Toc news
मेरठ। मेरठ के छावनी क्षेत्र के बंगला नंबर 210- बी में स्थित आरआर मॉल शनिवार को सूर्योदय होते ही जमींदोज हो गया। कार्रवाई के दौरान लापरवाही के कारण मलबे में दबे सात लोगों में से चार लोगों की मौत हो गई। बाकी गंभीर रूप से घायल है। अभी कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका है। मौके पर पहुंचे भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। उनका कहना है कि बेकसूर लोगों की मौत हादसा नहीं बल्कि हत्या है। उधर, कार्रवाई के विरोध में व्यापारी मेरठ बंद की तैयारी में जुट गए हैं। मेरठ में किसी भी अवैध निर्माण के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
आरआर मॉल को गिराने की शुरुआत शुक्रवार शाम खुद बिल्डर ने शुरू कर दी थी। मॉल के शीशे उतार लिए गए थे और चौथी मंजिल पर जेनरेटर लगाकर चार हैमर मशीनें लगाकर छेद कर दिए गए। रात में काम चल रहा था। भवन के आसपास लाइट लगाई गई थी। कैंट बोर्ड, सेना, पुलिस और प्रशासन ने शनिवार सुबह मॉल को गिराने के लिए एक्शन प्लान ओके कर दिया था लेकिन इसकी ठीक ढंग से जानकारी न देने के कारण कार्रवाई के दौरान इसमें सो रहे सात लोग मलबे की चपेट में आ गए। सेना और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई लोग कर लोगों का बचाव शुरु किया लेकिन मलबे से निकाले गए सात में से चार लोगों की मौत हो गई। मौत की अधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।
मौके पर सेना के साथ ही एनडीआरएफ की भी टीम पहुंच गई है। प्रशासन की लापरवाही से हुई मौत को लेकर लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि प्रशासन ने कार्रवाई के नाम पर लाशें बिछा दीं, क्या यही जनहित है। मौके पर पहुंचे सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी इसे बेकसूर लोगों की हत्या कहा है। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता मेरठ बंद की तैयारी कर रहे हैं। कार्रवाई के दौरान मात्र कुछ सेकेंड के अंतर से सीओ रणविजय की भी जान बच गई वरना वह भी मलबे की चपेट में आ जाते। मौके पर प्रशासन और सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं।
क्या है 210 बी
कैंट के बंगला नंबर 210 बी में आबूलेन से सटे 10.5 एकड़ के इलाके में 62 कोठियां, एक मॉल और 22 दुकानें बनी हैं। कैंट बोर्ड का दावा है कि यह निर्माण अवैध है। हाईकोर्ट ने इसके ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने भी ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए हैं। कैंट बोर्ड इसी आधार पर 19 जून को 210 बी के ध्वस्तीकरण के लिए पहुंचा था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते टीम को वापस लौटना पड़ा। शुक्रवार को कैंट बोर्ड ने नए सिरे से यहां स्थित आरआर मॉल के ध्वस्तीकरण का एक्शन प्लान ओके कर दिया था।
आबूलेन, बांबे बाजार से सटी है 10.5 एकड़ जमीन
बंगला नंबर 210 बी की बाजार में कीमत 800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। शहर का दिल कहे जाने वाले आबूलेन और सदर से सटी इस जमीन का सर्किल रेट ही 72 हजार 500 रुपये वर्ग मीटर है। सर्किल रेट के हिसाब से ही करीब 52 हजार वर्ग मीटर जमीन की कीमत करीब 400 करोड़ रुपये बैठती है। यहां बनीं 62 आलीशान कोठियां, एक मॉल और दो कॉमर्शियल काम्प्लेक्स जोड़ लें और जमीन की कीमत बाजार भाव के हिसाब से लगाएं तो 210 बी की कीमत 800 करोड़ के आसपास बैठती है।
मेरठ। मेरठ के छावनी क्षेत्र के बंगला नंबर 210- बी में स्थित आरआर मॉल शनिवार को सूर्योदय होते ही जमींदोज हो गया। कार्रवाई के दौरान लापरवाही के कारण मलबे में दबे सात लोगों में से चार लोगों की मौत हो गई। बाकी गंभीर रूप से घायल है। अभी कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका है। मौके पर पहुंचे भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। उनका कहना है कि बेकसूर लोगों की मौत हादसा नहीं बल्कि हत्या है। उधर, कार्रवाई के विरोध में व्यापारी मेरठ बंद की तैयारी में जुट गए हैं। मेरठ में किसी भी अवैध निर्माण के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
आरआर मॉल को गिराने की शुरुआत शुक्रवार शाम खुद बिल्डर ने शुरू कर दी थी। मॉल के शीशे उतार लिए गए थे और चौथी मंजिल पर जेनरेटर लगाकर चार हैमर मशीनें लगाकर छेद कर दिए गए। रात में काम चल रहा था। भवन के आसपास लाइट लगाई गई थी। कैंट बोर्ड, सेना, पुलिस और प्रशासन ने शनिवार सुबह मॉल को गिराने के लिए एक्शन प्लान ओके कर दिया था लेकिन इसकी ठीक ढंग से जानकारी न देने के कारण कार्रवाई के दौरान इसमें सो रहे सात लोग मलबे की चपेट में आ गए। सेना और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई लोग कर लोगों का बचाव शुरु किया लेकिन मलबे से निकाले गए सात में से चार लोगों की मौत हो गई। मौत की अधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।
मौके पर सेना के साथ ही एनडीआरएफ की भी टीम पहुंच गई है। प्रशासन की लापरवाही से हुई मौत को लेकर लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि प्रशासन ने कार्रवाई के नाम पर लाशें बिछा दीं, क्या यही जनहित है। मौके पर पहुंचे सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी इसे बेकसूर लोगों की हत्या कहा है। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता मेरठ बंद की तैयारी कर रहे हैं। कार्रवाई के दौरान मात्र कुछ सेकेंड के अंतर से सीओ रणविजय की भी जान बच गई वरना वह भी मलबे की चपेट में आ जाते। मौके पर प्रशासन और सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं।
क्या है 210 बी
कैंट के बंगला नंबर 210 बी में आबूलेन से सटे 10.5 एकड़ के इलाके में 62 कोठियां, एक मॉल और 22 दुकानें बनी हैं। कैंट बोर्ड का दावा है कि यह निर्माण अवैध है। हाईकोर्ट ने इसके ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने भी ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए हैं। कैंट बोर्ड इसी आधार पर 19 जून को 210 बी के ध्वस्तीकरण के लिए पहुंचा था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते टीम को वापस लौटना पड़ा। शुक्रवार को कैंट बोर्ड ने नए सिरे से यहां स्थित आरआर मॉल के ध्वस्तीकरण का एक्शन प्लान ओके कर दिया था।
आबूलेन, बांबे बाजार से सटी है 10.5 एकड़ जमीन
बंगला नंबर 210 बी की बाजार में कीमत 800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। शहर का दिल कहे जाने वाले आबूलेन और सदर से सटी इस जमीन का सर्किल रेट ही 72 हजार 500 रुपये वर्ग मीटर है। सर्किल रेट के हिसाब से ही करीब 52 हजार वर्ग मीटर जमीन की कीमत करीब 400 करोड़ रुपये बैठती है। यहां बनीं 62 आलीशान कोठियां, एक मॉल और दो कॉमर्शियल काम्प्लेक्स जोड़ लें और जमीन की कीमत बाजार भाव के हिसाब से लगाएं तो 210 बी की कीमत 800 करोड़ के आसपास बैठती है।
No comments:
Post a Comment