'कलिनायक' किताब में लगाए गए आरोपों पर रमेश चंद्र अग्रवाल से जवाब तलब
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'कलिनायक' किताब और 'कलिनायक' प्रकाशन के बारे में सबको पता होगा. इस किताब में दैनिक भास्कर के मालिक रमेश चंद्र अग्रवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. दरअसल दैनिक भास्कर ब्रांड नेम को लेकर अग्रवाल फेमिली में गंभीर विवाद चला है और अब भी चल रहा है. इस लड़ाई में जीत के लिए हर तरह के छल-बल का इस्तेमाल किया जा चुका है. रमेश चंद्र अग्रवाल ने अगर अपने हिस्से के भास्कर को बढ़ाने व दूसरों को पछाड़ने के लिए सारे हथकंडे अपनाए तो उनके विरोधी खेमे के लोग उनकी करतूतों का भंडाफोड़ करने व उन्हें नीचा दिखाने के लिए हर तरह के प्रयास करते रहे.
बताते हैं कि 'कलिनायक' किताब इसी विवाद की उपज है. इस किताब के प्रकाशकों ने चतुराई दिखाते हुए रमेश चंद्र अग्रवाल विरोधी इस किताब के विज्ञापन का प्रकाशन दैनिक भास्कर के सभी एडिशन्स में एक बार करा दिया था. तब भड़ास4मीडिया ने इसका खुलासा किया था. कलिनायक किताब का प्रकरण अदालत और पुलिस के पास पहुंच गया है. रमेश चंद्र अग्रवाल खेमे ने कोर्ट व पुलिस के जरिए कलिनायक प्रकाशन वालों को पकड़ने-जकड़ने की तैयारी की है तो इस किताब के प्रकाशकों ने भी तू डाल डाल तो मैं पात पात के अंदाज में पुलिस और अदालत के जरिए रमेश चंद्र अग्रवाल को घेरने की भरपूर कोशिश की है.
इसी क्रम में मध्य प्रदेश पुलिस ने कलिनायक किताब के जरिए रमेश चंद्र अग्रवाल पर लगाए गए आरोपों के बारे में खुद रमेश चंद्र अग्रवाल से जवाब तलब किया है. जांच अधिकारी ने कलिनायक प्रकाशन के वकील को पत्र के जरिए इसकी सूचना भी दी है कि रमेश चंद्र अग्रवाल से आरोपों के बारे में पूछा गया है और अभी तक उनका जवाब नहीं आया है. ये रहे पत्र...
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