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आपातकाल का मुद्दा उठाने के लिए शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर हमला किया है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि देश के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 'योगदान' को महज 1975 के निर्णय के लिए अनदेखा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इंदिरा 'लोकतंत्र समर्थक' थीं क्योंकि आपातकाल हटाने के बाद 1977 में उन्होंने चुनाव कराए थे।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक कॉलम में राउत ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, सरदार पटेल, राजेन्द्र प्रसाद, बी आर अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर जैसे राष्ट्रीय नेताओं के योगदान को खारिज करना '' देशद्रोह की तरह है।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक कॉलम में राउत ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, सरदार पटेल, राजेन्द्र प्रसाद, बी आर अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर जैसे राष्ट्रीय नेताओं के योगदान को खारिज करना '' देशद्रोह की तरह है।
राउत ने कहा, 'इंदिरा गांधी की तरह इस देश में किसी और ने काम नहीं किया। आपातकाल के उनके एक निर्णय से उनके योगदान को नहीं भुलाना चाहिए। पंडित नेहरू , महात्मा गांधी , सरदार पटेल , राजेन्द्र प्रसाद , डॉ . अंबेडकर , नेताजी बोस और वीर सावरकर के योगदान को खारिज करना देशद्रोह है।
स्थिति के मुताबिक हर सरकार को कुछ व्यावहारिक निर्णय करने चाहिए। क्या गलत है, क्या सही है इस पर कौन निर्णय करेगा ? आपातकाल को भूल जाना चाहिए'।
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