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पहले से ही तल्ख होते जा रहे अमेरिका वचाइना के संबंधव बिगड़ सकते हैं। कारण अमेरिकी वायुसेना का एक युद्धपोत दक्षिण चाइना सागर के विवादित द्वीपों में देखा गया। अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों ने सीएनएन को बताया कि लक्ष्यभेदी मिसाइल विनाशकारी यूएसएस डेकाटूर रविवार को स्प्रैटली द्वीपों की गेवन व जॉनसन चट्टानों के 12 समुद्री मील के दायरे में गया। अमेरिकी नौसेना ने इसे नौसंचालन की स्वतंत्रता करार दिया।
दक्षिण चाइना सागर में उड़ान भरने पर चाइना ने अमेरिका को चेताया
विवादित दक्षिण चाइना सागर में अमेरिकी विमान के उड़ान भरने पर चाइना ने गुरुवार को अमेरिका पर इलाके में तनाव पैदा करने का आरोप लगाया।खबर एजेंसी ‘एफे’ की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राष्ट्रों के बीच सैन्य संबंध को बेकार करने का दोष मढ़ते हुए बीजिंग ने बाशिंगटन से अधिक परिपक्व बनने को बोलाव ऐसे कार्यो का अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। रक्षा मंत्रालय ने कहा, “चीन अपने इलाके में सैन्य घुसपैठ का विरोध करता है व वह दक्षिण चाइना सागर में अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सभी महत्वपूर्णकदम उठाएगा। ”
मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने एक प्रेसवार्ता में कहा, “हम अमेरिका से नेकनीचयती के साथ समुचित और परिपक्व व्यवहार करने व द्विपक्षीय विषय में सुधार के लिए कदम उठाने की मांग करते हैं। हम अमेरिका से चाइना के साथ मिलकर कार्य करने का आग्रह करते हैं। ” उधर, व्यापारिक हितों के विवाद को लेकर अमेरिका वचाइना के बीच व्यापारिक संबंधबेकार चल रहे हैं।
चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बोला कि दक्षिण चाइना सागर व पूर्वी चाइना सागर पर अमेरिकी बमवर्षक बी-52 का उड़ान भरना ‘उकसावे वाली कार्रवाई’ है। पेंटागन ने बुधवार को बोला कि पूर्वी चाइना सागर में जापान के साथ संयुक्त अभियान में भारी बमवर्षकों ने भाग लिया व एक दिन पहले इन्होंने दक्षिण चाइना सागर के ऊपर, अंतर्राष्ट्रीय हवाईमार्ग से उड़ान भरी।
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