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विशेष अनुसंधान सेल प्रभारी आई.एच. खान ने मामले में खुलासा करते हुए बताया कि अग्रोहा गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित रायपुर से 1 अगस्त 1985 को 2400 वर्गफूट भूखण्ड क्र. सी-16 सेक्टर 2 अपने निवास प्रयोजन हेतु सुरेश अग्रवाल ने खरीदा था। संस्था का पंजीयन 1 अगस्त 1985 को किया गया था, उक्त भूखण्ड संस्था के अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल पिता सूरजमल अग्रवाल के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान खरीदा गया था। इसी भूखण्ड को आरोपी संतोष अग्रवाल पिता स्व. आर.डी. अग्रवाल सा. सिध्दार्थ चौक ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान सुरेश अग्रवाल की बिना सहमति के 12 मई 2003 को नमिता मूथा पति प्रदीप मूथा सा. मकान नं. पी.पी.-32 पखांजूर जिला कांकेर से राशि 2,40,000 रु. लेकर विक्रय कर विक्रय पत्र उनके नाम से निष्पादित कर दिया। इसके बाद इसी भूखण्ड क्र. सी-16 सेक्टर 2 क्षेत्रफल 2400 वर्गफूट को 22 मई 2003 को बृजलाल बैनर्जी पिता श्यामचरण बैनर्जी पखांजूर जिला कांकेर से अध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने नगदी 2,40,000 रु. नगद प्राप्त कर 22 मई 2003 को विक्रय विलेख निष्पादित कर दिया।
इसी प्रकार भूखण्ड ई-7 सेक्टर 1 क्षेत्रफल 2400 वर्गफूट जमीन को 26 सितंबर 2001 को नरेश कुमार अग्रवाल पिता स्व. जगदीश प्रसाद अग्रवाल रायपुर से नगदी 72,000 रु. लेकर आरोपिया नीलम अग्रवाल पति बालकृष्ण अग्रवाल ने अपने पति प्रबंधक बालकृष्ण अग्रवाल के साथ मिलीभगत करके विक्रय कर आबंटन कर दिया। जिसे आरोपी संतोष अग्रवाल ने संस्था के अध्यक्ष की हैसियत से 17 सितंबर 2002 को मीरा चंद्राकर पखांजूर से राशि 2,40,000 रुपए प्राप्त कर पुन: रजिस्ट्री कर दियाथ। इसी भूखण्ड को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया फाफाडीह रायपुर में बंधक रखकर मीरा चंद्राकर पखांजूर को संस्था द्वारा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से आवास ऋण दिलवाया गया। बैंक को ऋण अदायगी न होने की स्थिति में बैंक ने उक्त भूखण्ड को निलाम कर दिया। उक्त दोनों विक्रय की गई पखांजूर को भूखण्डों की राशि को संस्था के दोनों बैंक के खाते में जमा नहीं कराकर अध्यक्ष प्रबंधक द्वारा धोखाधड़ी किया गया।
इसी प्रकार संस्था के शिक्षण प्रयोजन हेतु सुरक्षित भूखण्ड साइज 6.54 एकड़ को संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष आरोपी नीलम अग्रवाल पति बालकृष्ण अग्रवाल ने अपने कार्यकाल में अपने पति प्रबंधक बालकृष्ण अग्रवाल से मिलीभगत कर षड़यंत्र पूर्वक 50 लाख रुपए का चेक लेकर मेसर्स जयनारायण हरिराम गोयल चेरीटेबल ट्रस्ट रायपुर को विक्रय कर दिया चेक को संस्था के खाते में जमा कर नगद राशि निकालकर अपने पास रख कर संस्था के साथ धोखाधड़ी किया गया।
आरोपी बालकृष्ण अग्रवाल |
रायपुर
! अग्रोहा गृह निर्माण सहकारी समिति में हुए करोड़ों रुपए घोटाले में
पुलिस ने फरार आरोपी संतोष अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। पकड़े आरोपी से
विशेष अनुसंधान सेल में पूछताछ चल रही है। वहीं इस घोटाले में फरार अन्य
आरोपी बालकृष्ण अग्रवाल, नीलम अग्रवाल एवं कृष्ण कुमार गहरे की धरपकड़ के
लिए प्रयास तेज कर दी है, जो फरार बताए गए हैं।
विशेष अनुसंधान सेल प्रभारी आई.एच. खान ने मामले में खुलासा करते हुए बताया कि अग्रोहा गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित रायपुर से 1 अगस्त 1985 को 2400 वर्गफूट भूखण्ड क्र. सी-16 सेक्टर 2 अपने निवास प्रयोजन हेतु सुरेश अग्रवाल ने खरीदा था। संस्था का पंजीयन 1 अगस्त 1985 को किया गया था, उक्त भूखण्ड संस्था के अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल पिता सूरजमल अग्रवाल के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान खरीदा गया था। इसी भूखण्ड को आरोपी संतोष अग्रवाल पिता स्व. आर.डी. अग्रवाल सा. सिध्दार्थ चौक ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान सुरेश अग्रवाल की बिना सहमति के 12 मई 2003 को नमिता मूथा पति प्रदीप मूथा सा. मकान नं. पी.पी.-32 पखांजूर जिला कांकेर से राशि 2,40,000 रु. लेकर विक्रय कर विक्रय पत्र उनके नाम से निष्पादित कर दिया। इसके बाद इसी भूखण्ड क्र. सी-16 सेक्टर 2 क्षेत्रफल 2400 वर्गफूट को 22 मई 2003 को बृजलाल बैनर्जी पिता श्यामचरण बैनर्जी पखांजूर जिला कांकेर से अध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने नगदी 2,40,000 रु. नगद प्राप्त कर 22 मई 2003 को विक्रय विलेख निष्पादित कर दिया।
इसी प्रकार भूखण्ड ई-7 सेक्टर 1 क्षेत्रफल 2400 वर्गफूट जमीन को 26 सितंबर 2001 को नरेश कुमार अग्रवाल पिता स्व. जगदीश प्रसाद अग्रवाल रायपुर से नगदी 72,000 रु. लेकर आरोपिया नीलम अग्रवाल पति बालकृष्ण अग्रवाल ने अपने पति प्रबंधक बालकृष्ण अग्रवाल के साथ मिलीभगत करके विक्रय कर आबंटन कर दिया। जिसे आरोपी संतोष अग्रवाल ने संस्था के अध्यक्ष की हैसियत से 17 सितंबर 2002 को मीरा चंद्राकर पखांजूर से राशि 2,40,000 रुपए प्राप्त कर पुन: रजिस्ट्री कर दियाथ। इसी भूखण्ड को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया फाफाडीह रायपुर में बंधक रखकर मीरा चंद्राकर पखांजूर को संस्था द्वारा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से आवास ऋण दिलवाया गया। बैंक को ऋण अदायगी न होने की स्थिति में बैंक ने उक्त भूखण्ड को निलाम कर दिया। उक्त दोनों विक्रय की गई पखांजूर को भूखण्डों की राशि को संस्था के दोनों बैंक के खाते में जमा नहीं कराकर अध्यक्ष प्रबंधक द्वारा धोखाधड़ी किया गया।
इसी प्रकार संस्था के शिक्षण प्रयोजन हेतु सुरक्षित भूखण्ड साइज 6.54 एकड़ को संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष आरोपी नीलम अग्रवाल पति बालकृष्ण अग्रवाल ने अपने कार्यकाल में अपने पति प्रबंधक बालकृष्ण अग्रवाल से मिलीभगत कर षड़यंत्र पूर्वक 50 लाख रुपए का चेक लेकर मेसर्स जयनारायण हरिराम गोयल चेरीटेबल ट्रस्ट रायपुर को विक्रय कर दिया चेक को संस्था के खाते में जमा कर नगद राशि निकालकर अपने पास रख कर संस्था के साथ धोखाधड़ी किया गया।
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