श्रीमती उपमा राय की अध्यक्षता में बुधवार को म.प्र. राज्य महिला आयोग की नीतिगत बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। |
bhopal.
श्रीमती उपमा राय की अध्यक्षता में आज यहाँ आयोजित मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आयोग ने जननी सुरक्षा योजना में हितग्राही महिला का बैंक में शून्य बैलेन्स पर खाता खोलने, मानव अधिकार आयोग की भांति उप-पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति राज्य महिला आयोग में करने, आमंत्रित काउन्सलर्स और विशेषज्ञों की देय राशि में वृद्धि करने, बलात्कार पीड़ित महिला की मेडिकल रिर्पोट की कम्प्यूटर टाइप प्रति पीड़िता को भी देने और रिपोर्ट में केवल उसी घटना का वर्णन करने, आयोग के सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा देने, मानदेय की विसंगतियों को दूर करने, प्रत्येक शासकीय चिकित्सालय में एक महिला चिकित्सक की आवश्यकतानुसार नियुक्ति करने आदि की अनुशंसा राज्य शासन से करने का निर्णय लिया ।
बैठक में अध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग, श्रीमती उपमा राय, सदस्यगण श्रीमती शशि सिन्हो, श्रीमती स्नेहलता उपाध्याय, सुश्री ज्योति येवतीकर और श्रीमती वंदना मण्डावी सहित महिला एवं बाल विकास, पुलिस, स्वास्थ्य, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, विधि, सामाजिक न्याय आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
अध्यक्ष श्रीमती उपमा राय ने कहा कि राज्य सरकार समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित है । इसलिए जननी सुरक्षा योजना में बैंक में पहले 500 रूपये से हितग्राही खाता खुलवाकर योजना की राशि देने के नियम को शिथिल करते हुए शून्य बैलेन्स पर खाता खुलना चाहिए। इसी तरह आयोग ने कहा कि बलात्कार पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट की भाषा संयत हो और पीड़िता को भी पढ़कर सुनाई जाए। साथ ही पीड़िता के न्यायायिक अधिकारी के समक्ष दो दिन के भीतर बयान दर्ज हो जाए ताकि दबाव में लाकर पीड़िता को बयान बदलने के लिए विरोधी पार्टी मजबूर न कर सके ।
बैठक में आयोग के अध्यक्ष को महिला आयोग गठन की अधिसूचना जारी होने के साथ ही केबिनेट मंत्री और सदस्यों को राज्यमंत्रीका दर्जा दिए जाने की और अन्य आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के समान मानदेय देने की भी अनुशंसा की गई। बैठक में आयोग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को समयमान एवं वेतनमान देने पर भी चर्चा की गई । गरीब महिलाओं को प्रसव के समय एक किट जिसमें बिछौना, कंबल, नेपकिन, नवजात के वस्त्र इत्यादित स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराने की भी अनुशंसा की गई ।
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