(भोपाल)
अवधेश पुरोहित @ toc News
भोपाल । मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान यूँ तो एक के बाद एक साल दर साल तमाम घोटाले हुए हैं, जिसके चलते इस मध्यप्रदेश का देश और दुनिया में शिवराज सिहं के कार्यकाल के दौरान प्रसिद्धि हासिल हुई है, इस सरकार के दौरान शायद ही कोई सरकारी योजना हो जिसमें घोटाले की बू न आई हो लेकिन अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सम्पूर्ण समाज की सहभागिता से चलने वाला नमानि देवी नर्मदे अभियान पूरी दुनिया में नदी को बचाने का उदाहरण बनेगा,
यह अभियान पवित्र जीवन दायिनी नर्मदा नदी के ऋण को उतारने वाला अभियान होगा, ११८ दिन चलने वाले इस अभियान में नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर सघन पौधारोपण किया जाएगा मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी प्रदेश की जीवनरेखा है, यह प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न बना रही है यह पेयजल सिंचाई और बिजली इस प्रदेश को देती है, वृक्षों के काटने से प्रदूषण से नर्मदा जल पर प्रभाव हुआ है। इससे नर्मदा को बचाने के लिये व्यापक अभियान चलाया जाएगा, नर्मदा के तट पर ज्ञान, भक्ति और कर्म तीनों का संगम होता है,
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के किनारे निजी भूमि पर किसानों द्वारा फलदार वृक्ष लगाने पर राज्य सरकार किसानों को उन वृक्षों पर फल आने तक मुआवजा देगी, नर्मदा नदी प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए जनजागरण यात्रा ११ नवम्बर से निकाली जाएगी मुख्यमंत्री के इस तरह के नमामि नर्मदे को पूरी दुनिया में उदाहरण बनाने? के दावे को लेकर राज्य में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं तो लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि राज्य की सत्ता पर काबिज होने के साथ ही जिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्थापना वाले दिन से लेकर उनके ही विधानसभा क्षेत्र जहां माँ नर्मदे निकलती हैं, उसी बुधनी क्षेत्र से उनके ही समर्थकों और परिजनों द्वारा माँ नर्मदे की छाती से अवैध रेत खनन का कारोबार जो प्रारंभ हुआ वह आज पूरे प्रदेश में शायद ही ऐसा कोई कस्बा बचा हो जहां तक पहुंच गया है। वर्षों बाद मुख्यमंत्री चौहान यह घोषणा करते हैं कि जिस नर्मदा के किनारे अवैध वनों की कटाई का कारोबार धड़ल्ले से चला और उस अवैध कारोबार को चलाने वाले कौन थे, उनको इस प्रदेश की जनता भलीभंाति जानती है,
अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उसी नर्मदा के किनारे किसानों को यह सलाह दे रहे हैं कि वह फलदार वृक्ष लगाये और सरकार ऐसे किसानों को आर्थिक मदद करेगी, यही नहीं जिस माँ नर्मदे के संरक्षण और उसे प्रदूषण से मुक्त करने के लिये शिवराज सरकार बहुआयामी योजनाएं बनाने जा रही है उसी नर्मदा के किनारे बुधनी सहित कई शहरों में नर्मदा किनारे भारी भरकम उद्योग स्थापित किये गये हैं जो नर्मदा को प्रदूषित करने में लगे हुए हैं लेकिन उनके खिलाफ प्रदूषण मण्डल के लक्ष्मी दर्शन के चलते आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। लोग यह कहते हुए भी नजर आ रहे हैं कि सबकुछ लुटाकर होश में आने से क्या फायदा ?
जब इसी सरकार द्वारा उस नर्मदा से दिनरात रेत निकालकर उसे प्रदूषित तो किया ही है और अब उसका अस्तित्व भी खतरे में है। शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान नर्मदा का जितना दोहन किया गया क्या अब इस अभियान के तहत उसकी पूर्ति की जा सकेगी? कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के इस दावे के बाद कि नमामि नर्मदे अभियान पूरी दुनिया में उदाहरण बनेगा को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते नजर आ रहे हैं और यही नहीं लोग तो यह तक कहते दिखाई दे रहे हैं कि जिस नर्मदा से अवैध तरीके से दिन-रात रेत निकाली गई और उसके आसपास के वृक्षों को मुख्यमंत्री के समर्थकों द्वारा अंधाधुंध अवैध कटाई की गई
क्या इस अभियान से नर्मदा का स्वरूप मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व जैसा दिखाई देने लगेगा इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री का यह दावा कि यह देश और दुनिया के लिए उदाहरण बनेगा आखिर क्या रंग लाएगा इसको लेकर लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते नजर आ रहे हैं लोग तो यहां तक कहते नजर आ रहे हैं कि जिस मुख्यमंत्री के कार्यकाल में व्यापमं जैसे घोटाले ने देश और दुनिया में मध्यप्रदेश को कलंकित किया है क्या अब नमामि नर्मदे अभियान के तहत भी प्रदेश को क्या उपलब्धि मिलने वाली है, यह तो भविष्य बताएगा लेकिन मुख्यमंत्री के इस दावे पर लोगों की निगाहें लगी हुई हैं कि नर्मदा अभियान दुनिया के लिए उदाहरण होगा अब लोग इस शोध में लगे हुए हैं कि आखिर वह उदाहरण क्या होगा ?
अवधेश पुरोहित @ toc News
भोपाल । मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान यूँ तो एक के बाद एक साल दर साल तमाम घोटाले हुए हैं, जिसके चलते इस मध्यप्रदेश का देश और दुनिया में शिवराज सिहं के कार्यकाल के दौरान प्रसिद्धि हासिल हुई है, इस सरकार के दौरान शायद ही कोई सरकारी योजना हो जिसमें घोटाले की बू न आई हो लेकिन अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सम्पूर्ण समाज की सहभागिता से चलने वाला नमानि देवी नर्मदे अभियान पूरी दुनिया में नदी को बचाने का उदाहरण बनेगा,
यह अभियान पवित्र जीवन दायिनी नर्मदा नदी के ऋण को उतारने वाला अभियान होगा, ११८ दिन चलने वाले इस अभियान में नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर सघन पौधारोपण किया जाएगा मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी प्रदेश की जीवनरेखा है, यह प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न बना रही है यह पेयजल सिंचाई और बिजली इस प्रदेश को देती है, वृक्षों के काटने से प्रदूषण से नर्मदा जल पर प्रभाव हुआ है। इससे नर्मदा को बचाने के लिये व्यापक अभियान चलाया जाएगा, नर्मदा के तट पर ज्ञान, भक्ति और कर्म तीनों का संगम होता है,
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के किनारे निजी भूमि पर किसानों द्वारा फलदार वृक्ष लगाने पर राज्य सरकार किसानों को उन वृक्षों पर फल आने तक मुआवजा देगी, नर्मदा नदी प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए जनजागरण यात्रा ११ नवम्बर से निकाली जाएगी मुख्यमंत्री के इस तरह के नमामि नर्मदे को पूरी दुनिया में उदाहरण बनाने? के दावे को लेकर राज्य में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं तो लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि राज्य की सत्ता पर काबिज होने के साथ ही जिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्थापना वाले दिन से लेकर उनके ही विधानसभा क्षेत्र जहां माँ नर्मदे निकलती हैं, उसी बुधनी क्षेत्र से उनके ही समर्थकों और परिजनों द्वारा माँ नर्मदे की छाती से अवैध रेत खनन का कारोबार जो प्रारंभ हुआ वह आज पूरे प्रदेश में शायद ही ऐसा कोई कस्बा बचा हो जहां तक पहुंच गया है। वर्षों बाद मुख्यमंत्री चौहान यह घोषणा करते हैं कि जिस नर्मदा के किनारे अवैध वनों की कटाई का कारोबार धड़ल्ले से चला और उस अवैध कारोबार को चलाने वाले कौन थे, उनको इस प्रदेश की जनता भलीभंाति जानती है,
अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उसी नर्मदा के किनारे किसानों को यह सलाह दे रहे हैं कि वह फलदार वृक्ष लगाये और सरकार ऐसे किसानों को आर्थिक मदद करेगी, यही नहीं जिस माँ नर्मदे के संरक्षण और उसे प्रदूषण से मुक्त करने के लिये शिवराज सरकार बहुआयामी योजनाएं बनाने जा रही है उसी नर्मदा के किनारे बुधनी सहित कई शहरों में नर्मदा किनारे भारी भरकम उद्योग स्थापित किये गये हैं जो नर्मदा को प्रदूषित करने में लगे हुए हैं लेकिन उनके खिलाफ प्रदूषण मण्डल के लक्ष्मी दर्शन के चलते आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। लोग यह कहते हुए भी नजर आ रहे हैं कि सबकुछ लुटाकर होश में आने से क्या फायदा ?
जब इसी सरकार द्वारा उस नर्मदा से दिनरात रेत निकालकर उसे प्रदूषित तो किया ही है और अब उसका अस्तित्व भी खतरे में है। शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान नर्मदा का जितना दोहन किया गया क्या अब इस अभियान के तहत उसकी पूर्ति की जा सकेगी? कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के इस दावे के बाद कि नमामि नर्मदे अभियान पूरी दुनिया में उदाहरण बनेगा को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते नजर आ रहे हैं और यही नहीं लोग तो यह तक कहते दिखाई दे रहे हैं कि जिस नर्मदा से अवैध तरीके से दिन-रात रेत निकाली गई और उसके आसपास के वृक्षों को मुख्यमंत्री के समर्थकों द्वारा अंधाधुंध अवैध कटाई की गई
क्या इस अभियान से नर्मदा का स्वरूप मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व जैसा दिखाई देने लगेगा इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री का यह दावा कि यह देश और दुनिया के लिए उदाहरण बनेगा आखिर क्या रंग लाएगा इसको लेकर लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते नजर आ रहे हैं लोग तो यहां तक कहते नजर आ रहे हैं कि जिस मुख्यमंत्री के कार्यकाल में व्यापमं जैसे घोटाले ने देश और दुनिया में मध्यप्रदेश को कलंकित किया है क्या अब नमामि नर्मदे अभियान के तहत भी प्रदेश को क्या उपलब्धि मिलने वाली है, यह तो भविष्य बताएगा लेकिन मुख्यमंत्री के इस दावे पर लोगों की निगाहें लगी हुई हैं कि नर्मदा अभियान दुनिया के लिए उदाहरण होगा अब लोग इस शोध में लगे हुए हैं कि आखिर वह उदाहरण क्या होगा ?
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