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नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने DLF-SKYLIGHT जमीन सौदा मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को आज गहरा झटका देते हुए उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटीके खिलाफ आयकर विभाग की जांच जारी रखने का आदेश दिया।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में स्काईलाइट की याचिका खारिज करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश बरकरार रखा। वाड्रा की कंपनी ने आयकर विभाग की कार्रवाई रद्द करने की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद DLF ज़मीन सौदों से वाड्रा की कंपनी को हुई आमदनी को लेकर आयकर विभाग की जांच जारी रहेगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी थी। स्काईलाइट एक लिमिटेड लियैबिलिटी कंपनी थी, जिसे बाद में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तब्दील कर दिया गया था। आयकर विभाग इसलिए इस कंपनी की दोबारा जांच करना चाहती है।
कोर्ट ने कंपनी की याचिका को किया खारिज
हाई कोर्ट के समक्ष रखी गई टैक्स चोरी से जुड़ी रिपोर्ट में आयकर विभाग ने कहा था कि कंपनी द्वारा एक वर्ष के दौरान कमाए गए लाभ में से 35 करोड़ रुपये को मूल्यांकन से बचा लिया गया था। वहीं कंपनी ने अपनी याचिका में कहा था कि नोटिस सिर्फ शक के आधार पर दिया गया। इससे यह साबित नहीं होता कि आय को मूल्यांकन से बचाया गया है।
कंपनी के इस दावे पर पीठ ने असहमति जताते हुए कहा कि नोटिस जारी करने को उचित ठहराने के लिए सुबूत और सामग्री पर्याप्त हैं और उक्त जांच और कसौटी वर्तमान मामले में पुख्ता है। पीठ ने कंपनी की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि आयकर विभाग ने गलत कंपनी को नोटिस भेजा।
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