सिटी चीफ// कमलेश गौर (रायसेन //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो चीफ से संपर्क:- 9589738405
toc news internet channal
रायसेन . तहसील बरेली का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला ग्राम ऊँटियाकला के रहवासियों ने बताया कि हमारे ग्राम में स्थिति बड़ी दयनीय है। न तो वहां पर सडक़ है, और न ही स्कूल खुलते है, और अस्पताल में भी अतिक्रमण कर रखा है। नालियां टूट रही है। बिजली का कनेक्शन न होने के बावजूद भी बिल आ रहे है। तथा इसके अतिरिक्त भी अन्य जानकारियां दी गई हैं। पूरी स्थिति का सर्वे किये जाने के बाद ग्राम रहवासियों के कथन लिए गए, जिन रहवासियों के द्वारा अपने कथन हमारे समक्ष प्रस्तुत किये गये है। उनके कथनों की वीडियो ग्राफी कर ली गई है, जिसमें उनके द्वारा पूर्ण स्थिति को स्पष्ट बताया गया है, पूरे सर्वे करने के पश्चात सामने आया है कि इन सभी समस्याओं के लिए ग्राम पंचायत ऊँटियाकला के सचिव राजेश दुबे जिम्मेदार हैं उनके द्वारा विकास के नाम पर शासन से जो धनराशि स्वीकृत होकर आती है।
उससे ग्राम का विकास किया जाना चाहिए था पर उस राशि का उपयोग अपने घर के कार्य में किया जा रहा है, जैसे रोड से लगभग 70 मीटर की दूरी से सीमेन्ट रोड अपने घर तक बनवाया गया। जो व्यक्ति आज से 10-15 वर्ष पूर्व एक सामान्य नागरिक था। वह आज के मंहगाई के दौर में करोड़पति कैसे हो गया। कौन सा उसे तिलस्म चिराग मिल गया है। या फिर कौन सा जिन्न उसको जायदाद बनाने में सहयोग कर रहा है। सडक़ बनाने हेतु शासन द्वारा योजनानुसार 4 इंच का रोड बनाने की स्वीकृति होती है। श्री हक्के चौकीदार के यहां से श्री नारायण हवलदार एवं नन्दा हलदार तक 2, 2.5, 3 इंच मोटा रोड बनाया गया है।
जिसमें नदियों की रेत बिना सीमेंन्ट मिलाये रेत को रोड पर डाला गया। नीचे की ओर रेत ही रेत भरी है ऊपर सीमेंन्ट का लेप चढ़ा दिया गया है। जबकि शासन का आदेश है कि 4 इंच एक का माल होना जरूरी है तथा 4 एक का माल भी नहीं मिलाया गया। अगर शासन द्वारा रोड एवं विकास किये की सही तारीख से जांच की जाय तो रोड एवं किये गये विकास की असलियत सामने आ आयेगी। ग्राम पंचायत पूर्व सरपंच श्रीमती क्रांति बाई द्वारा विधायक निधि से स्वीकृत राशि 75,000/- (पचहत्तर हजार रूपये मात्र) से रोड वर्ष 2002-2003 में बनाया गया सचिव द्वारा रोड पुन: मूल्याकंन करवा कर शासन से दोबारा उसी रोड पर सीमेंन्ट रोड बनाया गया। जिसमें 1 या 1.5 इंच मिट्टी डालकर रोड का लेपन करवा दिया और मूल्यांकन भी हो गया। वर्तमान की स्थिति में रोड उखड़ गया जबकि एक वर्ष भी नहीं हुआ और पूर्व में बना रोड दिखने लगा है। जो कि जांच का विषय बनता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में (अस्पताल)में अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण कर रखा है। जिसकी शिकायत श्रीमान एस.डी.एम. एवं तहसीलदार बरेली से करने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हट सका है। जिसके प्रभारी द्वारा उच्च वर्ग के अधिकारियों को शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाहीं नहीं हुई। तथा ग्रामावासियों का कहना है कि संबंधितों के विरूद्ध पुलिस मे शिकायत दर्ज करने पर भी कोई लाभ नहीं है।
ग्राम में बिजली के बिल आ रहे हैं न तो उनके घर मीटर लगा है और न ही हां पर कोई बिजली के पोल लगे हुए हैं। ग्रामवासियों ने बताया ग्राम में विकास के नाम पर शासन से जो स्वीकृत राशि ग्राम आ रही है इसका लाभ ग्रामवासियों को नहीं मिल रहा एवं योजना अनुरूप विकास नहीं करा रहे इस संबंध में ग्राम पंचायत के सचिव राजेश दुबे को एक आवेदन दिया गया था। परन्तु विद्वान सचिव द्वारा आवेदन को डाक से लेने से ही इंकार कर दिया। जब दोबारा फिर से पंजीयन डाक से आवेदन भेजा गया तो वह भी उन्होंने लेने से इंकार कर दिया। वरिष्ठ अधिकारी को कार्यवाहीं करने के बाद भी उनके द्वारा किये गये विकास की कोई जानकारी नहीं दिलाई। ग्राम पंचायत के सचिव राजेश दुबे द्वारा की जा रही अवैध कार्यवाहियों की जानकारी समाचार पत्र के माध्यम से जनता तक पहुंचाने पर राजेश दुबे द्वारा प्रतिनिधि को जान से मारने (जान गवाने) की धमकी भी दी गई। जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए अलग से पुलिस भिाग को भी दी। जिसकी वर्तमान जांच चलउ रही है।
क्या शासन प्रशासन इन भ्रष्टाचार व्यक्तियों के प्रति एवं ग्राम पंचायत ऊँटियाकलॉ के सचिव राजेश दुबे द्वारा शासन से स्वीकृत योजना का लाभ जनता तक नहीं पहुंचाने पर एवं सचिव के भाई दीनदयाल उर्फ (दीना) द्वारा सम्मानीय शिक्षकों के ऊपर (ग्रीन लेवल की बॉटल) गलत आरोप लगाने पर इन व्यक्तियों पर प्रशासन कार्यवाहीं कर पायंगी, तथा सम्मानीय शिक्षकों को इंसाफ दिला पायेगी। समस्त ग्रामवासियों द्वारा ग्राम पंचायत ऊँटियाकलॉ के सचिव राजेश दुबे का स्थानांतरण तथा शासन द्वारा स्वीकृत योजनाओं की जानकारी का लाभ जनता को नहीं मिलने पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दी जा रही घोषणाएं अधूरी रह जायेगी। क्योंकि ग्राम पंचायत के ग्रामवासी पंचायत के कर्मचारी से संतुष्ट नहीं हैं। यदि राज्य शासन द्वारा सचिव राजेश दुबे का स्थानांतरण करने व उचित कार्यवाहीं करने में असमर्थ होती है। तो ग्रामवासी केन्द्र सरकार के शरण में जाना तत्पर रहेंगें।
No comments:
Post a Comment