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भोपाल : राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि छात्र-छात्राएँ देश के नव-निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिये आगे आयें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एनएसएस जैसे सशक्त प्रकल्पों के माध्यम से विद्यार्थियों की विकास में सहभागिता बढ़ायें। राज्यपाल श्रीमती पटेल आज उज्जैन में विक्रम विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने समारोह में विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान कीं और विभिन्न संकायों में मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण-पदक प्रदान किये।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि ज्ञान के अर्जन में नारी शक्ति नित नई ऊँचाइयों पर विजय पताका फहरा रही है। श्रीमती पटेल ने कहा कि उपनिषद में दीक्षांत उपदेश में सत्य बोलो, धर्म का आचरण करो आदि उपदेशों के बारे में विस्तृत जानकारी समाहित है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा गाँव को गोद लेकर छात्र-छात्राओं को गाँवों में भेजना चाहिये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण छात्राएँ शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं रहें। इसके लिये ग्रामों में ऐसा वातावरण बनाना है, जिससे हर छात्रा महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करे।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने दीक्षांत समारोह में मारवाड़ी पगड़ी और भारतीय परिधान में उपाधियाँ प्राप्त करने आये छात्र-छात्राओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गाउन में विद्यार्थियों का समूह जादूगरों का जमावड़ा लगता था। श्री पवैया ने कहा कि शिक्षा प्राप्त कर उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी शिक्षा में वृद्धि करते हुए समाज के नव-निर्माण में योगदान दें। तभी शिक्षा की सार्थकता होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी आत्म-विश्वासी और नवाचारी बनें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को भी यह देखना होगा कि विश्वविद्यालय से अध्ययन कर निकलने वाले विद्यार्थियों का देश में कितना मान होता है। अकादमिक प्रतिष्ठा अर्जित करने के लिये कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। दीक्षांत समारोह में कुलपति डॉ. एस.एस. पाण्डे ने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और अनुसंधान के संबंध में जानकारी दी।
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