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नई दिल्ली । पीएम मोदी की सरकार ने भारत के हर नागरिक को एक निश्चित रकम की तैयारी में लगी है। जहां इस स्कीक का फायदा देश के हर तबके के लोगों को सीधे मिलेगी। जिसमें लोगों को भागदौड़ किए बगैर अपने घर बैठे हर महीने एक तय तिथि को बंधी हुई राशि सरकार भेज देगी। ये है सरकार का पूरा प्लान...
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार 'यूनिवर्सल बेसिक इनकम' नाम की एक नई योजना लाने पर के बारे में सोच विचार कर रही है। जिसके बाद सरकार देश के प्रत्येक नागरिक को घर बैठे ही एक निश्चित रकम मुहैया कराएगी। सबसे बड़ी बात चाहे वो व्यक्ति रोजगार करता हो या नहीं। लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गायस्टैडिंग के मुताबिक, मोदी सरकार से मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने इस प्रस्ताव को तैयार किया है। जहां देशवासियों को इससे काफी फायदा होने वाला है। साथ उनका कहना कि सरकार इसे अपने स्तर पर लागू करेगी।
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सूत्रों के मुताबिक, इस यूनिवर्सल बेसिक इनकम प्लान का आर्थिक सर्वे और आम बजट में सरकार ऐलान कर सकती है। जहां इसे तैयार करने वाले प्रोफेसर गायस्टैडिंग पूरी दुनिया में इसे लागू करने की वकालत भी कर रहे हैं। प्रोफेसर के मुताबिक, सबसे पहले स स्कीम को पायलट प्रोजेक्टक के तौर पर मध्य प्रदेश के एक गांव में लॉन्च किया गया था। जहां हर महिला और पुरुष को 500 रुपए के साथ बच्चों को 150 रुपये दिए गए थे। जहां अधिकतर लोगों ने इससे लाभ लेकर अपना आय बढ़ा लिया।
इस स्कीम के लागू होने से देश के सवा अरब लोगों को हर माह 500 रुपए देने से सरकार पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इस पर प्रोफेसर गायस्टैडिंग ने कहा कि अगर स्कीम को पूरे देश में लागू किया जाता है तो जीडीपी का 3 से 4 फीसदी खर्च आएगा, जबकि अभी कुल जीडीपी का 4 से 5 फीसदी सरकार सब्सिडी में खर्च कर रही है।
गौरतलब हो कि दिल्ली में इस स्कीम का लगभग दो सौ लोगों के बीच प्रयोग सफल रहा। जिसके बाद सरकार ने देखने-समझने के बाद ही इसकी तैयारी में लग गई। तो वहीं इस स्कीम को लागू करने के बाद सरकार को चरणबद्ध तरीके से सब्सिडी समाप्त करने की दिशा में भी कदम उठाना पड़ेगा। इसके अलावा सरकार को हर स्कीम के लिए अलग से बड़े प्रोजेक्ट पर सरचार्ज के जरिए राशि जुटानी पड़ सकती है।
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