कोरबा ! धातुओं को निगलने का मनोरोग से पीड़ित युवक कलेश्वर सिंह को अंतत: बचाया नहीं जा सका। रविवार को सृष्टि मेडिकल इंस्टीटयूट में उसके पेट का ऑपरेशन कर बड़ी मात्रा में सिक्के, लोहे के नट-बोल्ट निकाले गये थे। जिसके बाद से वह चिकित्सकों की निगरानी में था।
रजगामार क्षेत्रांतर्गत ग्राम कोरकोमा निवासी कलेश्वर पिता मोहन सिंह 26 वर्ष को पेट दर्द की शिकायत पर शनिवार को उपचारार्थ सृष्टि मेडिकल इंस्टीटयूट रिस्दी में दाखिल कराया गया। यहां अनेक तरह के परीक्षण उपरांत उसके पेट का ऑपरेशन करने का निर्णय चिकित्सक एसएन यादव ने लिया। शनिवार की रात कलेश्वर के पेट का ऑपरेशन डा. यादव ने डा. गौतम पटेल व डा. बीएस राठौर के सहयोग से किया। ऑपरेशन के दौरान अमाशय से 421 सिक्के , 196 बोल्ट, 16 नट और चाबियां निकाली गई। परिजनों के मुताबिक कलेश्वर द्वारा गुल्लक में जमा किये गये सिक्कों को फोड़कर निगल लिया गया था। इसके साथ ही उसने लोहे के अन्य सामानों को भी हजम किया लेकिन वह यह सब कुछ कब कर लेता था, इसकी जानकारी किसी को नहीं हो पाई। ऑपरेशन उपरांत कलेश्वर को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया था लेकिन अथक प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका और उसने आज सुबह दम तोड़ दिया।
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