादी धर्मेन्द्र चौधरी अपनी जमीन पर डेरी प्रोजेक्ट लगवाना चाहते थे। इसके लिए SDM देवास के कार्यालय में उन्होंने एक बीघा जमीन के डायवर्सन के लिए आवेदन किया था। डायवर्सन की कार्यवाही भी लगभग पूर्ण हो चुकी थी। डायवर्सन का आदेश पारित करवाने के लिए SDM रीडर रमेश चन्द्र चौहान ने धर्मेन्द चौधरी से 28 हज़ार रुपयों की मांग की थी। धर्मेन्द ने इसकी शिकायत उज्जैन लोकायुक्त पुलिस को की जिस पर ट्रैप प्लान बनाया गया। आज दोपहर करीब 12 बजे जैसे ही रमेश चन्द्र चौहान ने पहली किश्त के रूप में 20 हज़ार रूपये लिए वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे धरदबोचा। लोक्युक्त DSP शक्तावद के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने यह कार्यवाही की है। रमेश चन्द्र चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत मुक़दमा दायर किया गया है।
लोकायुक्त पुलिस कार्यवाही करते हुए आरोपी रमेश चन्द्र चौहान देवास। SDM रीडर रमेश चन्द्र चौहान को आज उज्जैन लोकायुत पुलिस ने एक किसान से 20 हज़ार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रीडर एक बीघा जमीन के डायवर्सन के आदेश पारित करवाने के के एवज में 28 हज़ार रूपये की रिश्वत मांग रहा था। सिरोलिया के रहने वाले किसान फरियादी धर्मेन्द्र चौधरी अपनी जमीन पर डेरी प्रोजेक्ट लगवाना चाहते थे। इसके लिए SDM देवास के कार्यालय में उन्होंने एक बीघा जमीन के डायवर्सन के लिए आवेदन किया था। डायवर्सन की कार्यवाही भी लगभग पूर्ण हो चुकी थी। डायवर्सन का आदेश पारित करवाने के लिए SDM रीडर रमेश चन्द्र चौहान ने धर्मेन्द चौधरी से 28 हज़ार रुपयों की मांग की थी। धर्मेन्द ने इसकी शिकायत उज्जैन लोकायुक्त पुलिस को की जिस पर ट्रैप प्लान बनाया गया। आज दोपहर करीब 12 बजे जैसे ही रमेश चन्द्र चौहान ने पहली किश्त के रूप में 20 हज़ार रूपये लिए वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे धरदबोचा। लोक्युक्त DSP शक्तावद के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने यह कार्यवाही की है। रमेश चन्द्र चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत मुक़दमा दायर किया गया है।
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