सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति की अनुशंसा अवैधानिक, राज्यपाल तत्काल अनुशंसा खारिज करें : अजय दुबे |
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मप्र की राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वो सूचना आयुक्तों के लिए मप्र सरकार द्वारा की गई अनुशंसा को अस्वीकार कर खारिज करें
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की 15( 3) के अनुसार चयन समिति द्वारा उपयुक्त लोगो के लिए राज्यपाल को अनुशंसा करेगी।इस समिति में मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और नेता प्रतिपक्ष सदस्य हैं और निर्णय के समय दिनाँक 1 अक्टूबर 18 को नेता प्रतिपक्ष अनुपस्थित थे।"अधिनियम की उक्त धारा में सर्वसम्मति से निर्णय लेने की बात कहती है न कि बहुमत और न ही कोरम की बात करती है"
चयन समिति ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश 3 सितंबर 2012 का उल्लंघन भी किया जिसमें उमीदवारों का पैनल बनाने हेतु सर्च कमेटी के गठन कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने की व्यवस्था कायम की थी।
भारत सरकार ने इसी व्यवस्था/कानून का सम्मान करते हुए केंद्रीय सूचना आयुक्तों की नियुक्ति हेतु कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में सर्च कमेटी बनाई लेकिन मप्र सरकार ने नही बनाई। मप्र सरकार द्वारा सर्च कमेटी न बनाने से ही विवादित चेहरे मेरिट को दरकिनार कर सूचना आयुक्त बनाये जा रहे हैं।
उदहारण अरुण पांडेय रिटायर्ड आईएएस की पेंशन मप्र सरकार के मुख्य सचिव के निर्देश से 4 महीने से रुकी हुई है। ऐसे ही अन्य चयनित चेहरों की भी जांच होनी चाहिये। अतः राज्यपाल तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करते हुए अनुशंसा निरस्त करें ।
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