विदिशा जिले में की पुरानी बावड़ी से निकले 9 नरमुंड
विदिशा। लटेरी ब्लाक के ग्राम महोटी की पुरानी बावड़ी का मरम्मत कार्य शुरू हुआ तो उसमें से नरमुंड मिलने का सिलसिला शुरू हो गया।
सोमवार से शुरू हुआ ये सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। जानकारी के अनुसार उनारसीकलां थाना के ग्राम महोटी में शैतानसिंह अहिरवार ने अपने पट्टे की भूमि में सिंचाई के लिए पुरानी बावड़ी का मरम्मत कार्य शुरू किया था। जब गहरीकरण शुरू हुआ तो उसमें वर्षों पुराने नरमुंड मिलने लगे। सोमवार शाम को इस बात की सूचना पुलिस को दी गई।
मंगलवार को भी नरमुंड मिलते रहे। इस संबंध में लटेरी एसडीओपी पीएस मंडलोई का कहना है कि अब तक करीब नौ नरमुंड मिल चुके हैं। सभी नरमुंड करीब सौ साल पहले के दिख रहे हैं। गांव वालों ने पूछताछ में बताया कि वर्षों पहले बावड़ी के पास पुरानी बस्ती थी। तब महामारी फैली थी और लोगों ने मृतकों को बावड़ी में फेंक दिया था। हड्डियां देखकर ऐसा लग रहा है कि मृतकों को सौ साल पहले बावड़ी में फेंके होने की संभावना है।
विदिशा। लटेरी ब्लाक के ग्राम महोटी की पुरानी बावड़ी का मरम्मत कार्य शुरू हुआ तो उसमें से नरमुंड मिलने का सिलसिला शुरू हो गया।
सोमवार से शुरू हुआ ये सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। जानकारी के अनुसार उनारसीकलां थाना के ग्राम महोटी में शैतानसिंह अहिरवार ने अपने पट्टे की भूमि में सिंचाई के लिए पुरानी बावड़ी का मरम्मत कार्य शुरू किया था। जब गहरीकरण शुरू हुआ तो उसमें वर्षों पुराने नरमुंड मिलने लगे। सोमवार शाम को इस बात की सूचना पुलिस को दी गई।
मंगलवार को भी नरमुंड मिलते रहे। इस संबंध में लटेरी एसडीओपी पीएस मंडलोई का कहना है कि अब तक करीब नौ नरमुंड मिल चुके हैं। सभी नरमुंड करीब सौ साल पहले के दिख रहे हैं। गांव वालों ने पूछताछ में बताया कि वर्षों पहले बावड़ी के पास पुरानी बस्ती थी। तब महामारी फैली थी और लोगों ने मृतकों को बावड़ी में फेंक दिया था। हड्डियां देखकर ऐसा लग रहा है कि मृतकों को सौ साल पहले बावड़ी में फेंके होने की संभावना है।
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