नयी दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने एक ‘फ़र्जी’ रक्षा सौदे में कथित तौर पर
अज्ञात लोगों से एक लाख रुपए लेकर उन्हें फ़ायदा पहुंचाने के मामले में
पूर्व भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण के खिलाफ़ आपराधिक कार्यवाही निरस्त
करने से आज इंकार कर दिया.
न्यायमूर्ति ए.के गांगुली की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस मामले में चल रही निचली अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. हालांकि न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मामले की पात्रता पर अपनी कोई राय नहीं दे रहा है और इसका फ़ैसला जांच अदालत करेगी.
गौरतलब है कि 72 वर्षीय बंगारू लक्ष्मण ने दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से कार्यवाही निरस्त करने से इंकार करने के फ़ैसले के खिलाफ़ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी. गौरतलब है कि यह मामला वर्ष 2001 में तहलका न्यूज पोर्टल की ओर से किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है.
न्यायमूर्ति ए.के गांगुली की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस मामले में चल रही निचली अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. हालांकि न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मामले की पात्रता पर अपनी कोई राय नहीं दे रहा है और इसका फ़ैसला जांच अदालत करेगी.
गौरतलब है कि 72 वर्षीय बंगारू लक्ष्मण ने दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से कार्यवाही निरस्त करने से इंकार करने के फ़ैसले के खिलाफ़ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी. गौरतलब है कि यह मामला वर्ष 2001 में तहलका न्यूज पोर्टल की ओर से किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है.
No comments:
Post a Comment