आरपीएफ एवं जीआरपी की मिली भगत से रेल्वे स्टेशन में राजश्री की भरमार उतरती हैं
क्राइम रिपोर्टर// लखनलाल (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी. मध्यप्रदेश शासन ने जब से तम्बाखू मिले गुटके में रोक लगा दी है तब से राजश्री की बाजार काला बाजारी पूरे मध्यप्रदेश के सारे जिलों में चालू हो गई है। जबकि इस पूरे मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा राजश्री का गढ़ कटनी को माना जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे कटनी जिले में राजश्री बड़ी मात्रा में छत्तीसगढ़ से ट्रेनों के द्वारा मंगाई जाती है, उसके बाद सारी राजश्री पूरे जिले क्षेत्रों में फैला दी जाती है। जो की पूरे जिले में राजश्री का अवैध कारोबार फल-फूलरहा है और लाखों रूपये महीने के कमाये जा रहे हैं। जबकि इसकी खबर अरसे से आरपीएफ एवं जीआरपी को अच्छे से मालूम है किन्तु ये सारे लोग अपनी अवैध कमाई के चक्कर में लगे रहते है। सूत्र तो ये भी बताते हैं कि आरपीएफ एवं जीआरपी पुलिस तो इस अवैध माल की सुरक्षा करते भी देखे जाते हैं।
रेल्वे में पकड़ी गई 3,27,600 की राजश्री
इस अवैध राजश्री में अनाप सनाप कमाई के चलते लोग भारी मात्रा में राजश्री ट्रेनों के द्वारा मंगाते है। कटनी में पहले जिन लोगों के पास राजश्री की ऐजेंसी थी उन लोगों को अच्छे से मालूम है कि राजश्री में कितनी कमाई है राजश्री का कारोबार पूरे मध्य प्रदेश में बंद हुआ तो अवैध कमाई का दूसरा रास्ता अवैध कारोबार का इख्तियार कर लिया तभी पूरे जिले के अन्दर राजश्री हर पान के ठेले में और किराने की दुकान में 10 रू. की 3 राजश्री दी जाती है इससे हर आम व्यक्ति को पता है कि इस राजश्री में कितनी अंधी कमाई है इस अंधी कमाई के चलते पूर्व में कर रहे ये सारे व्यापारी अवैध कमाई के चक्कर लोगों के हित में नहीं अपितु जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ भी कर रहे हैं।
8 जुलाई को शाम 6 बजे जब नर्मदा एक्सप्रेस बिलासपुर से आती है तभी पुलिस को मुखबिर के द्वारा सूचना मिली की नर्मदा एक्सप्रेस से भारी मात्रा में अवैध राजश्री को लाई जा रहा है और 3 न. प्लेटफार्म से दो न. से लोड़ वाहन के द्वारा किसी व्यापारी के गोदाम में भेजी जायेगी किन्तु पुलिस ने बिना वक्त गवांये सही समय पर रेल्वे स्टेशन में पहुंच गई और राजश्री के 15 बोरे अपने कब्जे में लिया और वाहन सहित थाने ला कर जप्ती बनाई और खाद्यय विभाग के सुर्पुद कर दिया जो की विभाग के अनुसार पकड़ी गई राजश्री की कीमत 3,27,600 रू. आंकी गई किन्तु व्यापारी के अनुसार पकड़ी गई राजश्री की कीमत लगभग 8 लाख रूपये है। इस अवैध राजश्री को पकडऩे में आरक्षक लालजी यादव, आ. रामसजीले यादव, आ. विनोद पाण्ड़े, आ. सहपाल शाह परतेती की अहम भूमिका रही। खाद्यय निरिक्षक कुर्मी से जानकारी लेने पर पता चला की जो राजश्री पकड़ी गई है उसके मालिक का नाम अभी पता नहीं चला है। वैसे इस राजश्री को मंगाने वाले को खाद्यय सुरक्षा अधिनियम के तहत धारा 58 लगा कर 2 लाख का जुर्माना किया जायेगा।
जबकि इसके पहले भी नरेन्द्र ट्रांर्सपोर्ट से जो एमजीएम हास्पीटल के पास स्थापित है वहां से राजश्री पकड़ी गई है तथा उस पर भी खाद्यय सुरक्षा अधिनियम की धारा 58 के तहत कार्यवाही कर जुर्माना करके राजश्री को जला दिया गया।
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