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भोपाल। दैनिक भास्कर के नेशनल न्यूज रूम में कार्यरत दो पत्रकारों कृष्णमोहन तिवारी और विजय प्रभात शुक्ला से मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जेपी अस्पताल पहुंचकर दोनों घायल पत्रकारों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी, साथ ही भविष्य में पुलिसकर्मी किसी के भी साथ इस तरह का व्यवहार न करें, इसके लिए निर्देश दिए जाएंगे।
भोपाल के अवधपुरी थाने के पुलिसकर्मियों ने सोमवार रात ड्यूटी करके लौट रहे दोनों पत्रकारों से बदसलूकी की थी और मारपीट करते हुए उन्हें थाने ले गए थे। दोनों को रातभर थाने में प्रताड़ित किया गया। मारपीट से विजय शुक्ला के पैर में फ्रेक्चर हो गया है। दोनों पत्रकारों के शरीर पर लाठियों से की गई बर्बर मारपीट के निशान अब भी मौजूद हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री ने जेपी अस्पताल में भर्ती दोनों पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने अस्पताल में मीडिया से बातचीत में कहा कि यह घटना निंदनीय है। इसकी जांच पर वे खुद निगरानी रखेंगे और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएंगे। गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि घटनाक्रम सुनकर वे आहत हैं। साथ ही भरोसा दिलाया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होगी, इसके लिए वे पुलिस अफसरों को निर्देश देंगे।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
डीआईजी से रिपोर्ट मांगी इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग का कहना है कि किन सबूतों के आधार पर पत्रकारों को सिमी का आतंकी बोला। उन्हें किस आधार पर रातभर थाने में बिठाए रखा। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष वीएम कंवर ने डीआईजी भोपाल से एक हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है।
नशे में धुत था एएसआई, फरार
मुख्य आरोपी एएसआई रघुवीर सिंह दांगी बुधवार को भी अफसरों के सामने पेश नहीं हुआ। एसपी साउथ अंशुमान सिंह ने उसे अपने दफ्तर में स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया था। प्रारंभिक जांच कर रहे सीएसपी अजय सिंह ने बताया कि अवधपुरी थाने से एएसआई की रवानगी डाल दी गई है। घटना के वक्त वह ड्यूटी पर था और शराब पिए था। अफसरों के आदेश का पालन न करना भी सर्विस रूल के खिलाफ है। इसलिए एएसआई के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद भी विभागीय जांच जारी रहेगी। जल्द ही इसकी रिपोर्ट अफसरों के सामने पेश कर दी जाएगी।
भोपाल। दैनिक भास्कर के नेशनल न्यूज रूम में कार्यरत दो पत्रकारों कृष्णमोहन तिवारी और विजय प्रभात शुक्ला से मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जेपी अस्पताल पहुंचकर दोनों घायल पत्रकारों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी, साथ ही भविष्य में पुलिसकर्मी किसी के भी साथ इस तरह का व्यवहार न करें, इसके लिए निर्देश दिए जाएंगे।
भोपाल के अवधपुरी थाने के पुलिसकर्मियों ने सोमवार रात ड्यूटी करके लौट रहे दोनों पत्रकारों से बदसलूकी की थी और मारपीट करते हुए उन्हें थाने ले गए थे। दोनों को रातभर थाने में प्रताड़ित किया गया। मारपीट से विजय शुक्ला के पैर में फ्रेक्चर हो गया है। दोनों पत्रकारों के शरीर पर लाठियों से की गई बर्बर मारपीट के निशान अब भी मौजूद हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री ने जेपी अस्पताल में भर्ती दोनों पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने अस्पताल में मीडिया से बातचीत में कहा कि यह घटना निंदनीय है। इसकी जांच पर वे खुद निगरानी रखेंगे और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएंगे। गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि घटनाक्रम सुनकर वे आहत हैं। साथ ही भरोसा दिलाया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होगी, इसके लिए वे पुलिस अफसरों को निर्देश देंगे।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
डीआईजी से रिपोर्ट मांगी इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग का कहना है कि किन सबूतों के आधार पर पत्रकारों को सिमी का आतंकी बोला। उन्हें किस आधार पर रातभर थाने में बिठाए रखा। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष वीएम कंवर ने डीआईजी भोपाल से एक हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है।
नशे में धुत था एएसआई, फरार
मुख्य आरोपी एएसआई रघुवीर सिंह दांगी बुधवार को भी अफसरों के सामने पेश नहीं हुआ। एसपी साउथ अंशुमान सिंह ने उसे अपने दफ्तर में स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया था। प्रारंभिक जांच कर रहे सीएसपी अजय सिंह ने बताया कि अवधपुरी थाने से एएसआई की रवानगी डाल दी गई है। घटना के वक्त वह ड्यूटी पर था और शराब पिए था। अफसरों के आदेश का पालन न करना भी सर्विस रूल के खिलाफ है। इसलिए एएसआई के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद भी विभागीय जांच जारी रहेगी। जल्द ही इसकी रिपोर्ट अफसरों के सामने पेश कर दी जाएगी।
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