पूर्व मंत्री सुखराम को 5 साल की सजा
1996
के टेलिकॉम
घोटाले में
दोषी करार दिए
गए पूर्व
टेलिकॉम
मिनिस्टर
सुखराम को
कोर्ट ने 5 साल
सश्रम
कारावास की
सजा सुनाई है।
साथ ही उन्हें
4 लाख रुपये
जुर्माना भी
देना होगा।
इसके पहले
सुखराम ने
कोर्ट से
गुजारिश की थी
कि उनकी 86 साल
की उम्र को
देखते हुए,
उन्हें सजा
में रियायत दी
जाए। कोर्ट ने
इसे दरकिनार
कर दिया और
उन्हें 5 साल
की कारावास की
सजा
सनाई।
इससे पहले सीबीआई ने कोर्ट में सुखराम को 'आदतन अपराधी' बताते हुए उनके लिए अधिकतम सजा की मांग की थी। जिन धाराओं में सुखराम को दोषी करार दिया गया है उसमें अधिकतम 7 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।
पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर सुखराम को निचली अदालत ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के मामले में शुक्रवार को दोषी करार दिया था।
सुखराम पर आरोप था कि उन्होंने केबल सप्लाई कंपनी को अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फेवर किया। इस मामले में सुखराम के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आपराधिक साजिश रचने के मामले में केस दर्ज किया गया था। रोहिणी की अदालत ने सुखराम को इस मामले में दोषी करार दिया और सजा पर फैसले के लिए आज यानी शनिवार की तारीख तय की थी।
इस मामले में सुखराम के खिलाफ सीबीआई ने 1998 में चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई के मुताबिक, सुखराम 1996 में टेलिकॉम मंत्री थे। 8 मई, 1996 को सुखराम ने एक प्राइवेट फर्म को केबल बिछाने के लिए 30 करोड़ रुपये में ठेका दिया। इसके तहत कंपनी को एक विशेष प्रकार का केबल बिछाना था। उक्त कंपनी को ठेका देने के एवज में सुखराम ने 3 लाख रुपये रिश्वत लिए थे। अदालत ने सीबीआई की इन दलीलों को स्वीकार कर लिया।
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