मुन्ना बजरंगी हत्या : झांसी जेल से बागपत जाने के लिए मुन्ना को किस पुलिस अधिकारी ने मनाया ? |
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नई दिल्ली. पूर्वांचल के शूटर और डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या में अभी तक कारण और उसके पीछे किसके हाथ जैसे सवालों का जवाब पुलिस नहीं तलाश पाई है
लेकिन एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि मुन्ना बजरंगी को झांसी की जेल से बागपत में जाने के लिए मनाने का काम उत्तर प्रदेश सरकार के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने किया. जून के पहले सप्ताह में लखनऊ से जेल का ये सीनियर पुलिस अधिकारी झांसी गया था और वहां मुन्ना को उसने करीब डेढ़ घंटे तक इस बात के लिए मनाया कि वो बागपत में पेशी के लिए बागपत जाए.
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक मुन्ना बजरंगी करीब एक साल से किसी पेशी के लिए कोर्ट नहीं जा रहा था. एक वजह तो जान को खतरा थी और दूसरी मेडिकल हालत क्योंकि उसे कई तरह की बीमारियों ने घेर रखा था. मुन्ना बजरंगी पर बागपत में रंगदारी का एक केस चल रहा था और उसमें भी पेशी के लिए बुलावा आ रहा था
लेकिन मुन्ना जा नहीं रहा था. फिर लखनऊ से जेल प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी जून के पहले सप्ताह में झांसी गए और जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी से करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत कर उसे मनाया कि वो पेशी के लिए बागपत जाए.
सूत्रों के मुताबिक जेल प्रशासन के इस सीनियर अधिकारी ने मुन्ना बजरंगी के साथ रास्ते में और बागपत में उसकी सुरक्षा पर चर्चा की. चर्चा में जाने-आने के रास्ते पर भी चर्चा हुई जिसमें दो रूट प्लान बनाया गया. एक मेन और एक अल्टरनेट.
मुन्ना बजरंगी ने साफ शर्त रख दी कि वो बागपत जेल में नहीं रुकेगा तो पुलिस अधिकारी ने उसे भरोसा दिया कि उसके रहने का इंतजाम बागपत जिला अस्पताल या बागपत पुलिस लाइन में कराया जाएगा. मुन्ना के साथ सुरक्षा में एक बुलेटप्रूफ वैन, एक एसयूवी, एक एंबुलैंस, दो डॉक्टर और 18 पुलिस जवान झांसी से बागपत गए.
मुन्ना बजरंगी रविवार की रात 9 बजे के आसपास बागपत पहुंचा लेकिन वहां उसे ना तो अस्पताल ले जाया गया और ना ही पुलिस लाइन, बल्कि उसका काफिला बागपत जेल के बाहर रोक दिया गया. बागपत जेल में गाड़ी लगने पर मुन्ना को लगा कि ये तो धोखा हो गया है तो उसने गाड़ी से उतरने से मना कर दिया.
मुन्ना को बागपत जेल में रखने का परमिशन भी नहीं था जो आनन-फानन में अरैंज कर लिया गया. फिर मुन्ना को ना चाहते हुए भी बागपत जेल के अंदर जाना पड़ा और पूरी की पूरी सिक्योरिटी रह गई जेल के बाहर. और फिर सोमवार की सुबह सुबह गोलियों की बौछार करके मुन्ना बजरंगी को मार दिया गया.
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