इंदौर. पेट से जुड़े दो बच्चों को शनिवार देर शाम एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया था ! ये बच्चे पेट के नीचे नाभि से जुड़े हैं। इनका लिंग भी एक ही है। इन्हें पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया गया। इन्हें धार जिले की प्रेमाबाई ने सरदारपुर के जिला अस्पताल में शनिवार को जन्म दिया।
धार जिले के सरदारपुर में एक गरीब आदिवासी नानूराम के घर जन्म लेने वाले जुड़े हुए दो बच्चों को अलग करने का आपरेशन इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में होगा। यह आपरेशन बाल शल्यक्रिया विषेषज्ञ डा. ब्रजेष लाहोटी करेंगे।
इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में आए कंजोइन टवीन्स का आपरेषन जरूरी जाचों के बाद किया जाएगा। ये आपरेशन कुछ जरुरी जांचे पूरी होने के बाद किया जाता है ! डाक्टरों का कहना है की आपरेशन कब होगा यह कह पाना अभी मुश्किल है ! आपरेशन करने के पहले हम इनके जीवित रहने की संभावना को भी ध्यान में रखेंगे उसके बाद ही आपरेशन करेंगे ! ये दोनों बच्चे पेट से आपस में जुड़े हुए हैं। पेट के ऊपर उनके दो मुह, चार हाथ और चार पैर हैं लेकिन लिंग और गुदाद्वार एक ही है। डा. ब्रजेष लाहोटी मानते हैं कि ये आपरेशन बेहद जटिल है।
बाल शल्यक्रिया विषेषज्ञ डा. ब्रजेश लाहोटी का कहना है कि इस तरह के केस को कंजोइन टवीन्स कहा जाता है। इस तरह के केस एक लाख में एक बच्चे का होता है। संभवत: गर्भावस्था के दौरान दवाईयों के रिएक्शन के कारण मा के गर्भ में बच्चे में डेवलपमेंटल डिफेक्ट आ जाता है। इंदौर में वर्ष 1998 में डा. वी.आर.पारीख इस तरह का आपरेशन सफलतापूर्वक कर चुके हैं।
धार जिले के सरदारपुर में एक गरीब आदिवासी नानूराम के घर जन्म लेने वाले जुड़े हुए दो बच्चों को अलग करने का आपरेशन इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में होगा। यह आपरेशन बाल शल्यक्रिया विषेषज्ञ डा. ब्रजेष लाहोटी करेंगे।
इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में आए कंजोइन टवीन्स का आपरेषन जरूरी जाचों के बाद किया जाएगा। ये आपरेशन कुछ जरुरी जांचे पूरी होने के बाद किया जाता है ! डाक्टरों का कहना है की आपरेशन कब होगा यह कह पाना अभी मुश्किल है ! आपरेशन करने के पहले हम इनके जीवित रहने की संभावना को भी ध्यान में रखेंगे उसके बाद ही आपरेशन करेंगे ! ये दोनों बच्चे पेट से आपस में जुड़े हुए हैं। पेट के ऊपर उनके दो मुह, चार हाथ और चार पैर हैं लेकिन लिंग और गुदाद्वार एक ही है। डा. ब्रजेष लाहोटी मानते हैं कि ये आपरेशन बेहद जटिल है।
बाल शल्यक्रिया विषेषज्ञ डा. ब्रजेश लाहोटी का कहना है कि इस तरह के केस को कंजोइन टवीन्स कहा जाता है। इस तरह के केस एक लाख में एक बच्चे का होता है। संभवत: गर्भावस्था के दौरान दवाईयों के रिएक्शन के कारण मा के गर्भ में बच्चे में डेवलपमेंटल डिफेक्ट आ जाता है। इंदौर में वर्ष 1998 में डा. वी.आर.पारीख इस तरह का आपरेशन सफलतापूर्वक कर चुके हैं।
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